Fact Check : राहुल गांधी के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने के लिए वायरल की गई Fake Post

यह पोस्‍ट पहले भी कई बार वायरल की जा चुकी है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के एक्‍स पोस्‍ट के नाम पर एक बार फिर से एक पोस्‍ट वायरल हो रही है। इसमें दावा किया गया है कि राहुल गांधी ने वायनाड से नागरिकता बिल को लेकर एक पोस्‍ट किया है। इसे सच मानकर सोशल मीडिया के अलग-अलग प्‍लेटफॉर्म पर वायरल किया जा रहा है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुआ। हमारी पड़ताल में यह साबित हुआ कि राहुल गांधी ने ऐसी कोई पोस्‍ट नहीं की है, जैसा कि वायरल पोस्‍ट में दावा किया जा रहा है। यह पोस्‍ट पहले भी कई बार वायरल की जा चुकी है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर विश्‍वजीत ठाकुर ने 18 जून को एक फर्जी एक्‍स पोस्‍ट का स्‍क्रीनशॉट वायरल किया। इसमें दावा किया गया कि राहुल गांधी ने वायनाड से यह ट्वीट किया है। इसमें राहुल गांधी की तस्‍वीर और एबीपी न्यूज का लोगो इस्‍तेमाल करते हुए राहुल गांधी के हवाले से लिखा गया, “राहुल गांधी का ट्वीट, नागरिकता बिल पास करा बीजेपी हिंदू राष्‍ट्र के एजेंडे पर चल रही है। हमारे पूर्वजों का एजेंडा हमेशा से इस्‍लामिक कंट्री पर रहा है। इसीलिए हमने दो इस्‍लामिक कंट्री बनाएं। पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश। अब हम भारत को हिंदू राष्‍ट्र बनते नहीं देख सकते।”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने राहुल गांधी के नाम से वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले गूगल ओपन सर्च टूल का इस्‍तेमाल किया। वायरल पोस्‍ट के आधार पर कीवर्ड बनाकर सर्च किया गया। हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जो वायरल दावे की सत्‍यता की पुष्टि करती हो।

सर्च के दौरान हमें फेसबुक पर पुरानी कई ऐसी पोस्‍ट मिली, जो वायरल पोस्‍ट के कंटेंट का इस्‍तेमाल करके बनाई गई थी।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट को ध्‍यान से देखा। इसमें हमें हिंदी की बेसिक गलतियां नजर आईं। वहीं, वायरल पोस्‍ट को ऐसे बनाया गया कि देखने वालों को लगे कि यह किसी न्‍यूज चैनल की प्‍लेट है। इसमें राहुल गांधी की जो तस्‍वीर लगाई गई है, वह कहीं से कट-पेस्‍ट की गई है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने वायरल पोस्‍ट को राहुल गांधी के एक्‍स हैंडल पर सर्च किया । वहां भी हमें ऐसी कोई पोस्‍ट नहीं मिली। नागरिकता संशोधन को लेकर राहुल गांधी ने 10 दिसंबर 2019 को एक पोस्‍ट की थी। इसे नीचे देखा जा सकता है।

गूगल सर्च के दौरान राहुल गांधी और नागरिकता संशोधन बिल को लेकर कई खबरें मिलीं। 10 दिसंबर 2019 को एनडीटीवी की वेबसाइट पर पब्लिश खबर में राहुल गांधी के एक बयान का जिक्र किया गया। इसमें उन्‍होंने कहा कि यह विधेयक संविधान पर हमला है। इस बिल का समर्थन करना भारत की बुनियाद को नष्ट करने की कोशिश होगी। गौरतलब है कि लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी गई है। इसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, जैन और ईसाई समुदायों के लोग भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, खबर में वायरल दावे जैसा कोई जिक्र नहीं मिला।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम के गिरीश कुमार से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल पोस्‍ट वाली बात राहुल गांधी ने कभी नहीं कही। ना ही उन्‍होंने ऐसी कोई सोशल मीडिया पोस्‍ट की। आईटी सेल वाले जानबूझकर ऐसी फर्जी पोस्‍ट कर रहे हैं, क्‍योंकि उनके पास बात करने के लिए मुद्दे नहीं है।

विश्‍वास न्‍यूज की पिछली पड़ताल को विस्‍तार से यहां पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल के अंत में झूठे दावे वाली पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर विश्‍वजीत ठाकुर श्रीगंगानगर में रहता है। इससे ज्‍यादा जानकारी इस अकाउंट के बारे में नहीं मिली।

निष्कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में कांग्रेस सांसद के नाम से वायरल पोस्‍ट फेक साबित हुई। उन्‍होंने कभी भी ऐसा कोई बयान नहीं दिया। न्यूज चैनल के लोगो का गलत इस्‍तेमाल करते हुए वायरल पोस्‍ट को तैयार किया गया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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