Fact Check : लॉकडाउन में वारिस पठान का पुराना वीडियो फर्जी दावों के साथ वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि वारिस पठान के नाम पर वायरल वीडियो काफी पुराना है। इसे कुछ यूजर जानबूझ कर लॉकडाउन में वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। देशभर में लॉकडाउन के बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन(AIMIM) नेता वारिस पठान का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वारिस पठान को एक सीनियर पुलिस अफसर से बहस करते हुए देखा जा सकता है। कुछ लोग सोशल मीडिया में वीडियो को फर्जी दावों के साथ ऐसे वायरल कर रहे हैं, जैसे लग रहा है कि वीडियो हाल-फिलहाल का है।

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। वारिस पठान के पुराने वीडियो को कुछ लोग जानबूझकर लॉकडाउन और रमजान के बीच वायरल कर रहे हैं।

क्‍या है वायरल

फेसबुक यूजर विनोद राय ने 29 अप्रैल को वारिस पठान का पुराना वीडियो अपलोड करते हुए दावा किया : ये हाल है अभी महाराष्ट्र पुलिस का , देखिए वारिस पठान किस भाषा मे पुलिस से बात कर रहा है !!

इसी तरह दीपक कुमार नाम के यूजर ने भी इसी वीडियो को फर्जी तरीके से वायरल करते हुए लिखा : मुम्बई पुलिस को धमकी दी , मस्जिद जैसी चल रही है चलने दो, माईक की आवाज भी कम नहीं करवाना , ४० साल से मस्जिद जैसी चल रही है चलने दो…क्या हालत हो गई है महाराष्ट्र की।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्‍यान से देखा। पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो के दाएं तरफ Mumbai Live लिखा हुआ नजर आया। मतलब इस वीडियो को Mumbai Live नाम के किसी चैनल ने रिकॉर्ड किया है।

इसके बाद हमने ‘Waris Pathan Mumbai Police Mumbai Live’ टाइप करके सर्च किया। हमें यट्यूब पर Mumbai Live नाम चैनल पर ओरिजनल वीडियो मिला। 18 नवंबर 2016 को अपलोड इस वीडियो में बताया गया कि लाउडस्‍पीकर की आवाज को कम करने को लेकर वारिस पठान की पुलिस से बहसाबहसी हो गई थी। पूरा वीडियो आप यहां देख सकते हैं।

इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज ने वारिस पठान के सोशल मीडिया अकाउंट को खंगाला। हमें 28 अप्रैल 2020 का एक ट्वीट मिला। इसमें वारिस पठान ने वायरल वीडियो की सच्‍चाई बताई थी। वारिस पठान ने मुंबई पुलिस के कमिश्‍नर को टैग करते हुए लिखा कि कुछ लोग उनके पुराने वीडियो को वायरल करते हुए फर्जी खबरें फैला रहे हैं। ट्वीट में ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की गई।

इस पूरे मामले पर वारिस पठान ने Vishvas News से कहा कि कुछ लोग उनकी छवि को बिगाड़ने के लिए लॉकडाउन के दरमियान जानबूझकर पुराने वीडियो को वायरल कर रहे हैं।

अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने फर्जी वीडियो वायरल करने वाले यूजर विनोद राय के अकाउंट की जांच की। इनकी सोशल स्‍कैनिंग में हमें पता चला कि यूजर महाराष्‍ट्र के पुणे में रहते हैं। इनके अकाउंट को 1532 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि वारिस पठान के नाम पर वायरल वीडियो काफी पुराना है। इसे कुछ यूजर जानबूझ कर लॉकडाउन में वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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