विश्वास न्यूज़ की जांच में वायरल दावा भ्रामक निकला। वायरल वीडियो साल 2021 का है। वीडियो के एक हिस्से को गलत दावे के साथ हालिया बताकर शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की रैली से जुड़ा एक वीडियो क्लिप तेजी से वायरल हो रहा है। 10 सेकंड के इस वीडियो क्लिप में पीएम मोदी के कथित बयान को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि वीडियो में बोली गई बात उन्होंने अपने लिए कही है। सोशल मीडिया पर यूज़र्स इसे सच मानते हुए शेयर कर रहे हैं। विश्वास न्यूज़ की जांच में वायरल दावा भ्रामक निकला। वायरल वीडियो साल 2021 का है। वीडियो के एक हिस्से को गलत दावे के साथ हालिया बताकर शेयर किया जा रहा है।
क्या है वायरल पोस्ट में ?
फेसबुक यूजर Iyc Jabalpur ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “जब मैं छोटी #चोरी करता था..उस दिन अगर मेरी #मां ने रोका होता… तो आज मै इतना बड़ा #लुटेरा नहीं बनता..।”
फेसबुक पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कई कीफ्रेम्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज की सहायता से सर्च किया। इस दौरान हमें यह वीडियो कई जगह अपलोड मिला। हमें इससे जुड़ा पूरा वीडियो BJP West Bengal के यूट्यूब चैनल पर मिला। कैप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, वीडियो पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी का है। जहां 10 अप्रैल, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी सभा में लोगों को संबोधित किया था। वीडियो में पीएम मोदी ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा था, जिसमें उन्होंने डाकू डाकू-लुटेरे की कहानी सुनाई थी। वीडियो में वायरल क्लिप वाले हिस्से को 1 घंटा 26 सेकंड से लेकर 1 घंटा 37 सेकंड के बीच में सुना जा सकता है।
सर्च में हमें असल वीडियो जो लगभग 57 मिनट 19 सेकंड लंबा है 10 अप्रैल, 2021 को पीएम मोदी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड मिला। वीडियो में पीएम मोदी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले सिलीगुड़ी में एक राजनीतिक रैली को संबोधित कर रहे थे। वीडियो में वायरल वीडियो को 39 मिनट और 40 सेकंड से सुना जा सकता है।
विश्वास न्यूज़ पहले भी इस वीडियो की जांच कर चुका है, जिसे यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है। वायरल वीडियो से जुड़ी जानकारी के लिए हमने भारतीय जनता पार्टी के बिजय सोनकर शास्त्री से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि दावा गलत है। आगे उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर 99 प्रतिशत खबरें फर्जी हैं, जिनमें यह भी शामिल है।
वायरल वीडियो के लिए हमने कोलकाता के न्यूज़ सेंस के एडिटर जॉयदीप दास गुप्ता से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, ‘वायरल दावा गलत है।
पड़ताल के अंत में हमें इस वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की जांच की। जांच में पता चला कि यूजर जबलपुर का रहने वाला है। फेसबुक पर यूजर के एक हज़ार से ज्यादा फ्रेंड्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की जांच में वायरल दावा भ्रामक निकला। वायरल वीडियो साल 2021 का है। वीडियो के एक हिस्से को गलत दावे के साथ हालिया बताकर शेयर किया जा रहा है।
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