Fact Check: स्वतंत्र भारत की पहली इफ्तार पार्टी के नाम पर वायरल पोस्‍ट फर्जी है

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। वायरल तस्वीर प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद द्वारा आयोजित भारत की पहली इफ्तार पार्टी की नहीं, बल्कि 1948 में सी. राजगोपालाचारी के भारत के गवर्नर-जनरल बनने के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा नेहरू कैबिनेट के लिए आयोजित दोपहर के भोजन की है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्‍लेटफॉर्म पर एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। तस्वीर में जवाहरलाल नेहरू, भीमराव अम्बेडकर, मौलाना अबुल कलाम आजाद‌ और राजेंद्र प्रसाद जैसे बड़े दिग्गज नेता और स्वतंत्रता सेनानी को एक ही टेबल पर खाना खाते हुए देखा जा सकता है। इस तस्वीर को वायरल करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि तस्वीर भारत की पहली इफ्तार पार्टी की है। इसकी मेजबानी मौलाना अबुल कलाम आजाद ने की थी। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल दावे की जांच की। यह फर्जी निकला। दरअसल यह तस्वीर 1948 में सी. राजगोपालाचारी के भारत के गवर्नर-जनरल बनने के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा मंत्रिमंडल के लिए आयोजित दोपहर के भोजन की है।

क्या हो रहा है वायरल?

फेसबुक पेज “फिरोज खान कॉर्पोरेटर एआईएमआइएम” ने 15 अप्रैल को वायरल तस्वीर पोस्ट करते हुए अंग्रेजी में लिखा : “First Iftar party of independent india.”

तस्‍वीर के ऊपर अंग्रेजी में लिखा हुआ है : ”First Iftar party after independence in 1947 hosted by first education Minister Moulana Abul Kalam Azad to his colleagues including Jawahar Lal Nehru, B.R. Ambedkar and Dr. Rajender Prasad.”

हिंदी में इसका अनुवाद हुआ : “स्वतंत्र भारत की पहली इफ्तार पार्टी……🇮🇳 1947 में आजादी के बाद पहली इफ्तार पार्टी की मेजबानी प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने अपने सहयोगियों जवाहर लाल नेहरू, बी.आर. अम्बेडकर और डॉ राजेंद्र प्रसाद के लिए की थी।

फैक्ट चेक के उद्देश्य से फेसबुक पोस्ट में लिखी गई बातों को हूबहू लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता हैं। इस पोस्‍ट को दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट के दावे की सच्चाई पता करने के लिए सबसे पहले ऑनलाइन टूल का इस्‍तेमाल किया। गूगल रिवर्स इमेज टूल में तस्‍वीर को अपलोड करके सर्च किया। सर्च के दौरान हमें वायरल तस्‍वीर स्टॉक इमेज वेबसाइट अलामी पर मिली। इस तस्वीर के कैप्शन में लिखा था, “मराठी: चक्रवर्ती राजगोपालचारी हे पहिले भारतीय जनरल गव्हर्नर बनण्याचा आनंदात वल्लभभाई पटेलांनी मंत्रीमंडळाला दिलेल्या सहभोजन निमंत्रणाला उपस्थित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, मौलाना आझाद व इतर मंत्री. जून १९४८” इसका हिंदी अनुवाद कुछ यूं होगा : ”सी. राजगोपालाचारी के भारत के गवर्नर-जनरल बनने के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा कैबिनेट के लिए जून 1948 को एक एक भोज का आयोजन किया गया था…।” ओरिजनल तस्‍वीर यहां देखें।

पड़ताल के दौरान एक वेबसाइट पर पीडीएफ के फॉर्मेट में अपलोड इसी भोज की दूसरी तस्‍वीर मिली। पीडीएफ के नौवें पेज पर वायरल तस्वीर को देखा जा सकता है। तस्वीर के साथ अंग्रेजी में कैप्‍शन में लिखा गया। इसमें लिखा गया कि 1948 में सी राजगोपालाचारी के गवर्नर जनरल बनने के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा दोपहर के भोजन का आयोजन किया गया। इस आयोजन में नेहरू मंत्रिमंडल के सदस्‍य भी दिखे। तस्वीर में रफी अहमद किदवई, बलदेव सिंह, मौलाना आजाद, जवाहरलाल नेहरू, सी. राजगोपालाचारी, सरदार वल्लभभाई पटेल, राजकुमारी अमृत कौर, जॉन मथाई, जगजीवन राम, मिस्टर गाडगिल, मिस्टर नियोगी, डॉ अम्बेडकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, गोपालस्वामी अयंगर और जयरामदास दौलतराम बैठे दिख रहे हैं।

इस तस्वीर को महिला फोटो जर्नलिस्ट होमाई व्यारावाला के द्वारा खींची गई थी। इसे यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के अंत में जवाहर लाल नेहरू पर किताब लिख चुके पीयूष बबेले से संपर्क किया। उनके साथ वायरल तस्वीर को शेयर किया। उन्होंने बताया कि यह तस्वीर इफ़्तार पार्टी की नहीं, बल्कि पहली कैबिनेट के दौरान किए जा भोजन की है।

विश्वास न्यूज ने पड़ताल के अंत में तस्वीर को फर्जी दावे के साथ वायरल करने वाले पेज की जांच की। फेसबुक पेज ‘फिरोज खान कॉर्पोरेटर एआईएमआइएम’ को 16 हजार से ज्‍यादा लोगों ने लाइक किया हुआ है। यह पेज 27 अगस्त 2018 से फेसबुक पर सक्रिय है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। वायरल तस्वीर प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद द्वारा आयोजित भारत की पहली इफ्तार पार्टी की नहीं, बल्कि 1948 में सी. राजगोपालाचारी के भारत के गवर्नर-जनरल बनने के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा नेहरू कैबिनेट के लिए आयोजित दोपहर के भोजन की है।

False
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