Fact Check : जलमग्‍न शिवलिंग वाले इस वीडियो का नहीं है ज्ञानवापी से कोई संबंध

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा फर्जी साबित हुआ। शिवलिंग का यह वीडियो लगभग 2 साल से इंटरनेट पर मौजूद है। इस वीडियो का ज्ञानवापी से कोई संबंध नहीं है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)| सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर 16 सेकेंड का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में पानी में स्थित शिवलिंग को देखा जा सकता है। वीडियो के बैकग्राउंड में भक्ति म्यूजिक का भी उपयोग किया गया है। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को वाराणसी के ज्ञानवापी सर्वे का शिवलिंग बताकर वायरल कर रहे हैं। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई। दरअसल यह वीडियो इंटरनेट पर अक्टूबर 2020 से ही मौजूद है। इस वीडियो का ज्ञानवापी से कोई संबंध नहीं है।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर काशी गुप्ता ने वायरल वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा : “ज्ञानवापी के सर्वे के दौरान कुए मे शिवलिंग मिला!! हर हर महादेव”

कई अन्य यूजर्स ने भी इस वीडियो को मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। फैक्ट चेक के उद्देश्य से फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को ज्यों-का-त्यों लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच करने के लिए सबसे पहले वायरल वीडियो को इनविड टूल में अपलोड करके इसके कई ग्रैब्स निकाले। फिर, यान्‍डेक्‍स टूल से इसका रिवर्स सर्च किया।

इस दौरान हमें वायरल वीडियो 16 अक्टूबर 2020 को सीलू प्रधान नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड मिला। इस वीडियो में भी बैकग्राउंड म्यूजिक वही है, जो वायरल वीडियो में है। वीडियो को यहां देखा जा सकता है। वायरल वीडियो कहाँ का है, ये हमें पता नहीं लगा। लेकिन यह स्प्ष्ट है कि वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं है।

ज्‍यादा पुष्टि करने के लिए विश्‍वास न्‍यूज ने दैनिक जागरण, वाराणसी के पत्रकार शाश्वत मिश्रा से संपर्क किया। उनके साथ हमने वायरल पोस्ट को वॉट्सऐप के माध्यम से साझा किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो का ज्ञानवापी से कोई संबंध नहीं है।

कोर्ट की तरफ से गोपनीयता को लेकर सख्त हिदायत की वजह से सर्वे में क्या सामने आया, इसके बारे में कोई आधिकारिक या पुष्ट जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया गया है। इसलिए विश्वास न्यूज सर्वे को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्षों द्वारा किए गए दावों की न तो पुष्टि करता है और न ही खंडन। हालांकि, हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि वायरल हो रहा वीडियो ज्ञानवापी से संबंधित नहीं हैं।

विश्वास न्यूज ने पड़ताल के अंत में वीडियो को फर्जी दावे के साथ वायरल करने वाले यूजर के फेसबुक प्रोफाइल की सोशल स्कैनिंग की। सोशल स्कैनिंग में पता चला कि यूजर काशी गुप्ता के 4900 दोस्त हैं और इसे 1768 लोग फॉलो करते हैं। यूजर उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा फर्जी साबित हुआ। शिवलिंग का यह वीडियो लगभग 2 साल से इंटरनेट पर मौजूद है। इस वीडियो का ज्ञानवापी से कोई संबंध नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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