Fact Check : पश्चिम बंगाल के राज्‍यपाल जगदीप धनखड़ की Fake तस्‍वीर वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पश्चिम बंगाल के राज्‍यपाल जगदीप धनखड़ के नाम पर वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। पुरानी तस्‍वीर को मॉर्फ्ड करके इसपर राज्‍यपाल का चेहरा चिपकाया गया है।

Fact Check : पश्चिम बंगाल के राज्‍यपाल जगदीप धनखड़ की Fake तस्‍वीर वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ की सोशल मीडिया में एक फर्जी तस्‍वीर वायरल हो रही है। कुछ लोग इस मॉर्फ्ड तस्‍वीर को वायरल करते हुए दावा का रहे हैं कि ये राज्‍यपाल जगदीप धनखड़ हैं।

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट मॉर्फ्ड साबित हुई। किसी ने राज्‍यपाल पर निशाना साधने के लिए किसी और की ओरिजनल तस्‍वीर पर उनका चेहरा चिपकाकर वायरल कर दिया।

क्‍या हो रहा है वायरल

ट्विटर हैंडल @SekhHasanujjam1 ने 2 मई को एक मॉर्फ्ड तस्‍वीर को ट्वीट करते हुए लिखा : ”@jdhankhar1, another proof which clearly depicts that you are a faithful stooge of BJP RSS..This is the reason you always speaks against WB Govt..
(Pic collected)”

इस तस्‍वीर को बाकायदा राज्‍यपाल जगदीप धनखड़ को टैग भी किया गया।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च किया। हमें शुरूआती सर्च में ही ओरिजनल तस्‍वीर कई जगह मिली। इसके बाद हमने टाइमलाइन टूल का इस्‍तेमाल करते हुए सबसे पुरानी तस्‍वीरों को खोजना शुरू किया।

आखिरकार हमें ओरिजनल तस्‍वीर न्‍यूजवीक नाम की वेबसाइट पर मिली। इसमें बताया गया कि यह तस्‍वीर 3 नवंबर 2014 की उस वक्‍त की है, जब आगरा में राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत एक कैंप को संबोधन के लिए पहुंचे थे।

पड़ताल के दौरान हमें रायटर्स की वेबसाइट पर ओरिजनल तस्‍वीर मिली। इसमें भी तस्‍वीर के बारे में यही बताया गया कि ये तस्‍वीर आगरा की उस वक्‍त की है, जब संघ प्रमुख मोहन भागवत ट्रेनिंग कैंप में आए थे। बात 3 नवंबर 2014 की है।

अब सच हमारे सामने था। संघ की 2014 की पुरानी तस्‍वीर को कुछ लोग मॉर्फ्ड करके वायरल कर रहे हैं।

इसके बाद हमने संघ के दिल्‍ली प्रांत के प्रचार प्रमुख राजीव तुली से संपर्क किया। उन्‍होंने विश्‍वास न्‍यूज को बताया कि राज्‍यपाल जगदीप धनखड़ की छवि बिगाड़ने के लिए इस प्रकार की फोटो बनाई गई है। पश्चिम बंगाल की सरकार तथा उसके समर्थक कोरोना वायरस तथा कानून-व्‍यवस्‍था से निपटने में अपनी नाकामी छुपाने के लिए इस प्रकार के काम करते हैं।

अंत में हमने फर्जी तस्‍वीर फैलाने वाले ट्विटर हैंडल Sekh Hasanujjaman की जांच की। सोशल स्‍कैनिंग में पता चला कि यूजर पश्चिम बंगाल के हावड़ा का रहने वाला है। इसने सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म फरवरी 2020 को ही ज्‍वाइन किया है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पश्चिम बंगाल के राज्‍यपाल जगदीप धनखड़ के नाम पर वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। पुरानी तस्‍वीर को मॉर्फ्ड करके इसपर राज्‍यपाल का चेहरा चिपकाया गया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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