नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर कई बेकार पड़े एंबुलेंस की तस्वीर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है अखिलेश यादव के कार्यकाल में चलाए गए एंबुलेंस को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में सेवा से हटाते हुए उसे जंग खाने के लिए छोड़ दिया गया है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। बेकार पड़े एंबुलेंस की तस्वीरों का उत्तर प्रदेश से कोई लेना-देना नहीं है।
फेसबुक पर शेयर किए गए पोस्ट में लिखा हुआ है, ‘ये मेरे प्रदेश की हालत क्या कर दी योगी जी अखिलेश यादव जी द्वारा चलवाई गई 108, 102 एंबुलेंस खड़ी जंग खा रही है और जनता ठेलों पर मरीज ले जा रही है।’
गूगल रिवर्स इमेज में हमें यही तस्वीर तेलुगू वेबसाइट Sakshi.com पर लगी मिली। 22 सितंबर 2018 की रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे विजयवाड़ा के पास अवुतुपल्ली में एंबुलेंस बेकार पड़े हुए हैं।
न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, सही रख-रखाव नहीं होने की वजह से सभी एंबुलेंस बेकार हो गई। तस्वीर में नजर आ रही सभी एंबुलेंस पर GVK और 108 लिखा हुआ नजर आ रहा है।
इन सभी की-वर्ड्स को मिलाकर सर्च करने पर हमें 8 दिसंबर 2017 को प्रकाशित एक न्यूज रिपोर्ट्स का लिंक मिला, जिसके मुताबिक आंध्र प्रदेश में चल रही 108 एंबुलेंस की सेवा को चलाने का कॉन्ट्रैक्ट GVK की जगह BVG इंडिया और यूके स्पेशलिस्ट एंबुलेंस सर्विसेज (UKSAS) को दिया गया।
सरकार के इस फैसले को हैदराबाद हाई कोर्ट ने भी सही ठहराया था। नई कंपनियों के समूह को राज्य के 13 जिलों में 108 एंबुलेंस सेवा को चलाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया। जीवीके का कॉन्ट्रैक्ट सितंबर 2016 में समाप्त हो गया था, जिसके बाद सरकार ने नई बोली मंगाई थी।
इसके अलावा सभी एंबुलेंस की छत पर तेलुगू भाषा में स्क्रिप्ट लिखी हुई नजर आ रही है। यानी जिन तस्वीरों को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना बनाते हुए वायरल किया जा रहा है, वह दक्षिण भारत के राज्य आंध्र प्रदेश की है।
उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि जो तस्वीरें प्रदेश की एंबुलेंस सेवा के नाम पर वायरल हो रही है, उसका राज्य से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘यह एक नियोजित तरीका है, जिसके जरिए प्रदेश सरकार और उसकी उपलब्धियों को बदनाम करने की कोशिश की जाती है। इस काम में फर्जी फोटो और वीडियोज की मदद ली जाती है। ऐसी कोशिशें पहले भी हुई हैं, जो बाद में निराधार साबित हुई हैं।’
निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश में बर्बाद होती एंबुलेंस की तस्वीर का राज्य से कोई लेना देना नहीं है। बेकार पड़े एंबुलेंस की तस्वीरें आंध्र प्रदेश की है, जिसे गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर फैलया जा रहा है।
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