Fact Check : फर्जी है रेल में वरिष्‍ठ नागरिकों को टिकट में रियायत से जुड़ी वायरल पोस्‍ट

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में रेल में वरिष्‍ठ नागरिकों की रियायत से जुड़ा वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुआ। रेलवे की ओर से रियायत को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर एक मैसेज वायरल है। इसमें कहा जा रहा है कि रेलवे एक जुलाई से वरिष्‍ठ नाग‍रिकों को फिर से टिकट में पहले की तरह रियायत देने जा रहा है। विश्‍वास न्‍यूज को यह मैसेज फेसबुक से लेकर वॉट्सऐप तक पर मिला। जब इसकी पड़ताल की गई तो यह फर्जी साबित हुआ। रेलवे की ओर से इस रियायत को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है। कोविड के दौरान रेलवे ने टिकटों पर मिलने वाली कई श्रेणियों की रियायतों को खत्‍म कर दिया है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर एसटी कुमार ने 16 जून को एक ग्रुप में एक पोस्‍ट लिखते हुए दावा किया : ‘Good morning, Railway concession for Sr. Citizens will resume w e f 1.7.2022 Male /60 year. 40%
Female/58 year. 50%

पोस्‍ट को सच समझकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसका आकाईव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। शुरुआत गूगल ओपन सर्च से की। संबंधित कीवर्ड से सर्च करने पर हमें न्‍यू इंडियन एक्‍सप्रेस की एक खबर मिली। 20 मई 2022 की इस खबर में रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव की ओर से बताया गया कि वरिष्‍ठ नागरिकों की रियायत को फिर से लागू नहीं किया जा रहा है। पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।

पड़ताल के अगले चरण में विश्‍वास न्‍यूज ने रेलवे से जुड़े सोशल मीडिया हैंडल को खंगालना शुरू किया। रेलवे सेवा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल की ओर से वरिष्‍ठ नागरिकों को रियायत के सवाल के जवाब में बताया गया कि दिव्‍यांगजन, रोगियों और छात्रों को रियायत दी जा रही है।

जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने भारतीय रेल के पीआरओ से वायरल मैसेज को लेकर संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल मैसेज फेक है। वरिष्‍ठ नागरिकों को रियायत देने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है।

पड़ताल के अंत में फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर एसटी कुमार ने ही वरिष्‍ठ नागरिकों से जुड़ी रियायत वाली पोस्‍ट सोशल मीडिया में की थी। जांच में पता चला कि यूजर कोलकाता के रहने वाले हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में रेल में वरिष्‍ठ नागरिकों की रियायत से जुड़ा वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुआ। रेलवे की ओर से रियायत को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है।

False
Symbols that define nature of fake news
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