X
X

Fact Check: COVID 19 पर क्लीनिकल ट्रायल कर रही कंपनी के VP ने नहीं कराया खुद पर वैक्सीन का परिक्षण, वायरल दावा फर्जी

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वायरल पोस्ट झूठी है। यह फोटो तब का है, जब डॉ वीके श्रीनिवास रूटीन प्रक्रिया के लिए अपना ब्लड सैंपल दे रहे थे। उन्होंने COVID19 क्लीनिकल ट्रायल में भाग नहीं लिया है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम।  एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें भारत बायोटेक के उपाध्यक्ष, डॉ वीके श्रीनिवास को एक मेडिकल प्रोफेशनल  के साथ बैठे देखा जा सकता है। पोस्ट दावा कर रही है कि डॉ वीके श्रीनिवास ने COVID-19 वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल में स्वेच्छा से भाग लिया है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वायरल पोस्ट झूठी है। यह फोटो तब का है जब डॉ वीके श्रीनिवास रूटीन प्रक्रिया के लिए अपना ब्लड सैंपल दे रहे थे। उन्होंने COVID19 क्लीनिकल ट्रायल में भाग नहीं लिया है।

क्या हो रहा है वायरल?

इस पोस्ट के डिस्क्रिप्शन में लिखा है, ‘कोरोना वैक्सीन लेने वाले पहले व्यक्ति भारत बायोटेक फार्मा कंपनी के उपाध्यक्ष डॉ वीके श्रीनिवास …. क्लीनिकल ​​परीक्षण सफल..पहली खुराक लेने के बाद उन्होंने कहा कि वे भारत के पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने भारत बायोटेक में उनके और उनकी टीम द्वारा विकसित वैक्सीन ली है। उनके उत्पाद में जो आत्मविश्वास है, उसे देखिए। ‘
इस पोस्ट को ‘ख़बर का असर’ नाम के एक फेसबुक पेज ने शेयर किया था।

इस फेसबुक पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल :

पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च का उपयोग करके खोजा। हालांकि, इसमें हमारे हाथ कोई महत्वपूर्ण जानकारी नहीं लगी।

फिर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड के साथ इस खबर के बारे में खोज करने का निर्णय लिया। हमने पाया कि द भारत बायोटेक कंपनी, हैदराबाद कोविड -19 वैक्सीन पर एक शोध कर रही है।

हमें क्लीनिकल ट्रायल पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) का एक बयान भी मिला। बयान में कंपनी द्वारा किए गए कई शोधों का विवरण है। बयान में वैक्सीन रिसर्च में हो रही प्रोग्रेस का भी वर्णन है। परीक्षण का संचालन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी-पुणे, आईसीएमआर और भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। सभी परीक्षणों के पूरा होने के बाद, भारतीय बायोटेक वैक्सीन 15 अगस्त तक उपलब्ध होने की उम्मीद है। यह घोषणा 2 जुलाई को की गई थी।

हमने ज़्यादा जानकारी के लिए भारत बायोटेक कंपनी को मेल के ज़रिये संपर्क किया और इस तस्वीर और दावे को लेकर पुष्टि मांगी। रिप्लाई में हमें बताया गया कि भारत बायोटेक के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर इस विषय में पुष्टि दी गयी है और उस ट्वीट को ही भारत बायोटेक का आधिकारिक बयान माना जाये।

हमने भारत बायोटेक के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट की खोज की। हमें वायरल दावे पर स्पष्टीकरण के साथ एक ट्वीट मिला। ट्वीट पुष्टि करता है कि यह तस्वीर तब ली गई थी, जब डॉ वीके श्रीनिवास नियमित प्रक्रिया के लिए रक्त का नमूना दे रहे थे।

इस पोस्ट को ‘ख़बर का असर’ नाम के एक फेसबुक पेज ने शेयर किया था। पेज के फेसबुक पर 2,493 फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वायरल पोस्ट झूठी है। यह फोटो तब का है, जब डॉ वीके श्रीनिवास रूटीन प्रक्रिया के लिए अपना ब्लड सैंपल दे रहे थे। उन्होंने COVID19 क्लीनिकल ट्रायल में भाग नहीं लिया है।

  • Claim Review : कोरोना वैक्सीन लेने वाले पहले व्यक्ति भारत बायोटेक फार्मा कंपनी के उपाध्यक्ष डॉ वीके श्रीनिवास
  • Claimed By : ख़बर का असर
  • Fact Check : झूठ
झूठ
फेक न्यूज की प्रकृति को बताने वाला सिंबल
  • सच
  • भ्रामक
  • झूठ

पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...

टैग्स

अपनी प्रतिक्रिया दें

No more pages to load

संबंधित लेख

Next pageNext pageNext page

Post saved! You can read it later