Fact Check : लुलु मॉल में गिरफ्तारी से जुड़ी वायरल पोस्‍ट भ्रामक है, सच यहां जानें

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में लुलु मॉल में नमाज पढ़ने के आरोप में हिंदू शख्‍सों की गिरफ्तारी का दावा करने वाली पोस्‍ट झूठी साबित हुई। सरोजनाथ योगी, कृष्ण कुमार पाठक और गौरव गोस्वामी को मॉल में हनुमान चालीसा पढ़ने की कोशिश में केस दर्ज करके अरेस्‍ट किया गया।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थिति लुलु मॉल में नमाज पढ़े जाने की विवादित घटना के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक मैसेज में दावा किया जा रहा है कि जिन लोगों ने लुलु मॉल में नमाज पढ़कर विवाद खड़ा किया वह मुस्लिम नहीं बल्कि हिंदू समुदाय के लोग थे। पुलिस ने ऐसा करने वाले सरोजनाथ योगी, कृष्ण कुमार पाठक और गौरव गोस्वामी को गिरफ्तार कर लिया है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया, जिसे संप्रदाय विशेष को बदनाम करने की बदनीयती से फैलाया जा रहा है। जिन तीन हिंदुओं को गिरफ्तार किया गया है, वे लुलु मॉल में नमाज पढ़े जाने की घटना की प्रतिक्रिया में मॉल में हनुमान चालीसा पढ़ने की कोशिश कर रहे थे। वहीं अरशद अली को नमाज पढ़ने के प्रयास में पकड़ा गया है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर इरफान सिद्दीकी ने ‘आई एम विथ रविश कुमार’ नाम के एक ग्रुप पर पोस्‍ट किया : ‘लुलु मॉल में महज 18 सेकेंड में नमाज पढ़कर विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए सरोजनाथ योगी, कृष्ण कुमार पाठक, गौरव गोस्वामी को हार्दिक बधाई।’

फेसबुक यूजर शमशेद खान ने 18 जुलाई को एक पोस्‍ट करते हुए दावा किया : ‘लुलु मॉल में नमाज़ पढ़ने वालों के नाम- सरोज नाथ योगी, कृष्ण पाठक, गौरव गोस्वामी।’

फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट में लिखी गई बातों को यहां ज्यों का त्यों पेश किया गया है। इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी कई अन्य यूजर्स ने इसे समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज तहकीकात को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, लखनऊ के ईपेपर को खंगालना शुरू किया। 16 जुलाई को पब्लिश एक खबर में बताया गया कि हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए लुलु मॉल में पहुंचे हिंदू समाज पार्टी के योगी सरोज आजाद, कृष्ण कुमार पाठक और गौरव गोस्वामी को अरेस्‍ट किया गया। इनके अलावा नमाज पढ़ने पहुंचे अरशद अली को भी अरेस्ट किया गया। पूरी खबर नीचे पढ़ी जा सकती है।

जांच के अगले चरण में विश्‍वास न्‍यूज ने लखनऊ पुलिस से जुड़ी सोशल मीडिया हैंडल का रूख किया। 17 जुलाई को लखनऊ पुलिस कमिश्‍नरेट की ओर से वायरल मैसेज का खंडन करते हुए बताया गया कि सोशल मीडिया पर लुलु मॉल प्रकरण के सम्बन्ध में कुछ युवकों का नाम लेकर भ्रामक खबरें प्रसारित की जा रही है, जो कि पूर्णतया असत्य है। लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस इस भ्रामक खबर का पूर्ण रूप से खण्डन करती है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, लखनऊ के वरिष्‍ठ क्राइम रिपोर्टर ज्ञान बिहारी मिश्र से संपर्क किया। उन्‍होंने वायरल पोस्‍ट के संबंध में लखनऊ के पुलिस आयुक्‍त डीके ठाकुर से बात की। उन्‍होंने स्‍पष्‍ट करते हुए बताया कि वायरल मैसेज फेक है। इस तरह की किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मॉल में नमाज की घटना के बाद मॉल प्रशासन की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई है।

19 जुलाई को फैक्‍ट चेक किए जाने तक उस केस में चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। छह अन्‍य आरोपियों की तलाश जारी है।

लुलु माल : क्‍या है पूरा मामला

लुलु ग्रुप इंटरनेशनल एक मल्टीनेशनल कंपनी है, जिसका हेडक्वार्टर अबू धाबी में है। भारत की बात करें तो अभी तक इस कंपनी ने कोच्चि में सबसे बड़ा माल बनाया है। कोच्चि, बेंगलुरु और तिरुवनंतपुरम के बाद लखनऊ चौथा शहर है, जहां उसने अपना सुपरमार्केट खोला है। लुलु ग्रुप ने उत्तर भारत का पहला मॉल लखनऊ में खोला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में बकरीद यानी 10 जुलाई को मॉल का उद्घाटन किया। इसके दो दिन बाद ही मॉल में नमाज पढ़ने का एक वीडियो वायरल होने के बाद कुछ हिंदू संगठनों ने वहां हनुमान चालीसा व सुंदर कांड की घोषणा भी कर दी। जिसके बाद कई लोगों को अरेस्ट किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए लखनऊ दक्षिण के डीसीपी को हटाया गया। साथ में प्रभारी निरीक्षक को भी लाइन हाजिर कर दिया गया। अब मॉल के पूरे इलाके में ड्रोन से नजर रखी जा रही है। पुलिस के अलावा पीएसी को भी तैनात कर दिया गया, ताकि उपद्रवी तत्‍व किसी भी प्रकार से माहौल खराब न कर सकें।

पड़ताल के अंत में फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर इरफान सिद्दीकी यूपी के लखनऊ के रहने वाले हैं। इस अकाउंट को पांच सौ से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में लुलु मॉल में नमाज पढ़ने के आरोप में हिंदू शख्‍सों की गिरफ्तारी का दावा करने वाली पोस्‍ट झूठी साबित हुई। सरोजनाथ योगी, कृष्ण कुमार पाठक और गौरव गोस्वामी को मॉल में हनुमान चालीसा पढ़ने की कोशिश में केस दर्ज करके अरेस्‍ट किया गया।

False
Symbols that define nature of fake news
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