Fact Check: चोटिल व्यक्ति के इलाज का है यह फोटो, MLA हफ़ीज़ खान ने नहीं धुलवाए नर्स से इमाम के पैर
विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह नर्स किसी इमाम के पैर नहीं दो रही थी बल्कि इस चोटिल व्यक्ति की चोट की जांच कर रही थी।
- By: Pallavi Mishra
- Published: Apr 27, 2020 at 05:52 PM
- Updated: May 7, 2020 at 04:31 PM
नई दिल्ली विश्वास न्यूज। सोशल मीडिया पर आजकल एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक नर्स दिख रही है जो कि एक व्यक्ति के पैर पर हाथ लगाए बैठी है। जिस व्यक्ति के पैर इस नर्स ने पकड़े हुए हैं, वह इस्लामिक टोपी पहने खड़ा है। इन दोनों के पास और भी कुछ व्यक्ति खड़े देखे जा सकते हैं। सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को इस दावे के साथ वायरल किया जा रहा है कि यह व्यक्ति एक इमाम है और इन सबके बीच में जो खड़े हैं वो आंध्र प्रदेश के कुरनूल ज़िले से विधायक YSR कांग्रेस के अब्दुल हफ़ीज़ खान हैं और उन्होंने इस नर्स को इस इमाम के पैर धोने को कहा था। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह नर्स किसी इमाम के पैर नहीं धो रही थी, बल्कि इस चोटिल व्यक्ति के चोट की जांच कर रही थी।
क्या हो रहा है वायरल?
वायरल तस्वीर में एक नर्स दिख रही है जो कि एक व्यक्ति के पैर पर हाथ लगाए बैठी है। जिस व्यक्ति का पैर इस नर्स ने पकड़ा हुआ है, वह इस्लामिक टोपी पहने खड़ा है। इन दोनों के पास और भी कुछ व्यक्ति खड़े देखे जा सकते हैं। सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को इस दावे के साथ वायरल किया जा रहा है कि अनुवादित: “कुरनूल विधायक अब्दुल हफ़ीज़ खान के सामने इस नर्स को एक इमाम के पैर क्यों धोने पड़े। नर्स ने ऐसा क्या किया जो इतना गलत था? अगर वह गलती करता है, तो उसे कौन सजा देगा? केंद्र के नए अध्यादेश के तहत उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं?”
इस पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां है।
पड़ताल
इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने इस फोटो का स्क्रीनशॉट किया और उसे गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। हमारे हाथ Kurnool Police के फेसबुक पेज द्वारा किया गया एक पोस्ट मिला, जिसमें इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा गया था। “यह व्यक्ति मधुमेह रोगी है और उसकी आंखें भी मधुमेह के कारण काफी ख़राब हो गयी हैं। इस व्यक्ति के पैर पर दरवाजे से चोट लग गयी थी। यह नर्स इस चोटिल व्यक्ति के चोट की जांच कर रही थी। चूंकि, रक्त रुक नहीं रहा था और वह बुरी तरह से घायल हो गया था। इसे देखते हुए उस घायल व्यक्ति को एम्बुलेंस से जीजीएच केएनएल में स्थानांतरित किया गया था, ताकि सही इलाज हो सके। नर्स अपना काम कर रही थी और मरीज का खून रोकने के लिए इलाज कर रही थी।”
वायरल तस्वीर के साथ दावा किया गया है कि नर्स को आदेश अब्दुल हफ़ीज़ खान ने दिए थे। इसे देखते हुए हमने सीधे अब्दुल हफ़ीज़ खान से बात की। उन्होंने कहा, ‘यह तस्वीर 25 मार्च की है तस्वीर में मास्क पहने मैं भी खड़ा हूं। मैं रायलसीमा यूनिवर्सिटी में बने क्वारंटाइन सेंटर का इंस्पेक्शन कर रहा था और तभी एक व्यक्ति को दरवाजे से चोट लग गयी। यह नर्स इस घायल व्यक्ति का इलाज कर रही थी। मुझे तो उस व्यक्ति का नाम तक नहीं पता। यह पोस्ट बिलकुल गलत है। मैंने इस सिलसिले में कुर्नुल के वन टाउन पुलिस थाने में एफ़आईआर भी लिखवाई है।”
अब्दुल हफ़ीज़ खान ने हमें बताया कि तस्वीर में दिख रही नर्स का नाम सरस्वती है और वो लाद्दागिरी में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में काम करती हैं। हमने सरस्वती से भी फ़ोन पर बात की। उन्होंने हमें बताया, “मैं सिर्फ अपना काम कर रही थी। वह व्यक्ति चोटिल था और मैं उसकी चोट का मुआयना कर रही थी। चोट गंभीर थी और पेशेंट मधुमेह का पेशेंट था इसलिए हमने एम्बुलेंस को बुला कर उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य इकाई में भिजवा दिया था।” नर्स सरस्वती ने इस फेक पोस्ट पर एक वीडियो भी बनाया था, जिसे अब्दुल हफ़ीज़ खान ने अपने पेज पर अपलोड भी किया था।
इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर कई लोग शेयर कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है We Are With You Swamiji नाम का एक फेसबुक पेज। इस पेज के फेसबुक पर 5,235 फ़ॉलोअर्स हैं।
Disclaimer: विश्वास न्यूज की कोरोना वायरस (COVID-19) से जुड़ी फैक्ट चेक स्टोरी को पढ़ते या उसे शेयर करते वक्त आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिन आंकड़ों या रिसर्च संबंधी डेटा का इस्तेमाल किया गया है, वह परिवर्तनीय है। परिवर्तनीय इसलिए क्योंकि इस महामारी से जुड़े आंकड़ें (संक्रमित और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या, इससे होने वाली मौतों की संख्या ) में लगातार बदलाव हो रहा है। इसके साथ ही इस बीमारी का वैक्सीन खोजे जाने की दिशा में चल रहे रिसर्च के ठोस परिणाम आने बाकी हैं, और इस वजह से इलाज और बचाव को लेकर उपलब्ध आंकड़ों में भी बदलाव हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि स्टोरी में इस्तेमाल किए गए डेटा को उसकी तारीख के संदर्भ में देखा जाए।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह नर्स किसी इमाम के पैर नहीं दो रही थी बल्कि इस चोटिल व्यक्ति की चोट की जांच कर रही थी।
- Claim Review : Nurse washed feet of Imam o the directions of Kurnool MLA
- Claimed By : We Are With You Swamiji.
- Fact Check : झूठ
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