Fact Check : अखिलेश यादव की हार से नहीं है वायरल पोस्‍ट का कोई संबंध, फेक है दावा

विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर की पड़ताल की और पाया कि तीनों तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल तस्वीर अलग-अलग राज्यों में हुई आत्महत्या की घटना को जोड़कर बनाया गया है। वायरल तस्वीर का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव की हार से कोई संबंध नहीं है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से जुडी फर्जी और भ्रामक ख़बरों का सिलसिला जारी है। नतीजों के एलान हो चुके हैं और इसी के बाद से सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। वायरल तस्वीर एक कोलाज है, जिसमें तीन अलग-अलग तस्वीरें हैं। तीनों में ही ख़ुदकुशी करते हुए लोगो को देखा जा सकता है। अब इसी तस्वीर को शेयर करते हुए यह दावा किया जा रहा है कि अखिलेश यादव की सरकार नहीं बन पाने के कारण इन तीन बेरोजगार युवकों ने फांसी लगा ली है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि इन सभी वायरल तस्वीरों का अखिलेश यादव की हार से कोई लेना-देना नहीं है। विश्वास न्यूज़ से बात करते हुए प्रयागराज पुलिस ने भी वायरल दावे का खंडन किया है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर “संदीप यादव” ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है कि ” अखिलेश भइया के न आने से तीन भाइयों ने प्रयागराज में लगाई फासी। तस्वीर में एक कैप्शन भी दिया गया है, जिसमें लिखा हुआ है ” गाव शहर रो रहा है, सत्य की एक बार पराजय हुआ।

इन्हीं दावों के साथ एक अन्य फेसबुक यूजर ” मानसी सिंह” ने ऐसा ही तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इसके अलावा सैकड़ों सोशल मीडिया यूजर इसी दावो के साथ तस्वीर को शेयर कर रहे हैं।

इस पोस्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीरों के हिंसक स्वभाव की वजह हम खबर में कहीं भी पोस्ट को एम्बेड नहीं कर रहे हैं और ना ही स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल कर रहे हैं।

इसी वायरल पोस्ट के फैक्ट चेक की रिक्वेस्ट हमारे टिपलाइन नंबर पर आर्यन सिंह ने भी की थी।

पड़ताल

विश्वास न्यूज़ ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं तीनों तस्वीर की एक-एक करके पड़ताल शुरू की।

पहली तस्वीर

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले पहली तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल के ज़रिये सर्च किया। सर्च में हमें यह तस्वीर संजीवनी टुडे के नाम की एक वेबसाइट पर 24 नवंबर 2020 को छपे एक आर्टिकल में मिली। खबर में दी गई मालूमात के मुताबिक, ‘यह घटना रामगढ़ की है, जहां पैसों की तंगी के कारण युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था।‌ युवक की पहचान बोकारो जिले के कसमार थाना क्षेत्र अंतर्गत कर्मा निवासी तारा महतो के पुत्र रणधीर कुमार के रूप में हुई है।‌

थोड़ी और पड़ताल के बाद इससे मिलती-जुलती एक और रिपोर्ट मिली, जिसमें हमें पता चला कि मृत युवक 25 वर्ष का था और वो मोबाइल कंपनी में काम करता था। आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने यह कदम उठाया।

तीसरी तस्वीर

गूगल रिवर्स इमेज सर्च किये जाने पर हमें एक तस्वीर से जुडी रिपोर्ट मिली। नाजिर ने फांसी लगाकर की आत्महत्या “

वेबसाइट पर मिली जानकारी से हमें कुछ की-वर्डस मिले, जिन्हें गूगल ओपन सर्च करने पर हमें दैनिक भास्कर की एक तीन साल पूरानी रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट से पता चला कि आत्महत्या करने वाले युवक का नाम राजेश राजपूत था, उनकी उम्र करीब 35 वर्ष थी। वो न्यायालय में नायब नाजिर के पद पर पदस्थ था। वो मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के गोंड खैरी बागरोद चौराहे के पास का रहने वाले थे।

विश्वास न्यूज़ ने खबर से जुडी पुष्टि के लिए जनपद प्रयागराज मीडिया सेल ‌से संपर्क किया और वायरल पोस्ट से जुड़ी जानकारी उन्हें दी। पोस्ट का खंडन करते हुए हमें बताया गया कि प्रयागराज में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। हमारे साथ प्रयागराज पुलिस के ट्वीट का लिंक भी शेयर किया, जिसमें इसी वायरल पोस्ट पर पुलिस का ट्वीट है और वायरल पोस्ट को फर्जी बताया गया है। नीचे ट्वीट देखा जा सकता है।

हमने वायरल पोस्ट में किये गए दावे से जुडी जानकारी के लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आशुतोष कुमार वर्मा से भी संपर्क किया और उन्होंने हमें बताया कि ऐसी कोई मामला पेश नहीं आया है।

हमारी पड़ताल में हम दूसरी तस्वीर की पुष्टि नहीं कर पाए हैं लेकिन यह साफ़ है कि इस तस्वीर का अखिलेश यादव के इलेक्शन हार जाने से कोई ताल्लुक नहीं है।

पड़ताल के आखिरी चरण में हमारी टीम ने तस्वीर शेयर करने वाले फेसबुक यूजर “संदीप यादव” के सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच की तो पता चला कि उनके फेसबुक फॉलोअर्स की संख्या 1,453 हैं। वो उत्तर प्रदेश के सकलडीहा का रहने वाला है। वो एक राजनीतिक दल से संबंधित फेसबुक पोस्ट शेयर करता है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर की पड़ताल की और पाया कि तीनों तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल तस्वीर अलग-अलग राज्यों में हुई आत्महत्या की घटना को जोड़कर बनाया गया है। वायरल तस्वीर का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव की हार से कोई संबंध नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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