आजादी की लड़ाई में भाग न लेने के दावे के साथ वायरल हो रहा नेहरू के इंटरव्यू का क्लिप एडिटेड और ऑल्टर्ड है। इंटरव्यू के दौरान नेहरू ने जिन्ना का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी आजादी की लड़ाई में कोई भूमिका नहीं थी, बल्कि उन्होंने इसका विरोध किया था। हालांकि, वायरल क्लिप में जिन्ना शब्द की जगह आई यानी मैं को जोड़ दिया गया है, जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि नेहरू ने ऐसा अपने लिए कहा था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया यूजर्स देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के इंटरव्यू का एक पुराना वीडियो क्लिप शेयर कर रहे हैं, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने इंटरव्यू के दौरान इस बात को स्वीकार किया कि वे “आजादी की लड़ाई में बिलकुल शामिल नहीं थे और उन्होंने इसका विरोध किया था।”
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल हो रहा वीडियो ऑल्टर्ड है, जिसे फेक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। वास्तव में जब नेहरू से उनकी, गांधी और जिन्ना की भूमिका को लेकर सवाल पूछा जाता है तो वह कहते हैं कि जिन्ना कहीं से भी आजादी की लड़ाई में शामिल नहीं थे, बल्कि उन्होंने इसका विरोध किया था। हालांकि, वायरल वीडियो में जिन्ना शब्द की जगह एडिट कर ‘आई’ यानी ‘मैं’ जोड़ दिया गया है, जिससे यह लग रहा है कि नेहरू ने अपने लिए यह बात कही थी।
सोशल मीडिया यूजर ‘साध्वी पूजा ठाकुर’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “दुर्लभ वीडियो… “मैं आज़ादी की लड़ाई में बिल्कुल भी शामिल नहीं था। बल्कि मैंने इसका विरोध किया था।” नेहरू जी।”
सोशल मीडिया मीडिये के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स (आर्काइव लिंक) ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल वीडियो क्लिप में नेहरू को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है, “….मैं कहीं से भी आजादी की लड़ाई में शामिल नहीं था। वास्तव में उन्होंने इसका विरोध किया था। मुस्लिम लीग की शुरुआत कोई 1911 में की गई थी…इसकी शुरुआत अंग्रेजो ने की और उन्होंने इसे प्रोत्साहित किया ताकि हमारे बीच गुटबाजी को बढ़ावा दिया जा सके…..और वे सफल भी हुए कुछ हद तक….और आखिरकार बंटवारा हुआ।” इसके बाद इंटरव्यू ले रहे पत्रकार पूछते हैं, “….क्या आप और गांधी इसके पक्ष में थे?”, जिसका जवाब देते हुए नेहरू कहते हैं, “गांधी शुरू से लेकर अंत तक इसके पक्ष में नहीं थे। जब यह बात सामने आई तो भी वह पक्ष में नहीं थे। मैं भी इसके पक्ष में नहीं था लेकिन अंतत: मैंने अन्य की तरह फैसला लिया कि इस निरंतर चलने वाली परेशानी की जगह बंटवारा बेहतर विकल्प है।”
इस वायरल क्लिप को सुनकर यह स्पष्ट हो जाता है कि नेहरू का यह वीडियो एडिटेड हैं, क्योंकि शुरुआत में ‘मैं’ का जिक्र करते हुए वह कहते हैं “उन्होंने इसका विरोध किया”। यानी नेहरू किसी अन्य संदर्भ में इसका जिक्र कर रहे थे।
वायरल वीडियो क्लिप के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ऑरिजिनल वीडियो इंटरव्यू ‘Prasar Bharati Archives’ के यू-ट्यूब चैनल पर मिला, जो मई 1964 में रिकॉर्ड किया गया इंटरव्यू है।
नेहरू का यह इंटरव्यू अमेरिकी टीवी पत्रकार आर्नल्ड माइक ने लिया था। इस इंटरव्यू को 14.30/45.31 के फ्रेम से सुनने पर पूरा संदर्भ स्पष्ट हो जाता है। माइक पूछते हैं, “….आप, गांधी और मिस्टर जिन्ना सभी ब्रिटिश राज से आजादी और विभाजन के पहले से स्वतंत्रता संघर्ष में शामिल थे…”, जिसका जवाब देते हुए नेहरू करते हैं, ” जिन्ना आजादी की लड़ाई में शामिल नहीं थे। कहीं से भी नहीं…वास्तव में उन्होंने इसका विरोध किया था। मुस्लिम लीग की शुरुआत कोई 1911 में हुई थी…इसकी शुरुआत अंग्रेजो ने की और उन्होंने इसे प्रोत्साहित किया ताकि हमारे बीच गुटबाजी को बढ़ावा दिया जा सके…..और वे सफल भी हुए कुछ हद तक….और आखिरकार बंटवारा हुआ।”
इसके बाद इंटरव्यू ले रहे पत्रकार पूछते हैं, “….क्या आप और गांधी इसके पक्ष में थे?”, जिसका जवाब देते हुए नेहरू कहते हैं, “गांधी शुरू से लेकर अंत तक इसके पक्ष में नहीं थे। जब यह बात सामने आई तो भी वह पक्ष में नहीं थे। मैं भी इसके पक्ष में नहीं था लेकिन अंतत: मैंने अन्य की तरह फैसला लिया कि इस निरंतर चलने वाली परेशानी की जगह बंटवारा बेहतर विकल्प है।”
हमारी जांच से स्पष्ट है कि आजादी की लड़ाई में भाग न लेने वाली बात नेहरू ने जिन्ना के संदर्भ में कही थी, लेकिन वायरल वीडियो क्लिप में जिन्ना शब्द की जगह आई यानी मैं को जोड़ दिया गया है, जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि नेहरू ने ऐसा अपने लिए कहा था।
pmindia.gov.in की वेबसाइट पर आजादी की लड़ाई में नेहरू की भूमिका का जिक्र है।
वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, “1929 में पंडित नेहरू को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेश का अध्यक्ष चुना गया, जहां पूर्ण आजादी के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया। नमक सत्याग्रह के दौरान वह 1930-35 के बीच कई वर्ष जेल में रहे।” नेहरू ने सात अगस्त 1942 को एआईसीसी के बॉम्बे सेशन में ‘भारत छोड़ो’ का प्रस्ताव रखा और इसके बाद आठ अगस्त 1942 को उन्हें गिरफ्तार कर अहमदनगर फोर्ट में रखा गया। यह उनकी सबसे लंबी गिरफ्तारी थी।
वायरल वीडियो क्लिप को लेकर हमने कांग्रेस को करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार (सोनिया, ए बायोग्राफी और 24 अकबर रोड के लेखक) रशीद किदवई से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया, “नेहरू जिन्ना की भूमिका को लेकर बात कर रहे थे। वे और गांधी दोनों ही बंटवारे के विरोध में थे।”
वायरल वीडियो क्लिप को फेक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब सात हजार लोग फॉलो करते हैं। चुनाव से संबंधित अन्य भ्रामक व फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: आजादी की लड़ाई में भाग न लेने के दावे के साथ वायरल हो रहा नेहरू के इंटरव्यू का क्लिप एडिटेड और ऑल्टर्ड है। इंटरव्यू के दौरान नेहरू ने जिन्ना का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी आजादी की लड़ाई में कोई भूमिका नहीं थी, बल्कि उन्होंने इसका विरोध किया था। हालांकि, वायरल क्लिप में जिन्ना शब्द की जगह आई यानी मैं को जोड़ दिया गया है, जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि नेहरू ने ऐसा अपने लिए कहा था।
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