Fact Check: सिद्धिविनायक मंदिर पर वक्फ बोर्ड के दावे की पोस्ट फर्जी

मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर पर वक्फ बोर्ड के दावे की पोस्ट फेक है। मंदिर सोसायटी के पदाधिकारी ने इसे फर्जी बताया है, जबकि मुंबई वक्फ अधिकारी ने भी इस तरह के किसी आवेदन से इनकार किया है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। महाराष्ट्र में मतदान से पहले सोशल मीडिया पर मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर को लेकर एक पोस्ट वायरल हुई। इसमें कहा जा रहा है कि वक्फ बोर्ड ने मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर पर अपना दावा किया है। यूजर्स इसे भड़काऊ पोस्ट के साथ शेयर कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल दावा फर्जी निकला। मुंबई के जिला वक्फ अधिकारी का कहना है कि उन्हें इस तरह का कोई आवेदन नहीं मिला। वहीं, मंदिर सोसायटी के कोषाध्यक्ष ने भी इस दावे को फेक बताया है।

क्या है वायरल पोस्ट

एक्स यूजर Jitendra pratap singh ने 18 नवंबर को एक तस्वीर पोस्ट (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा कि वक्फ बोर्ड ने मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर पर भी अपना दावा किया है।

फेसबुक यूजर Deepak Adhana (आर्काइव लिंक) ने भी 18 नवंबर को इसी तरह का दावा किया है।

विधायक नितेश राणे ने सकाल का कथित पोस्ट कार्ड शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए समान दावा मराठी भाषा में किया।

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने गूगल पर कीवर्ड से इस बारे में सर्च किया। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे एवं महाराष्ट्र युवा सेना के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने 18 नवंबर को इस पोस्ट (आर्काइव लिंक) को फेक बताते हुए इसे विरोधी दलों की साजिश बताया है।

18 नवंबर को मुंबई तरुण भारत की वेबसाइट पर इसको लेकर श्री सिद्धिविनायक मंदिर सोसायटी के कोषाध्यक्ष पवन त्रिपाठी का बयान छपा है। इसमें लिखा है कि मंदिर मुंबई के दादर में स्थित है। पवन त्रिपाठी ने वीडियो बयान जारी कर कहा है कि एक झूठी रिपोर्ट वायरल हो रही है कि वक्फ बोर्ड ने मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर पर अपना दावा किया है। मंदिर देश ही नहीं, दुनिया की आस्था का स्थान है। कोई भी मंदिर पर इस तरह का दावा नहीं करेगा।

TheMahaMTB के एक्स हैंडल से सिद्धिविनायक मंदिर सोसायटी के कोषाध्यक्ष पवन त्रिपाठी के वीडियो बयान को पोस्ट किया गया है। इसमें वह कह रहे हैं कि श्री सिद्धिविनायक मंदिर पर कोई भी बोर्ड कब्जा नहीं कर सकता है।

इसके बाद हमने सकाल के नाम से वायरल हो रहे पोस्टकार्ड के बारे में जानने के लिए उसके सोशल मीडिया हैंडल्स को खंगाला। कंपनी के इंस्टा हैंडल से 18 नवंबर को पोस्ट कर इस पोस्टकार्ड को फेक बताया गया है। पोस्ट में जानकारी दी गई है कि सकाल ने ऐसा कोई क्रिएटिव नहीं बनाया है। कुछ लोगों ने उनके क्रिएटिव से मिलते-जुलते टेम्प्लेट और लोगो का इस्तेमाल कर यह शरारत की है।

इस बारे में हमने मुंबई के जिला वक्फ अधिकारी फैय्याज यूनुस पठान से संपर्क किया। उनका कहना है कि उनके पास अभी ऐसा कोई आवेदन नहीं आया है। चुनाव के दौरान इस तरह की अफवाह उड़ती रहती हैं।

भारत निर्वाचन आयोग की प्रेस रिलीज के अनुसार, महाराष्ट्र की 288 सीटों के लिए 20 नवंबर को मतदान के बाद 23 नवंबर को मतगणना होगी।

फर्जी दावा करने वाले एक्स यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इससे पहले भी इस हैंडल से सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली पोस्ट वायरल हो चुकी हैं, जिनका फैक्ट चेक विश्‍वास न्‍यूज ने किया था।

निष्कर्ष: मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर पर वक्फ बोर्ड के दावे की पोस्ट फेक है। मंदिर सोसायटी के पदाधिकारी ने इसे फर्जी बताया है, जबकि मुंबई वक्फ अधिकारी ने भी इस तरह के किसी आवेदन से इनकार किया है।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट