2018 के विधानसभा चुनाव के वक्त की एक खबर को वायरल करके भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है।
नई दिल्ली (Vishvas News)। देश में लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार का गठन हो चुका है, लेकिन अब ईवीएम से जोड़ते हुए एक अखबार की खबर वायरल की जा रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि भाजपा नेता के घर से 66 नकली ईवीएम बरामद हुई है।
इस कटिंग को वायरल करते हुए कुछ यूजर्स भाजपा पर निशाना साध रहे हैं। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह भ्रामक साबित हुई। दरअसल 2018 के विधानसभा चुनाव के वक्त की एक खबर को वायरल करके भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है।
फेसबुक यूजर Ramkrishan Saini II ने 10 जून को एक पोस्ट किया। इसमें अखबार की एक कटिंग का इस्तेमाल किया गया। अखबार की कटिंग में लिखा गया कि जैतारण में मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए बनवाई थी। भाजपा नेता के घर से 66 नकली ईवीएम जब्त।
वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। इसे हालिया समझकर वायरल किया जा रहा है। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज एक बार पहले भी वायरल पोस्ट की जांच कर चुका है। इसके लिए सबसे पहले अखबार की वायरल कटिंग को ध्यान से देखा। इसमें “नवज्योति” और “ब्यावर” लिखा हुआ नजर आया। इससे यह साफ हो गया कि खबर की क्लिपिंग दैनिक नवज्योति नामक अखबार से उठाई गई है। इसके अलावा खबर के अंदर लिखा गया, “सिटी थाना पुलिस ने सोमवार को साकेतनगर हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में एक मकान से मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए नमूने के तौर पर बनाई गई 66 ईवीएम जब्त की है। मशीन जैतारण विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे भाजपा के पूर्व मंत्री एवं निर्दलीय प्रत्याशी सुरेन्द्र गोयल की ओर से बनवाया जाना सामने आया।”
खबर पढ़ने से यह स्पष्ट हो गया कि यह राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान की है। जिस प्रत्याशी ने इसे बनवाया था कि वह भाजपा का पूर्व नेता था। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए गूगल ओपन सर्च टूल का इस्तेमाल किया और संबंधित खबर को सर्च किया। हमें पत्रिका डॉट कॉम पर एक पुरानी खबर मिली। 4 दिसंबर 2018 को पब्लिश इस खबर में बताया गया, “अजमेर के थाना पुलिस ने हाउसिग बोर्ड में एक मकान में दबिश देकर वहां पर रखी 66 प्रतीकात्मक ईवीएम प्रचार सामग्री पकड़ी है। इसमें जैतारण क्षेत्र के निर्दलीय प्रत्याशी सुरेन्द्र गोयल का चुनाव चिन्ह व नाम अंकित था। प्रत्याशी बिल पेशकर उन्हें छुडवा सकेगा।”
विश्वास न्यूज ने पिछली पड़ताल के दौरान दैनिक नवज्योति अखबार के ब्यावर ब्यूरो चीफ किशन नटराज से बात की थी। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया था कि घटना दिसंबर 2018 में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव के समय की है। शुरुआती रिपोर्ट्स में ऐसा ही सामने आया था कि पुलिस ने नकली ईवीएम जब्त की हैं, लेकिन बाद में यह स्पष्ट हो गया था कि वो डमी ईवीएम थीं, जिसमें बैटरी की मदद से बटन लगाया गया था, ताकि ग्रामीणों को समझाया जा सके कि किस तरह बटन दबाने से बत्ती जलती है आदि। खबर की बॉडी में भी यह स्पष्ट किया गया था कि जब्त की गई ईवीएम नकली नहीं, बल्कि डमी ईवीएम थी।
पिछली पड़ताल को विस्तार से यहां पढ़ा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए फेसबुक यूजर की जांच की। पता चला कि यूजर राम किशन सैनी उत्तराखंड का रहने वाला है। यह यूजर एक राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि वर्ष 2018 के राजस्थान के विधानसभा चुनाव के दौरान एक निर्दलीय प्रत्याशी ने अपने प्रचार के लिए कुछ डमी ईवीएम मशीनें बनवाई थी। उसे बाद में जब्त कर लिया गया था। उसी घटना से जुड़ी खबर को अब वायरल करके भ्रम फैलाया जा रहा है।
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