विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। राजस्थान सरकार की ओर से मस्जिद और मदरसा को लेकर ऐसा कोई मैसेज नहीं जारी किया गया है। इसका खंडन राजस्थान पुलिस और मुख्यमंत्री के ओएसडी ने भी किया।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर एक मैसेज वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि राजस्थान सरकार ने मुसलमानों को खुश करने के लिए जन्माष्टमी पर एक फैसला लिया है। इसमें आईपीसी की धारा का जिक्र करते करते हुए एक तस्वीर वायरल की जा रही है। मस्जिद और मदरसे से जुड़ी इस पोस्ट की जब हमने जांच की तो यह फर्जी साबित हुई। हमारी पड़ताल में पता चला कि राजस्थान सरकार ने ऐसा कोई बदलाव नहीं किया है, जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया गया है।
फेसबुक यूजर अमित कुमार सांगवान ने 1 सितंबर को एक पोस्टर शेयर करते हुए लिखा : “राजस्थान सरकार के द्वारा बहुत ही महत्वपूर्ण IPc की धारा में मदरसा मस्जिद के संदर्भ में निर्णय लेकर तमाम आलम ए इस्लाम के लोगों को राहत पहुंचाने का एक शानदार गिफ्ट हिंदुओ को जन्माष्टमी पर दिया है अब अगर जिहादी आपके घर के आगे मजार या मस्जिद बनाते है और आप उनको रोकते है तो 3 साल के लिए आपको सीधे जेल होगी।कोई जमानत नही। आप आगे भी कांग्रेस को वोट देकर अपने घर में ही मजार बनवा सकते हो वो भी फ्री में। इस भाईचारे का सारा श्रेय सेकुलर हिंदुओ को जाता है गहलोत सरकार का सभी सेकुलर हिंदुओ की तरफ से आभार प्रकट करते हैं और सारे सेकुलर हिन्दू गहलोत सरकार से उम्मीद करते है की वो ऐसे ही हिंदुओ की जड़े आगे भी खोदते रहे। और इस सुंदर कार्य के लिए सेकुलर हिंदुओ का वोट आपके लिए पक्का समझे।”
पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां क्लिक करके देखा जा सकता है। यह पोस्ट फेसबुक के अलावा ट्विटर और वॉट्सऐप पर भी खूब वायरल हो रही है।
मस्जिद/मदरसा के नाम पर वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने संबंधित खबरों को गूगल में सर्च करना शुरू किया। हमें एक भी ऐसी खबर नहीं मिली, जो वायरल पोस्ट की सत्यता पर मुहर लगाती हो।
जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने राजस्थान पुलिस के सोशल मीडिया अकाउंट को खंगालना शुरू किया। हमने राजस्थान पुलिस के ट्विटर हैंडल को खंगाला। हमें 1 सितंबर को वायरल पोस्ट के बारे में जानकारी मिली। राजस्थान पुलिस के इस ट्वीट में बताया गया कि कुछ समय से शरारती तत्वों द्वारा आमजन को गुमराह करने के उद्देश्य से एक मैसेज #SocialMedia पर वायरल हो रहा है, जो कि मिथ्या एवं भ्रामक है। हमारा आपसे निवेदन है ऐसे किसी भी मैसेज को आगे फॉरवर्ड न करे। इस तरह के दुष्प्रचार करने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने इसे फर्जी करार देते हुए कहा कि राजस्थान के संदर्भ में ऐसे झूठे और भ्रामक तथ्य वायरल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लोकेश शर्मा ने इस संबंध में एक ट्वीट भी किया। इसमें उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि इस प्रकार के दुष्प्रचार में शामिल होने से बचें और इसे प्रचारित-प्रसारित होने से रोकने में सहायक बनें।
जांच के अंतिम दौर में हमने फेसबुक यूजर अमित कुमार सांगवान के अकाउंट की सोशल स्कैनिंग की। हमें पता चला कि यूजर एक खास विचारधारा से प्रभावित है। इसके 3254 फ्रेंड हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। राजस्थान सरकार की ओर से मस्जिद और मदरसा को लेकर ऐसा कोई मैसेज नहीं जारी किया गया है। इसका खंडन राजस्थान पुलिस और मुख्यमंत्री के ओएसडी ने भी किया।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।