Fact Check: दिल्ली सरकार की मुफ्त बस सेवा योजना सभी महिलाओं के लिए, वायरल हो रहा पोस्ट गुमराह करने वाला

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की तरफ से दिल्ली में महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दिए जाने के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया गया है कि ‘केजरीवाल सरकार ने इस प्रस्ताव के जरिए एक और धोखा दिया है।’ वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि मुफ्त सफर के नाम पर केजरीवाल सरकार ने महिलाओं को धोखा दिया है।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में महिलाओं के लिए जिस मुफ्त बस यात्रा के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, वह सभी महिलाओं के लिए उपलब्ध है और इसके लिए कोई शर्त नहीं रखी गई है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक पर पल्टू आदमी पार्टी (Paltu Aadmi Party) ने यह कहते हुए, ‘मुफ्त सफर के नाम पर केजरी ने दिया महिलाओं को धोखा’, पोस्ट शेयर किया है।

फेसबुक पर वायरल हो रहा भ्रामक पोस्ट

पोस्ट में लिखा हुआ है, ‘ हिंदुस्तान की खबर के अनुसार, फ्री बस सफर की स्कीम पर केजरीवाल ने दिया धोखा। सरकारी महिलाओं कर्मचारियों को नहीं मिलेगा फ्री सफर का लाभ। जबकि बस में सफर करने वालों में इन्हीं महिलाओं की संख्या है सबसे अधिक।’ इसमें लिखा हुआ है, ‘केजरीवाल का हर वादा है लॉलीपॉप, जो अब धीरे-धीरे हो रहा है फ्लॉप।’

पड़ताल

न्यूज सर्च में दिल्ली सरकार के इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी दिए जाने की कई खबरें मिलीं, जिसके मुताबिक दिल्ली कैबिनेट ने बसों  में महिलाओं के मुफ्त सफर के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

दैनिक जागरण में 29 अगस्त 2019 को प्रकाशित खबर से इसकी पुष्टि होती है। खबर के मुताबिक, ‘दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने महिलाओं को बड़ी खुशखबरी दी है। डीटीसी और क्लस्टर बसें में महिलाएं अब 29 अक्टूबर से मुफ्त में सफर कर सकेंगी। दिल्ली कैबिनेट ने बसों में मुफ्त सफर के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और समाज कल्याण मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी दी।’

दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत (@kgahlot) के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल पर भी इस फैसले की जानकारी दी गई है।

यानी दिल्ली सरकार ने सभी महिलाओं के लिए डीटीसी और क्लस्टर बसों में मुफ्त यात्रा के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है, जो 29 अक्टूबर 2019 से प्रभावी होगा। आम आदमी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 26 अगस्त को किए गए ट्वीट के मुताबिक, ‘वित्त वर्ष 2019-20 के लिए दिल्ली विधानसभा ने अतिरिक्त सप्लीमेंट ग्रांट को मंजूरी दी, जिसमें, 140 करोड़ रुपये महिलाओं के फ्री बस यात्रा के लिए, 150 करोड़ फ्री मेट्रो राइड, 142 करोड़ रुपये बस मार्शल्स औऱ 47 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ग्रांट RRTS कॉरिडोर के लिए था।’

29 अगस्त 2019 को न्यूज एजेंसी पीटीआई की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने जिस योजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी है, उसमें एक शर्त है। खबर के मुताबिक, ‘दिल्ली सरकार में काम करने वाली महिलाओं इस योजना का लाभ उठा पाएंगी लेकिन उन्हें इसके बदले में मिलने वाले परिवहन भत्ते का त्याग करना होगा।’

एजेंसी ने दिल्ली सरकार के बयान के हवाले से लिखा है, ‘दिल्ली सरकार की महिला कर्मचारियों को इस सुविधा का लाभ तभी मिलेगा, जब वह लिखित में परिवहन भत्ता नहीं लेने की जानकारी देंगी।’

‘सभी विभाग, स्थानीय निकाय और स्वायत्त संस्थाएं अपने महिला कर्मचारियों से लिखित हलफनामा लेंगी कि वह मुफ्त यात्रा सेवा का लाभ नहीं उठा रही हैं।’

यानी दिल्ली सरकार की मुफ्त बसों की योजना सभी महिलाओं के लिए हैं, लेकिन अगर कोई सरकारी महिला कर्मचारी इस योजना का लाभ लेना चाहती हैं तो उन्हें परिवहन भत्ता का त्याग करना होगा।

विश्वास न्यूज ने इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा से बात की। चड्ढा ने बताया, ‘दिल्ली सरकार की यह योजना सभी महिलाओं के लिए है।’

हिंदुस्तान में छपी कथित खबर के हवाले से वायरल किए गए पोस्ट की सत्यता जांचने के लिए एक बार फिर से न्यूज सर्च का सहारा लिया गया। सर्च में हिंदुस्तान के दो न्यूज लिंक्स मिले, लेकिन दोनों ही खबरों में वायरल किए जा रहे दावे की जानकारी नहीं थी।

निष्कर्ष: दिल्ली सरकार ने महिलाओं की मुफ्त बस यात्रा के सैद्धांतिक प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जो अक्टूबर महीने से प्रभावी होगा। यह योजना सभी महिलाओं के लिए हैं, हालांकि महिला सरकारी कर्मचारियों को इस योजना का लाभ लेने के लिए पहले से मिल रहे यात्रा भत्ता का त्याग करना होगा। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल हो रहा पोस्ट गुमराह करने वाला निकला।

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