वायरल तस्वीरों का बीजेपी विधायक सुधीर गाडगिल से कोई संबंध नहीं है, न ही दोनों तस्वीरों में दिख रहा कैश 20 हजार करोड़ रुपए है। दोनों ही तस्वीर अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग साल में खीचीं गई हैं। वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा फर्जी है।
नई दिल्ली (Vishvas News)। बिहार सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, इसके चलते सोशल मीडिया पर फेक न्यूज फैलने का सिलसिला तेज हो गया है। इसी बीच विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर हाल ही दो तस्वीरों का एक कोलाज फैक्ट चेक करने के लिए मिला। इसमें पहली तस्वीर में सफेद रंग की एक गाड़ी के पीछे पुलिस कर्मी के साथ कुछ लोग खड़े दिखते हैं, जबकि गाड़ी में कुछ प्लास्टिक बैग्स दिखाई देते हैं। वहीं दूसरी तस्वीर में गत्ते के कार्टन्स में नोटों के बंडल रखे नजर आ रहे हैं। तस्वीरों के साथ दावा किया जा रहा है कि बीजेपी विधायक सुधीर गाडगिल की कार से 20 हजार करोड़ की नई करंसी पकड़ी गई है।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा गलत है। वायरल हो रहीं दोनों तस्वीरें अलग अलग साल में खींची गई थीं और इनमें नजर आ रही राशि 20 हजार करोड़ रुपए से कहीं कम है। यह कोलाज साल 2018 व 2019 में भी इसी दावे के साथ वायरल हो चुका है। विश्वास न्यूज ने उस समय भी इस दावे का सच सामने रखा था।
क्या है वायरल पोस्ट में?
विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर फैक्ट चेक करने के लिए मिली इस पोस्ट के साथ लिखा गया है: मोदी जी को बधाई हो भाजपा के विधायक सुधीर गाडगिल की कार से 20 हजार करोड़ की नई करंसी पकड़ी गई है। ये खबर आग की तरह फैला दो क्योंकि अपने भारत की मीडिया में ये दिखाने की औकात नहीं
यह पोस्ट साल 2018 से सोशल मीडिया पर वायरल है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने पड़ताल की शुरुआत करते हुए सबसे पहले वायरल कोलाज की पहली तस्वीर जिसमें गाड़ी के साथ कुछ लोग खड़े दिख रहे हैं, इसे गूगल रिसर्व इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। हमें यह तस्वीर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में मिली। 15 नवंबर 2016 को पब्लिश हुई इन रिपोर्ट्स के अनुसार, महाराष्ट्र के उस्मानाबाद के इलेक्शन स्कवाड ने एक गाड़ी से छह करोड़ रुपए के पुराने नोट पकड़े थे। यह घटना 8 नवंबर 2016 को हुई नोटबंदी के कुछ दिनों बाद की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कथित रूप से यह कैश सांगली स्थित एक अर्बन को—ऑपरेटिव बैंक का था जिसके चेयरमैन सुधीर गाडगिल के भाई गणेश गाडगिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस घटना के बाद सांगली अर्बन को—ऑपरेटिव बैंक ने स्वीकार किया था कि सीज किया गया 6 करोड़ कैश उनके बैंक का है। बैंककर्मी माराठावाड़ा स्थित बैंक की अन्य शाखाओं से पुराने नोट सांगली ला रहे थे, क्योंकि कोई भी अन्य बैंक इस कैश को स्वीकार नहीं कर रहा था।
इसके बाद हमने दूसरी तस्वीर जिसमें गत्ते के कार्टन्स में नोटों के बंडल दिखाई दे रहे हैं, इसे भी गूगल रिवर्स सर्च की मदद से ढूंढा। हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं। इन रिपोर्ट्स के अनुसार, नवंबर 2017 में आयकर विभाग ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के दलाल संजय गुप्ता के दिल्ली स्थित घर पर छापा मारा था। इस दौरान विभाग ने 11 करोड़ कैश बरामद किया था। वायरल तस्वीर उसी दौरान ली गई थी। लिहाजा यह स्पष्ट है कि इन दोनों ही तस्वीरों का बीजेपी विधायक सुधीर गाडगिल से कोई संबंध नहीं है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए सांगली से बीजेपी विधायक सुधीर गाडगिल से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि यह तस्वीर साल 2016 की है। उनके एक भाई सांगली में को—ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन हैं और उनके बैंक का यह पैसा था, जिसे नोटबंदी के समय लोगों ने जमा करवाया था। यह करीब 6 करोड़ रुपए थे। इस घटना से उनका कोई संबंध नहीं है।
ज्यादा जानकारी के लिए हमने सांगली के एंटी करप्शन ब्यूरो में सीमा माणे से भी संपर्क किया। उन्होंने बताया कि विधायक सुधीर गाडगिल को लेकर इस तरह की कोई घटना हाल-फिलहाल में नहीं हुई है।
निष्कर्ष: वायरल तस्वीरों का बीजेपी विधायक सुधीर गाडगिल से कोई संबंध नहीं है, न ही दोनों तस्वीरों में दिख रहा कैश 20 हजार करोड़ रुपए है। दोनों ही तस्वीर अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग साल में खीचीं गई हैं। वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा फर्जी है।
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