Fact Check: BJP-RSS पर दिए विवादित बयान के बाद अलका लांबा के साथ मारपीट का दावा गलत, पुरानी तस्वीर फर्जी दावे से वायरल

बीजेपी और आरएसएस को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद कांग्रेस नेता अलका लांबा की पिटाई के दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट फर्जी है। वायरल पोस्ट में अलका लांबा की पुरानी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है, जो 2015 में हुई एक घटना से संबंधित हैं, जिसमें पथराव के दौरान वह घायल हो गई थीं।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता अलका लांबा की एक तस्वीर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद उनके साथ मारपीट की घटना हुई, जिसमें वह घायल हो गई।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। अलका लांबा की एक पुरानी तस्वीर को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Ashish Singh Raja’ ने अलका लांबा की तस्वीर को शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा है, ”दोस्तो ये कांग्रेस की हारी हुई विधायक अलका लांबा,, ये कल मोदी जी को RSS वालो की नायजयज औलाद बोला था,, आज ये हाल हुआ है सुना है 16 साल की जनहबी नाम की लड़की ने कूटा।”

पड़ताल

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस पोस्ट को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। सभी पोस्ट में अलका लांबा की एक ही तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।

गूगल रिवर्स इमेज किए जाने पर हमें ऐसी कई पुरानी खबरों का लिंक मिला, जिसमें कांग्रेस नेता और आम आदमी पार्टी की पू्र्व विधायक अलका लांबा की उस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें वह चोटिल नजर आ रही हैं।

दैनिक जागरण में 9 अगस्त 2015 को छपी खबर

दैनिक जागरण में 9 अगस्त 2015 को प्रकाशित खबर के मुताबिक, ‘AAP के विधायक (तत्कालीन) अलका लांबा पर पुलिस की मौजूदगी में हमला हुआ।’ रिपोर्ट में बताया गया है, ‘नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) विधायक अलका लांबा पर कुछ रेहड़ी-पटरी वालों ने उस समय पत्थरों की बरसात कर दी, जब वह नशा मुक्ति अभियान के समय लोगों को समझा रही थीं। पथराव के चलते आप विधायक घायल हो गईं। अलका के मुताबिक, यह हमला पुलिस की मौजूदगी में हुआ।’

‘पूरी घटना कश्मीरी गेट स्थित हनुमान मंदिर के सामने की है। यह जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट करके दी है। उन्होंने अपने घायल होने की तस्वीर भी ट्विटर के जरिये उपलब्ध कराई है। अलका लांबा के मुताबिक, वह आज सुबह पांच बजे के करीब हनुमान मंदिर के आसपास नशा मुक्ति अभियान चलाने गई थीं।’

इस खबर में चोटिल अलका लांबा की तस्वीर लगी हुई है, जो सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ वायरल हो रही है।

यूट्यूब सर्च में हमें ‘Samay Live’ के यूट्यूब चैनल पर 9 अगस्त 2015 को अपलोड किया गया एक वीडियो भी मिला, जिसमें पूरी घटना का विवरण देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने इस मामले को लेकर अलका लांबा से संपर्क किया। उन्होंने इस वाकये को फर्जी बताते हुए कहा, ‘इस समय फर्जी खबर पर ध्यान देने से बेहतर है कि हम लोग कोरोना के कहर से लड़े और उस लड़ाई को जीतें।’

न्यूज सर्च में हमें कई खबरें मिली, जिसमें आरएसएस और बीजेपी को लेकर दिए गए उनके विवादित बयान का जिक्र है। नईदुनिया में 7 अप्रैल को छपी खबर में इसे पढ़ा जा सकता है।

नई दुनिया में 7 अप्रैल 2020 को छपी खबर

वायरल पोस्ट शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल पर अन्य फर्जी खबरों को देखा जा सकता है। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है और उसे फेसबुक पर करीब 2900 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: बीजेपी और आरएसएस को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद कांग्रेस नेता अलका लांबा की पिटाई के दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट फर्जी है। वायरल पोस्ट में अलका लांबा की पुरानी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है, जो 2015 में हुई एक घटना से संबंधित हैं, जिसमें पथराव के दौरान वह घायल हो गई थीं।

False
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