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Fact Check: राजस्थान में BJP कार्यकर्ताओं को पेड़ से बांधने का वीडियो तीन साल पुराना, हाल का नहीं

राजस्थान के नागौर में तीन साल पहले पंचायत समिति के चुनाव में टिकट वितरण से नाराज होकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के तीन पदाधिकारियों को पेड़ से बांध दिया था और नारेबाजी की थी। उस वीडियो को हालिया विधानसभा चुनाव से जोड़कर भ्रामक दावा किया जा रहा है।

rajasthan Election news

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है। इसमें कुछ लोगों को पेड़ से बंधे देखा जा सकता है, जबकि वहां मौजूद अन्य लोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ नारे लगा रहे हैं। इसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि राजस्थान के एक गांव में भाजपा कार्यकर्ताओं को पेड़ से बांधकर पीटा गया और भाजपा के खिलाफ नारे लगाए गए। चुनाव के दौरान वायरल वीडियो को पोस्ट करने से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जैसे यह हालिया घटना है।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो तीन साल पुराना है। इसका हालिया विधानसभा चुनाव से कोई संबंध नहीं है। दरअसल, नवंबर 2020 में राजस्थान के नागौर में पंचायत समिति के चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर कार्यकर्ताओं ने पदाधिकारियों को पेड़ से बांधकर पार्टी के खिलाफ नारे लगाए थे। उस वीडियो को हालिया विधानसभा चुनाव से जोड़कर भ्रामक दावा किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट

इंस्टाग्राम यूजर ‘न्यूज 9 हिंदी‘ (आर्काइव लिंक) ने 12 नवंबर को वीडियो शेयर करते हुए लिखा,

“लोगो ने बीजेपी के कार्यकर्ताओं को पेड़ से बांध कर पीटा।”

वीडियो पर लिखा है,

“कार्यकर्ताओं को पेड़ से बांधकर पीटा गया और बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी की गई। वीडियो राजस्थान के गांव का बताया जा रहा है।”

पड़ताल

वायरल वीडियो की जांच के लिए हमने सबसे पहले इस बारे में कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया। जनसत्ता की वेबसाइट पर 10 नवंबर 2020 को इस बारे में खबर छपी है। इसमें छपी तस्वीर में वीडियो में पेड़ से बंधे दिख रहे लोगों को देखा जा सकता है। खबर में लिखा है कि राजस्थान के नागौर में टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के तीन पदाधिकारियों को पेड़ से बांध दिया और झंडा जलाया। बाद में अन्य नेताओं ने उनको बंधनमुक्त कराया। दरअसल, पंचायत समिति चुनाव के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के बाद नाराज कार्यकर्ताओं ने यह कदम उठाया था।

तीन साल पहले दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर भी इससे संबंधित खबर को देखा जा सकता है। इसमें वीडियो को भी अपलोड किया गया है। इसमें लिखा है कि मामला नागौर जिले की नवगठित पंचायत समिति हरसौर का है। पंचायत चुनाव में टिकट बंटवारे से नाराज कार्यकर्ताओं ने हरसौर मंडल अध्यक्ष राजेश वैष्णव और मंडल उपाध्यक्ष को पेड़ से बांध दिया। कार्यकर्ताओं ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी भी की।

फर्स्ट इंडिया न्यूज़ के यूट्यूब चैनल पर भी इस वीडियो से संबंधित खबर को देखा जा सकता है। इस वीडियो न्यूज को 9 नवंबर 2020 को अपलोड किया गया है।

इस बारे में हमने जयपुर में दैनिक जागरण के संवाददाता नरेंद्र शर्मा से संपर्क कर उनको वायरल वीडियो भेजा। उनका कहना है, “वायरल वीडियो राजस्थान के नागौर का है। यह तीन साल पुराना है। इसका हालिया चुनाव से कोई संबंध नहीं है।

हमने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले इंस्टाग्राम यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। इस यूजर के करीब 12 हजार फॉलोअर्स हैं।

चुनावों से संबंधित विश्‍वास न्‍यूज की अन्य फैक्ट चेक रिपोर्ट्स पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

निष्कर्ष: राजस्थान के नागौर में तीन साल पहले पंचायत समिति के चुनाव में टिकट वितरण से नाराज होकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के तीन पदाधिकारियों को पेड़ से बांध दिया था और नारेबाजी की थी। उस वीडियो को हालिया विधानसभा चुनाव से जोड़कर भ्रामक दावा किया जा रहा है।

  • Claim Review : राजस्थान के एक गांव में भाजपा कार्यकर्ताओं को पेड़ से बांधकर पीटा गया और भाजपा के खिलाफ नारे लगाए गए।
  • Claimed By : Instagram User- newsninehindi
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