Fact Check: मस्जिद की साफ-सफाई कर रही पुलिस का वायरल फोटो तेलंगाना का है, बंगाल का नहीं

हमारी पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ। यह तस्वीर पश्चिम बंगाल की नहीं है। तेलंगाना की पुरानी तस्वीर को बंगाल का बता कर शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफॉर्म पर एक तस्‍वीर तेजी से वायरल हो रही है। इस तस्‍वीर में कुछ पुलिसकर्मियों को एक आस्था स्थल में साफ़-सफाई करते देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि तस्वीर पश्चिम बंगाल की है, जहाँ ममता सरकार ने पुलिसकर्मियों से मस्जिद कैंपस में साफ़-सफाई करवाई। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्‍वीर की जांच की। हमारी पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ। यह तस्वीर पश्चिम बंगाल की नहीं है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Sunil Kumar Pandey ने वायरल तस्वीर को शेयर किया जिसके ऊपर लिखा था “क्या आपने कभी पुलिस को देखा है मन्दिर साफ करते हुए..? नहीं ना ..? पर….बंगाल में ममता दीदी की पुलिस, मस्जिद साफ कर रही है, नमाज के लिए.. देखिये”

 इसके आर्काइव वर्जन को यहां देख सकते हैं।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने असली तस्‍वीर तक पहुंचने के लिए सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज टूल का इस्‍तेमाल किया। इसमें वायरल फोटो को अपलोड करके सर्च करने पर यह तस्‍वीर हमें News Telangana नाम के एक फेसबुक पेज पर 16 जून 2016 को पब्लिश्ड मिली। साथ में लिखा था, “#AKNEWS #Bhainse_me_Ramadan ke Mouqe per #Masjid #PANJESHA markaz Me #BHAINSA_police ki Janib se #Safayi Ka kaam. Salute Bhainsa police” आसान हिंदी भाषा में” भैंसा में रमजान के मौके पर मस्जिद पंजेशा मरकज़ में भैंसा पुलिस की जानिब से सफाई का काम। सैल्यूट भैंसा पुलिस। पोस्ट में तस्वीर का क्रेडिट फ़राज़ अकेलवी नाम के जर्नलिस्ट को दिया गया था।

हमने इस विषय में तेलंगाना टीवी के एडिटर एंड चीफ फ़राज़ अकेलवी से फ़ोन के ज़रिये संपर्क साधा। हमने उनके साथ वायरल तस्वीर भी शेयर की। उन्होंने हमें बताया, “वायरल तस्वीर 2016 की है, जब स्वच्छता अभियान के अंतर्गत भैंसा पुलिस ने रमजान के मौके पर मस्जिद पंजेशा मरकज़ की साफ़-सफाई की थी।”

ढूंढ़ने पर हमें Telangana State Police के वेरिफाइड फेसबुक पेज पर जून 2016 का एक पोस्ट मिला, जिसमें कुछ तस्वीरें थीं और स्वच्छता अभियान के दौरान तेलंगाना पुलिस द्वारा किये गए कार्यक्रमों के बारे में जानकारी थी। हमें तेलंगाना पुलिस द्वारा समय-समय पर किये जाने वाले स्वच्छता कार्यक्रमों पर और भी पोस्ट्स मिली।

जांच के अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि Sunil Kumar Pandey को 396 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ। यह तस्वीर पश्चिम बंगाल की नहीं है। तेलंगाना की पुरानी तस्वीर को बंगाल का बता कर शेयर किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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