विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि केशव प्रसाद का वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2022 का है। दरअसल, साल 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी में लापता पंचायत पति राजीव मौर्य के परिवार से मिलने के लिए पहुंचे थे। उस दौरान महिलाओं ने उनका जमकर विरोध किया था और नारेबाजी की थी।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि भीड़ उनके खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्हें जाने के लिए कह रही है। इस वीडियो को हालिया लोकसभा चुनाव 2024 से जोड़ते हुए शेयर कर दावा किया जा रहा है कि कौशांबी में प्रचार करने गए केशव प्रसाद मौर्य का लोगों ने विरोध किया।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असल में वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2022 का है। दरअसल, साल 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी में लापता पंचायत सदस्य पति राजीव मौर्य के परिवार से मिलने के लिए पहुंचे थे। उस दौरान महिलाओं ने उनका जमकर विरोध किया था और नारेबाजी की थी।
फेसबुक यूजर ने आर.पी.वर्मा 17 मई 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “कौशांबी में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का भारी विरोध,विरोध को देखते हुए विनोद सोनकर को लेकर गेस्ट हाउस से तत्काल निकले केशव प्रसाद मौर्य… अबकी बार 400 पार के रुझान आना शुरू हो गया है।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। हमें वायरल वीडियो से जुड़ी एक रिपोर्ट (आर्काइव लिंक) 22 जनवरी 2022 को न्यूज 18 की वेबसाइट पर प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, वायरल वीडियो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले का है। जब चुनाव से पहले केशव प्रसाद मौर्य सिराथू विधानसभा क्षेत्र पहुंचे थे। भारतीय जनता पार्टी ने केशव प्रसाद मौर्य को सिराथू विधानसभा से प्रत्याशी घोषित किया था। इसी दौरान वो 3 दिनों से लापता पंचायत सदस्य पति राजीव मौर्य के घर उनके परिवार से मुलाकात करने के लिए पहुंचे थे। लेकिन वहां पर उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा था।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) टीवी 9 के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 22 जनवरी 2022 को अपलोड हुआ मिला। मौजूद जानकारी के मुताबिक, केशव प्रसाद मौर्य राजीव मौर्य के परिवार से मिलने के लिए सिराथू विधानसभा क्षेत्र के गुलामीपुर गांव पहुंचे थे। वहां पर महिलाओं ने उनका जमकर विरोध किया और उनके खिलाफ नारेबाजी भी थी। महिलाओं ने ना सिर्फ नारेबाजी की थी, बल्कि उन्होंने केशव प्रसाद मौर्य को घर में घुसने नहीं दिया था और दरवाजे बंद कर दिए थे। हालांकि, बाद में उन्होंने परिवारजनों से मुलाकात कर ली थी।
केशव प्रसाद मौर्य ने भी इस मुलाकात की तस्वीरों को अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर शेयर किया था। उन्होंने 22 जनवरी 2022 को मुलाकात की तस्वीरों (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा था, “जनपद कौशांबी के जिला पंचायत सदस्य श्री राजीव मौर्य जी के गुमशुदा होने संबंधी सूचना पर परिजनों से भेंट कर सांत्वना दी। साथ ही पुलिस विभाग की एक स्पेशल टीम गठित कर राजीव जी को जल्द से जल्द खोज कर परिजनों को सुपुर्द करने के निर्देश दिए।”
अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण कौशांबी के जिला प्रमुख राज कुमार श्रीवास्तव से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2022 का है और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान का है। इसका लोकसभा चुनाव से कोई संबंध नहीं है।
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि केशव प्रसाद का वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2022 का है। दरअसल, साल 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी में लापता पंचायत पति राजीव मौर्य के परिवार से मिलने के लिए पहुंचे थे। उस दौरान महिलाओं ने उनका जमकर विरोध किया था और नारेबाजी की थी।
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