Fact Check : वाराणसी में इंस्‍पेक्‍टर की पिटाई करने वाले भाजपा कार्यकर्ता नहीं थे

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक घायल इंस्‍पेक्‍टर की तस्‍वीर वायरल हो रही है। इस तस्‍वीर को लेकर इंटरनेट पर दावा किया जा रहा है कि बनारस में भाजपा नेता के यहां बिजली चोरी पकड़ने गए इंस्‍पेक्‍टर की कार्यकर्ताओं ने बुरी तरह पिटाई की। विश्‍वास टीम की पड़ताल में यह दावा फर्जी साबित हुआ। तस्‍वीर 9 जून की है। जब इंस्‍पेक्‍टर बनारस के कैंट थाना क्षेत्र में बिजली चेकिंग के लिए पहुंचे थे। उस वक्‍त स्‍थानीय लोगों ने उन पर हमला बोल दिया था,लेकिन इसका भाजपा से कोई संबंध नहीं था।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर पवन सिंह ने 10 जून को एक घायल इंस्‍पेक्‍टर की तस्‍वीर को अपलोड करते हुए लिखा : ”बनारस मे भाजपा नेता के यहा #बिजली_चोरी पकङने गये इंस्पेक्टर को भाजपा कार्यकर्ताओं ने बुरी तरह मारा।”

इस पोस्‍ट को अब तक 350 से अधिक लोग शेयर कर चुके हैं।

पड़ताल

विश्‍वास टीम ने सबसे पहले ‘वाराणसी में इंस्‍पेक्‍टर को पीटा’ कीवर्ड डालकर गूगल में संबंधित खबरों को सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट पर एक खबर मिली। इसकी हेडिंग थी : बिजली चोरी की सूचना पर जांच में गए प्रवर्तन दल के इंस्पेक्टर को बुरी तरह पीटा

खबर में बताया गया कि बिजली चोरी की पूर्व सूचना पर प्रवर्तन दल के निरीक्षक दीपक कुमार श्रीवास्तव पांडेयपुर स्थित विराट नगर कॉलोनी में आरओ संचालक अमृत लाल के यहां जांच में गए थे। मौके पर पाया कि पोल से दूसरा कनेक्शन लेकर प्लांट का संचालन किया जा रहा है। इस बाबत पूछताछ करने पर भड़के अमृतलाल, पत्नी फूलपत्ती देवी पुत्र रौशन, निशु सहित आधा दर्जन अज्ञात हमलावरों ने लाठी डंडे, ईट पत्थर से निरीक्षक पर हमला कर दिया।

इसके बाद विश्‍वास टीम ने दैनिक जागरण के वाराणसी संस्‍करण को स्‍कैन किया। 10 जून 2019 के अखबार के पेज नंबर पांच पर ‘फॉलोअर ने इंस्‍पेक्‍टर को लाठियों से पीटा’ शीर्षक से खबर प्रकाशित हुई थी। खबर में वही बताया गया था, जो कि दैनिक जागरण की वेबसाइट की खबर में कहा गया।

वाराणसी के कैंट पुलिस स्‍टेशन के इंस्‍पेक्‍टर विजय बहादुर सिंह ने विश्वास टीम से बात करते हुए कहा कि जिस घटना की आप बात कर रहे हैं, वह 9 जून की है। इंस्‍पेक्‍टर दीपक कुमार श्रीवास्‍तव पर पुलिस विभाग के फॉलोअर के परिवार के लोगों ने हमला किया था। इंस्‍पेक्‍टर दीपक श्रीवास्‍वत आरओ प्लांट की जांच के लिए पहुंचे थे। घटना के बाद पुलिस पांच आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर चुकी है। इस घटना का भाजपा या उसके किसी भी नेता से कोई संबंध नहीं है।

अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट वायरल करने वाले पवन सिंह नाम के फेसबुक अकाउंट की सोशल स्‍कैनिंग की। यह एक फर्जी अकाउंट निकला। इस अकाउंट पर एक खास दल के पक्ष में पोस्‍ट की जाती है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला कि वाराणसी में इंस्‍पेक्‍टर पर हमला करने वाला शख्‍स पुलिस विभाग में फॉलोअर के पद पर तैनात है। फॉलोअर और उसके परिजनों पर पुलिस इंस्‍पेक्‍टर पर हमला करने का आरोप है।

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False
Symbols that define nature of fake news
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