Fact Check : IPS रूपा के नाम से वायरल हो रही है फर्जी पोस्ट
- By: Ashish Maharishi
- Published: Jun 3, 2019 at 06:41 PM
- Updated: Jun 3, 2019 at 07:32 PM
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया में IPS रूपा यादव के नाम से जुड़ी एक फर्जी पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि इस IPS ने मोदी सरकार से अवॉर्ड लेने से मना कर दिया। विश्वास टीम ने जब इस पोस्ट की पड़ताल की तो यह फर्जी साबित हुई। पोस्ट के साथ जिस IPS की तस्वीर का यूज किया गया है, उनका नाम डी. रूपा है। उनका सरनेम यादव है ही नहीं। दूसरी बात, उन्हें किसी भी ऐसे अवॉर्ड की जानकारी नहीं है।
क्या है वायरल पोस्ट में
2 जून को अंधभक्त धुलाई सेंटर नाम के फेसबुक पेज पर IPS डी. रूपा की तस्वीर का यूज करते हुए लिखा गया : ”आईपीएस #रुपा यादव जी ने मोदी सरकार से #अवार्ड लेने से मना कर दिया है, बोली मेरा जमीर इजाज़त नही देता कि हमारे देश के शहीद #हेमंतकरकरे जिन्हें वीरता का सर्वोच्च सम्मान मिला है को भाजपा की नवनिर्वाचित सांसद जो आतंकवाद की आरोपी है वो करकरे जी को देशद्रोही और गद्दार और गालियां देती और और उसकी पार्टी यहां मुझे अवार्ड देकर ढोंग कर रही। #सैल्यूट तो बनता है भाईयों।”
इस पोस्ट को अब तक 167 लोग शेयर कर चुके हैं। कमेंट करने वालों की संख्या भी कम नहीं है। हर कोई इस पोस्ट के जरिए IPS का सैल्यूट कर रहा है। इस पोस्ट को Twitter और Whatsapp के जरिए भी फैलाया जा रहा है।
पड़ताल
सोशल मीडिया में वायरल हो रही इस पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए विश्वास टीम ने इसकी पड़ताल करने का तय किया। पड़ताल के लिए हमने पोस्ट को दो भागों में बांटा। सबसे पहले हमने वायरल पोस्ट के साथ यूज की गई तस्वीर को जांचा। इसके बाद वायरल पोस्ट के दावे को।
सबसे पहले बात करते हैं तस्वीर की। इस तस्वीर को हमने गूगल रिवर्स इमेज टूल के जरिए सर्च किया। यह फोटो हमें कई वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मिली। इस तस्वीर को IPS-Indian Police Service नाम के फेसबुक पेज पर 23 सितंबर 2018 को अपलोड की गई थी। इस महिला IPS का नाम रूपा यादव नहीं, बल्कि रूपा डी मुद्गिल है।
इसके बाद हमने गूगल में IPS Roopa D. Moudgil टाइप करके सर्च किया। यहां हमें इनका एक विकीपीडिया पेज मिला। इस पेज के मुताबिक, रूपा का पूरा नाम रूपा दिवाकर मुद्गिल है। रूपा कनार्टक की पहली महिला आईपीएस हैं। रेलवे में आईजीपी (IGP) के पद पर तैनात हैं। इनसे जुड़ी जानकारी आप यहां पढ़ सकते हैं।
इतना करने के बाद विश्वास टीम ने रूपा डी मुद्गिल के सोशल अकाउंट को स्कैन किया। हमें उनके ट्विटर हैंडल @D_Roopa_IPS पर एक ट्वीट मिला। 2 जून को रात 9:45 किए गए इस ट्वीट में IPS रूपा ने फर्जी पोस्ट को लेकर अपनी बात रखी थी। इसके बाद हमने IPS रूपा के ट्विटर हैंडल के जरिए उन तक पहुंचे और उनसे संपर्क किया। IPS रूपा के मुताबिक, वायरल पोस्ट में दावा किए जा रहे जैसा कोई अवार्ड पुलिसवालों के लिए नहीं होता है। हमें प्रेसिंडेंट पुलिस मेडल अवॉर्ड मिलता है। जो कि मुझे मिल चुका है। पोस्ट में तस्वीर मेरी है, लेकिन सरनेम गलत है। वायरल पोस्ट फर्जी है।
अंत में विश्वास टीम ने फर्जी पोस्ट वायरल करने वाले फेसबुक पेज ‘अंधभक्त धुलाई सेंटर’ (@SAFarooquii1) की सोशल स्कैनिंग की। इसमें हमने Stalkscan टूल की मदद ली। इससे हमें पता चला कि इस पेज को छह हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यहां दी गई जानकारी के अनुसार, इस पेज को समीर अली फारुकी नाम का कोई शख्स चलाता है।
निष्कर्ष : विश्वास टीम की पड़ताल में पता चला कि जिस IPS रूपा की तस्वीर का यूज करते हुए अवॉर्ड लौटाने का दावा किया जा रहा है, वह फर्जी है।
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- Claim Review : आईपीएस #रुपा यादव जी ने मोदी सरकार से #अवार्ड लेने से मना कर दिया है,
- Claimed By : अंधभक्त धुलाई सेंटर
- Fact Check : झूठ