Fact Check: मरीज की पिटाई करते डॉक्टर का वायरल वीडियो कानपुर के सरकारी अस्पताल का नहीं

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि संबंधित वीडियो उत्तर प्रदेश के कानपुर के हैलट का है। वीडियो में एक डॉक्टर मरीज को घूंसा मारते हुआ नजर आ रहा है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल रहो रहा वीडियो फर्जी साबित होता है। यह वीडियो उत्तर प्रदेश का नहीं, बल्कि दूसरे राज्य का है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर्स हर्षित पांडेय (Harshit Pandey) ने अपनी प्रोफाइल से इस वीडियो को शेयर किया है। वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है, ‘यह घटना कानपुर के हैलट की हैं इनको थोड़ा फेमस करने में सहयोग कीजिए बड़ी मुश्किल से इस तरह का वीडियो मिलता है इन डाक्टरो के लापरवाही व गुंडा गर्दि से प्रतिदिन पता नहीं कितने लोग मौत के घाट उतर जाते हैं।’

पड़ताल किए जाने तक इस वीडियो को करीब 1700 से अधिक लोग शेयर कर चुके हैं, जबकि इसे 35,000 से ज्यादा बार देखा जा चुका है।

पड़ताल

पड़ताल की शुरुआत में हमें पता चला कि यह वीडियो कुछ दिनों पहले ही वायरल हुआ था। वीडियो देखने पर पता चलता है कि यह किसी अस्पताल का है, जहां कोई डॉक्टर किसी मरीज को पीट रहा है। वीडियो बना रहे व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘यह रहा SMS का हाल। मरीजों को ऐसा मारा जाता है। डॉक्टर मरीज को मार रहा है SMS के अंदर।’

इनविड की मदद से मिले फ्रेम को जब हमने गूगल रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से सर्च किया तो हमें पता चला कि यह वीडियो राजस्थान का है।

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, यह घटना 3 जून को राजस्थान के सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल की है। एजेंसी के मुताबिक, ‘एक रेजिडेंट डॉक्टर ने जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में मरीज को पीटा। राजस्थान के चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि हमने वीडियो को देखने के बाद रिपोर्ट मंगाई है, ताकि पता चले कि हुआ क्या है।’

3 जून 2019 को दैनिक जागरण के वेब एडिशन में प्रकाशित खबर से इसकी पुष्टि होती है। जागरण की खबर के मुताबिक, ‘एक जून को अस्पताल के 1सी वार्ड में भर्ती मरीज रमेश ने रेजीडेंट डॉक्टर सुनील से पहले चेकअप के लिए आग्रह किया। उसने कहा कि मेरी हालत खराब हो रही है, मुझे पहले देख लो। इस पर डॉ.सुनील ने नंबर से देखने की बात कही तो दोनों के बीच कहासुनी हो गई। इस बीच विवाद बढ़ा तो गुस्से में आए डॉ.सुनील ने मरीज रमेश को बेड पर चढ़कर बुरी तरह से पीटा।’

दैनिक जागरण के वेब एडिशन में 3 जून 2019 को प्रकाशित खबर

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक घटना का वीडियो वायरल होने के बाद राजस्थान मानवाधिकार आयोग ने इसकी रिपोर्ट तलब की है, जिसे 25 जून तक जमा किया जाना है।

सवाई मान सिंह अस्पताल के अधीक्षक डी एस मीणा ने कहा, ‘सोशल मीडिया पर जो वीडियो सर्कुलेट हो रहा है, वह एडिटेड लग रहा है। अनुशासन समिति इस मामले की जांच करेगी और इसे राजस्थान मानवाधिकार आयोग को सौंपा जाएगा। मरीज बिलकुल ठीक है और अब उसे छुट्टी दे दी गई है।’

इसके बाद हमने कानपुर के हैलट अस्पताल के बारे में छानबीन की। न्यूज सर्च में हमें पता चला कि पिछले साल जून की शुरुआत में इस अस्पताल के मेडिसिन विभाग में आईसीयू का एसी खराब हो जाने की वजह से वार्ड में भर्ती पांच मरीजों की मौत हो गई थी।

खराब स्वास्थ्य सुविधाओं की वजह से यह अस्पताल अक्सर सुर्खियों में रहता है। हालांकि, जिस वीडियो के कानपुर हैलट अस्पताल का होने को लेकर दावा किया जा रहा है, वह वहां का नहीं है।

इस बारे में जब हमने हैलट अस्पताल  के मेडिकल सुपरिन्टेंडेंट डॉ. आर के मौर्य से बात की तो उन्होंने हमें बताया, ‘संबंधित वीडियो हमारे संज्ञान में पहले भी लाया गया था, लेकिन यह हमारे अस्पताल की घटना नहीं है।’ उन्होंने बताया कि उनके अस्पताल में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।

निष्कर्ष: अस्पताल के भीतर मरीज की पिटाई करते हुए डॉक्टर का वायरल वीडियो उत्तर प्रदेश के कानपुर के हैलट अस्पताल का न होकर, राजस्थान के सवाई मान सिंह अस्पताल का है। सवाई मान सिंह अस्पताल में 3 जून को हुई इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें एक डॉक्टर मरीज को बुरी तरह से पीट रहा है। इस मामले में अस्पताल प्रशासन को 25 जून को रिपोर्ट सौंपनी है।

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Symbols that define nature of fake news
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