Fact Check : मास्‍क चेकिंग के नाम पर वायरल हुई यूपी पुलिस से जुड़ी फेक पोस्‍ट

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में यूपी पुलिस के नाम पर वायरल पोस्ट फर्जी निकली। यूपी पुलिस की ओर से मास्‍क नहीं पहनने पर 10 घंटे की जेल जैसा कोई फैसला नहीं लिया गया है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। देश में कोविड के बढ़ते केस के बीच सोशल मीडिया में यूपी पुलिस के नाम पर एक पोस्‍ट वायरल हो रही है। इसे वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस 30 दिन का मास्‍क चेकिंग अभियान शुरू करने जा रही है। इसके तहत बिना मास्‍क के पकड़े जाने वालों को 10 घंटे की अस्‍थाई कारावास की सजा मिलेगी। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट पूरी तरह फर्जी निकली। यूपी पुलिस की ओर से ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर पूरण चंद जोशी ने 6 जनवरी की देर रात एक पोस्‍ट अपलोड किया। उसमें यूपी पुलिस का लोगो इस्‍तेमाल करते हुए लिखा गया, ‘कल प्रातः 9 बजे से उत्तर प्रदेश के सभी थाना क्षेत्रों में मास्क चैकिंग का 30 दिनों का अभियान चलेगा सभी शहर एवं ग्रामवासी मास्क का प्रयोग करें और चालान की कार्यवाही से बचें और साथ ही 10 घंटे की अस्थाई कारावास (जेल) सजा से भी बचे। निवेदक – उत्तर प्रदेश पुलिस. उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जनहित में जारी.’

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट का यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसके आकाईव्‍ड वर्जन को यहां देखें। वायरल पोस्‍ट को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की तह में जाने के लिए सबसे पहले यूपी पुलिस के फैक्‍ट चेक हैंडल @UPPViralCheck को खंगालना शुरू किया। वहां हमें वायरल पोस्‍ट का खंडन करती एक पोस्‍ट मिली। इसमें लिखा गया कि यूपी पुलिस द्वारा ऐसी कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है पर सबको ये एडवाइस ज़रूर है कि मास्क ज़रूर पहनें। मास्क एन्फ़ोर्समेंट 30 दिन ही नहीं, बल्कि कोविड का प्रकोप रहने तक जारी रहेगा। मास्क न पहनने पर विधिक कार्यवाही की जायेगी। अस्थायी कारावास का प्रावधान नहीं है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने नोएड एसीपी रजनीश वर्मा से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि यूपी पुलिस की ओर से ऐसी कोई एडवाइजरी नहीं जारी की गई है। लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने और मास्क पहनने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

वायरल पोस्‍ट पहले भी एक बार वायरल हो चुकी है। जिसकी जांच विश्‍वास न्‍यूज ने की थी। पिछली पड़ताल को यहां पढ़ें।

विश्‍वास न्‍यूज को अब यह जानना था कि फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर कौन है। फेसबुक यूजर पूरण चंद जोशी की सोशल स्‍कैनिंग से पता चला कि यूजर गुजरात के रहने वाले हैं। इनके अकाउंट को तीन सौ से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में यूपी पुलिस के नाम पर वायरल पोस्ट फर्जी निकली। यूपी पुलिस की ओर से मास्‍क नहीं पहनने पर 10 घंटे की जेल जैसा कोई फैसला नहीं लिया गया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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