बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में दलित महिला के साथ हुई दुर्व्यवहार की करीब पांच साल से अधिक पुरानी घटना की खबर को हाल का बताकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में किसी हिंदी अखबार में छपी खबर का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है, जिसमें मंदिर में दलित महिला के साथ दुर्व्यवहार का जिक्र है। वायरल पोस्ट की तारीख से यह हाल की घटना प्रतीत होती है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल हो रही खबर करीब पांच साल से अधिक पुरानी घटना से संबंधित है, जिसे हाल का बताकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर ‘Shams Tabrez’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर किया है।
कई अन्य ट्विटर यूजर ने भी इस खबर को अपनी प्रोफाइल से शेयर किया है। ट्विटर यूजर ‘Nawab #R’ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है, ”इसी बीच एक और बड़ी खबर अफगानिस्तान से देखिए औरतों पर तालिबानियों का जुल्मो सितम।”
एक अन्य ट्विटर यूजर ‘Rukshar’ ने भी इस वायरल पोस्ट को शेयर किया है।
वायरल पोस्ट में लगी खबर की हेडलाइन ‘मंदिर में गई दलित महिला को अर्धनग्न कर पीटा’ के आधार कीवर्ड्स सर्च में हमें ऐसी कई खबरें मिलीं, जिसमें इस घटना का विवरण है। बिहारकथा डॉटकॉम, सियासत डॉटकॉम और हरिभूमि डॉटकॉम की वेबसाइट पर लगी मिली। सभी वेबसाइट पर इस घटना से संबंधित प्रकाशित रिपोर्ट जुलाई 2016 की ही हैं।
हरिभूमि की वेबसाइट पर 11 जुलाई 2016 को प्रकाशित खबर के मुताबिक, ‘बिहार के मोतिहारी जिले में महिलाओं पर जुल्म-अत्याचार का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। बेदीवन मधुबन और रमगढ़वा की घटना अभी पुरानी भी नहीं हुई थी कि महिला उत्पीड़न का एक और मामला सामने आया है। मंदिर में पूजा करने गई दलित महिला को अधनंगा कर दबंगों ने पीटा है। उसका कसूर बस इतना ही था कि वह मंदिर में पूजा करने चली गई थी। बेटे की बारात निकलने से पहले स्थानीय देवीमंदिर में पूजा करने गई दलित महिला की पिटाई का मामला सामने आया है। पीपरा थाने के बिशुनपुरा गांव में शादी के अवसर पर देवीस्थान मंदिर में प्रवेश कर पूजा करने को लेकर अनुसूचित जाति की मां-बेटी को उसी गांव के दबंग लोगों ने मारपीट कर घायल कर दिया।’
रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना मोतिहारी जिले के पिपरा थाना क्षेत्र में घटित हुई थी। विश्वास न्यूज ने इस मामले को लेकर पिपरा थाना से संपर्क किया। पिपरा पुलिस स्टेशन के प्रभारी ने बताया कि यह घटना उनके इस पुलिस स्टेशन में पदस्थापित होने से पहले की है। इसलिए वह इस बारे में कुछ बताने की स्थिति में नहीं हैं।
इसके बाद हमने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के पिपरा संवाददाता विनय कुमार से संपर्क किया। इस घटना की पुष्टि करते हुए उन्होंने बताया, ‘यह बिशुनपुरा गांव में मंदिर के बाहर घटित सालों पुरानी घटना है।’
वायरल पोस्ट को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल सितंबर 2014 से फेसबुक पर सक्रिय है।
निष्कर्ष: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में दलित महिला के साथ हुई दुर्व्यवहार की करीब पांच साल से अधिक पुरानी घटना की खबर को हाल का बताकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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