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Fact Check: ओमिक्रोन के कारण केंद्र के महंगाई भत्ता को स्थगित किए जाने का दावा अफवाह, वायरल हो रहा मेमो फेक

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के प्रसार की वजह से केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ता और महंगाई राहत को जुलाई 2022 तक टाले जाने के दावे के साथ वित्त मंत्रालय के नाम पर वायरल हो रहा मेमो फेक है।

  • By: Abhishek Parashar
  • Published: Jan 5, 2022 at 06:17 PM
  • Updated: Jan 19, 2022 at 07:44 PM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक मेमो के जरिए यह दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत को जुलाई 2022 तक के लिए टाल दिया गया है। दावा किया जा रहा है कोविड-19 वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के प्रसार की वजह से केंद्रीय कर्मचारियों को दिया जाना वाले महंगाई भत्ता और पेंशनभोगियों की दी जाने वाली महंगाई राहत को स्थगित कर दिया गया है।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा फर्जी निकला। इस दावे के साथ वित्त मंत्रालय के नाम से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा मेमो फेक है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

सोशल मीडिया यूजर ‘Satendra Commerce And Law Academy’ ने वायरल मेमो को शेयर किया है।

कई अन्य यूजर्स ने इस मेमो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल हो रहा मेमो वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर के नाम से है और इसमें लिखा हुआ है कि ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों की वजह से यह तय किया गया है कि केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता और केंद्रीय पेंशनभोगी कर्मचारियों की महंगाई राहत को स्थगित किया जा रहा है, ताकि मौजूदा अभूतपूर्व स्थिति से निपटा जा सके।

गौरतलब है कि देश में ओमिक्रोन के नए मामलों के सामने आने के साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी आई है और इसे देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों को दिशानिर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकारें स्थिति के मुताबिक, फैसले लेते हुए पाबंदियों की घोषणा कर रही हैं। न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक – उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, छत्तीसगढ़, राजस्थान समेत अन्य राज्यों में सख्त प्रतिबंधों की घोषणा की गई है।

न्यूज सर्च में हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें केंद्र सरकार की तरफ से महंगाई भत्ते पर रोक लगाए जाने की सूचना हो। सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिलीं, जिसमें इस दावे को फेक बताया गया है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की वेबसाइट पर पांच जनवरी 2022 प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी की शुरुआत और उसके बाद लगे लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत पर रोक लगा दी थी, लेकिन ओमिक्रोन वेरिएंट की वजह से दोबारा से ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है और इस दावे के साथ वायरल हो रहा मेमो फेक है।

वित्त मंत्रालय ने भी वायरल दावे को फेक बताया है। केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने वित्त मंत्रालय के हवाले से वायरल मेमो को फेक बताते हुए महंगाई भत्ता को रोके जाने के दावे को गलत बताया है।

इसमें कहा गया है, ‘वित्त मंत्रालय के नाम से एक फेक आदेश को जारी करते हुए दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत को स्थगित कर दिया गया है। वित्त मंत्रालय की तरफ से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।’

हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के नेशनल ब्यूरो के विशिष्ट संवाददाता राजीव कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से महंगाई भत्ते को रोके जाने का ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है।

न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुई अभूतपूर्व स्थिति को देखते हुए केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता और महंगाई राहत को जून 2021 तक के लिए टाल दिया गया था और जुलाई 2021 में इसे बहाल भी किया जा चुका है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर 15 जुलाई 2021 को प्रकाशित रिपोर्ट

वायरल दावे को शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब दो सौ से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के प्रसार की वजह से केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ता और महंगाई राहत को जुलाई 2022 तक टाले जाने के दावे के साथ वित्त मंत्रालय के नाम पर वायरल हो रहा मेमो फेक है।

  • Claim Review : केंद्र सरकार ने जुलाई 2022 तक महंगाई भत्ता पर रोक लगाई
  • Claimed By : FB User-Satendra Commerce And Law Academy
  • Fact Check : झूठ
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