Fact Check : पश्चिम बंगाल से नहीं है वायरल वीडियो का संबंध, घटना आंध्र प्रदेश के एक गांव की है

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि जिस वीडियो को पश्चिम बंगाल का बताते हुए वायरल किया जा रहा है, दरअसल वह आंध्र प्रदेश का है। आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के एक गांव के वीडियो को कुछ लोग जानबूझकर पश्चिम बंगाल की हिंसा से जोड़कर वायरल कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव भले ही समाप्‍त हो चुके हों, लेकिन अभी भी फर्जी पोस्‍टों का वायरल होना बंद नहीं हुआ है। अब एक वीडियो को वायरल करते हुए इसे बंगाल का बताते हुए राष्‍ट्रपति शासन की मांग की जा रही है। इस वीडियो में जमीन पर गिरे एक आदमी को पानी पिलाते हुए एक लड़की को एक महिला रोक रही है। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमें पता चला कि आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के एक गांव के वीडियो को कुछ लोग पश्चिम बंगाल की हिंसा से जोड़कर वायरल कर रहे हैं। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

क्‍या हो रहा है वायरल

ट्विटर हैंडल रविंद्र किसान (@RavinderKisan) ने 5 मई को एक वीडियो को अपलोड करते हुए इसे पश्चिम बंगाल का बताते हुए लिखा : ‘बात धरणो से नहीं बनेगी बात तो राष्ट्रपति शासन लगाकर बंगाल को सेना के हाथ में देकर बनेगी। Ek or dukh bhari khabar paschim bangal se’

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो को ध्‍यान से देखा। इस वीडियो के ऑडियो से हमें यह तो अंदाजा लग गया था कि पश्चिम बंगाल नहीं, बल्कि दक्षिण भारत का कहीं का वीडियो है। इसके बाद पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमें यही वीडियो कई न्‍यूज वेबसाइट और यूट्यूब चैनलों पर भी मिला।

इंडिया टुडे की वेबसाइट पर 5 मई को पब्लिश एक खबर में बताया गया कि आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले एक गांव में यह दर्दनाक हादसा हुआ था। कोरोना से संक्रमित पिता को पानी पिलाते हुए इस वीडियो में लड़की की मां को उसे रोकते हुए देखा जा सकता है। मां को चिंता थी कि कहीं बेटी भी संक्रमित न हो जाए। पूरी खबर यहां देखें।

इस खबर को इंडिया टुडे के आशीष पांडेय ने कवर किया था। विश्‍वास न्‍यूज ने आशीष से संपर्क किया। उन्‍होंने हमारे साथ पूरी घटना से जुड़ी खबर शेयर की। यह वीडियो हमें आशीष के ट्विटर हैंडल पर भी मिली।

https://twitter.com/Ashi_IndiaToday/status/1389823573074747393

पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में भी मिला। 4 मई 2021 को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि घटना श्रीकाकुलम के एक गांव की है। कोरोना से संक्रमित एक व्‍यक्ति को गांववालों ने गांव के अंदर नहीं आने दिया। गांव के बाहर झोपड़ी में रहने के लिए इसे विवश किया गया। तबीयत बिगड़ने पर जब इस शख्‍स की 17 साल की बेटी अप‍ने पिता को पानी देने लगी तो उसकी मां ने उसे रोका, ताकि बेटी भी संक्रमित न हो जाए। पूरी खबर यहां पढ़ें।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए आंध्र प्रदेश में टीवी 9 के पत्रकार नूर मोहम्‍मद से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल वीडिया आंध्र प्रदेश का ही है। यह घटना कुछ दिन पहले ही घटी थी।

अब बारी थी कि उस यूजर की सोशल स्‍कैनिंग करने की, जिसने आंध्र प्रदेश के वीडियो को पश्चिम बंगाल का बताकर फर्जी दावों के साथ वायरल किया। हमें पता चला कि ट्विटर हैंडल रविंद्र किसान अक्‍टूबर 2020 को बना है। एक खास विचारधारा से यकीन रखने वाले इस यूजर को 370 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि जिस वीडियो को पश्चिम बंगाल का बताते हुए वायरल किया जा रहा है, दरअसल वह आंध्र प्रदेश का है। आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के एक गांव के वीडियो को कुछ लोग जानबूझकर पश्चिम बंगाल की हिंसा से जोड़कर वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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