Fact Check: गलत दावे के साथ वायरल हो रही निर्भया गैंगरेप के दोषी की तस्वीर, जमानत पर बाहर नहीं, जेल में बंद हैं अपराधी

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर निर्भया गैंगरेप को लेकर एक पोस्ट वायरल हो रहा है। वायरल पोस्ट में एक तस्वीर नजर आ रही है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि गैंगरेप का एक कथित आरोपी मोहम्मद अफरोज को कांग्रेस और मीडिया ने दिन-रात एक कर जेल से रिहा करवाया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस व्यक्ति को इनाम के तौर पर रुपये दिए।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल हो रहा पोस्ट गलत साबित होता है। निर्भया गैंग रेप के आरोपियों की मौत की सजा पर सुप्रीम कोर्ट मुहर लगा चुकी है और यह सभी तिहाड़ जेल में बंद हैं।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक पर वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि निर्भया गैंग रेप का गुनाहगार मोहम्मद अफरोज अब रिहा हो चुका है। वायरल पोस्ट में तस्वीर भी साझा की गई है।

सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल हो रही निर्भया गैंगरेप के दोषी की तस्वीर

पड़ताल किए जाने तक इस वीडियो को 251 बार शेयर किया जा चुका है।

पड़ताल

सोशल मीडिया स्कैन में हमें पता चला कि यह पहली बार नहीं है, जब निर्भया गैंगरेप के गुनाहगारों को लेकर सांप्रदायिक दावे के साथ तस्वीरें वायरल हुई हैं। इससे पहले भी मिलते-जुलते दावे के साथ कई पोस्ट वायरल हो चुके हैं। 2018 में यही तस्वीर समान दावे के साथ ट्विटर पर वायरल हो चुकी है।

चूंकि पोस्ट में तस्वीर भी लगी हुई है, इसलिए हमने गूगल रिवर्स इमेज के जरिए इसमें दिख रहे व्यक्ति के बारे में पता लगाने की कोशिश की।

सर्च में हमें पता चला कि तस्वीर में पुलिस के साथ नजर आ रहा व्यक्ति निर्भया गैंगरेप का गुनाहगार ही है, लेकिन उसका नाम मोहम्मद अफरोज नहीं, बल्कि विनय शर्मा है, जिसे अन्य चार आरोपियों के साथ सुप्रीम कोर्ट मौत की सजा सुना चुका है। 11 दिसंबर 2015 को अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित खबर से इसकी पुष्टि होती है।

निर्भया गैंगरेप का दोषी विनय शर्मा (Image-HT File)

दिसंबर 2012 में हुए दिल्ली में निर्भया गैंग रेप के मामले में दिल्ली पुलिस ने कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया था।

2013 में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पांच दोषियों पर आरोप तय किया। हालांकि, इस बीच सबसे बुजुर्ग आरोपी राम सिंह ने 11 मार्च 2013 को तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली।

31 अक्टूबर 2013 को जुवेनाइल बोर्ड ने नाबालिग दोषी को गैंगरेप और हत्या का दोषी करार देते हुए तीन साल के लिए सुधारगृह में भेज दिया। और इसके बाद बाकी बचे चारों आरोपियों मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को मौत की सजा सुनाई।

दिल्ली हाई कोर्ट ने चारों दोषियों की मौत की सजा को बरकरार रखा। दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील हुई और कोर्ट ने 5 मई 2017 को चारों दोषियों की मौत की सजा बरकार रखी, जबकि तीन साल की अवधि पूरी होने के बाद नाबालिग अपराधी को बाल सुधार गृह से रिहा कर दिया गया। बाल सुधार गृह से निकलने के बाद वह किसी एनजीओ की निगरानी में बदले हुए नाम के साथ कुक का काम कर रहा है।

एक न्यूज रिपोर्ट में रिहा हुए नाबालिग अपराधी के नाम का जिक्र किया गया है, लेकिन नाबालिग आरोपियों के मामले में रिपोर्टिंग के स्थापित मानकों और दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए विश्वास न्यूज इस नाम का जिक्र नहीं कर रहा है।

इस बीच अगस्त 2016 में दोषी विनय शर्मा ने जेल में ही आत्महत्या करने की कोशिश की। हालांकि, उसे बचा लिया गया। विनय शर्मा ने जेल के भीतर मारपीट किए जाने का भी आरोप लगाया था, जिसके बाद उसकी सुरक्षा को देखते हुए उसके सेल को बदल दिया गया।

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ चारों में से तीन आरोपियों मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा ने समीक्षा याचिका डाली, जिसे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस आर भानुमति और अशोक भूषण की बेंच ने 9 जुलाई 2018 को खारिज कर दिया। चौथे दोषी अक्षय कुमार ने इस मामले में अपील नहीं की थी।

9 जुलाई 2018 को अंग्रेजी अखबार द हिंदू में प्रकाशित रिपोर्ट

निर्भया के माता-पिता ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर संतोष जताते हुए कहा था कि उन्हें उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट में यह अपील खारिज हो जाएगी।

इसके बाद हमने तिहाड़ जेल के सुपरिटेंडेंट से संपर्क किया। हमें बताया गया कि दोषी विनय शर्मा तिहाड़ के जेल नंबर 4 में कैद है। जेल 4 के सुपरिटेंडेंट राजेश चौहान ने बताया, ‘विनय शर्मा जेल में बंद है।’ उन्होंने कहा कि वायरल मैसेज में किया जा रहा दावा बेबुनियाद है। विनय शर्मा को जमानत ही नहीं मिल सकती, क्योंकि उसे मौत की सजा मिली हुई है। उन्होंने कहा कि विनय शर्मा ही नहीं, बल्कि इस मामले के अन्य दोषियों की जमानत का सवाल पैदा नहीं होता।

पोस्ट में कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल पर निर्भया गैंगरेप के ”दोषी” की मदद करने का आरोप लगाया गया है। कांग्रेस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने इस मामले में निजी स्तर पर भी निर्भया के परिवार की मदद की थी। न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, निर्भया की मां आशा देवी ने संकट की घड़ी में परिवार की मदद के लिए राहुल गांधी का विशेष शुक्रिया अदा किया था। उन्होंने कहा, ‘अमन (बदला नाम) आज पायलट है और यह राहुल गांधी की वजह से है।’

उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी ने उसे सहारा दिया और परिवार के लिए कुछ अच्छा करने के लिए उसे प्रेरित किया। जब उन्हें पता चला कि वह (अमन) सेना में जाना चाहता है, राहुल ने उसे स्कूल की पढ़ाई के बाद पायलट का प्रशिक्षण कोर्स लेने की सलाह दी।’

वहीं, अरविंद केजरीवाल निर्भया गैंगरेप के बाद से दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बेहद मुखर रहे हैं, जिसकी पुष्टि उनके इस ट्वीट से होती है।

निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर निर्भया गैंगरेप के दोषी मोहम्मद अफरोज के नाम से वायरल हो रही तस्वीर विनय शर्मा की है, जिसे सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अन्य चार आरोपियों के साथ मौत की सजा सुना चुका है। शर्मा फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है। इसी मामले में अन्य दोषी करार दिए अपराधियों के नाम हैं, मुकेश (29 साल), पवन गुप्ता (22 साल) और अक्षय कुमार (31 साल)।

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False
Symbols that define nature of fake news
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