Fact Check : रांची में हिंसा के बाद हुए लाठीचार्ज के वीडियो को एडिट करके यूपी के नाम पर किया गया वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। असली वीडियो झारखंड के रांची का है। जिसे अब यूपी के नाम पर वायरल किया जा रहा है।

Fact Check : रांची में हिंसा के बाद हुए लाठीचार्ज के वीडियो को एडिट करके यूपी के नाम पर किया गया वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। पिछले दिनों जुमे की नमाज के बाद कई इलाकों में हिंसा देखने को मिली। अब सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर एक वीडियो वायरल किया जा रहा है। इसमें पुलिस को लोगों पर लाठीचार्ज करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के बैकग्राउंड में एक गाना बज रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को उत्तर प्रदेश का बताकर वायरल कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह भ्रामक साबित हुई। वीडियो झारखंड के रांची का है। 10 जून को रांची में हिंसा भड़क उठी थी, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। वीडियो उसी दौरान का है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर करण पटेल ने 30 सेकंड के एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘कुछ दिन तो गुजारो उत्तर प्रदेश में।’

वायरल वीडियो को दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है। फेसबुक के अलावा यह वीडियो ट्विटर और यूट्यूब पर भी वायरल है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो और उससे जुड़ी पोस्‍ट की सच्‍चाई जानने के लिए ऑनलाइन टूल का इस्‍तेमाल किया। सबसे पहले वायरल वीडियो में से कई कीफ्रेम्‍स निकाले गए। फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज टूल के माध्‍यम से सर्च किया गया। आईनेक्‍स्‍ट नाम के एक यूट्यूब चैनल पर 4:13 मिनट का एक वीडियो मिला। इसे रांची का बताया गया। 10 जून 2022 को अपलोड इस वीडियो में बताया गया कि रांची में नमाज के बाद हिंसा और पथराव हुआ। जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज व फायरिंग की। वीडियो के तीन मिनट के बाद से हमें वही सीन नजर आया, जो यूपी के नाम पर वायरल वीडियो में मौजूद था।

सर्च के दौरान दैनिक जागरण के यूट्यूब चैनल पर भी एक वीडियो मिला। इस वीडियो में उसी लोकेशन, बैनर और दुकानों को देखा जा सकता है, जो यूपी के नाम पर वायरल वीडियो में है। 11 जून को वीडियो अपलोड करते हुए लिखा गया कि रांची में हिंसा के दौरान दो लोगों की गोली लगने से मौत, कई पुलिसवाले घायल।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, रांची के पत्रकार संदीप कुमार से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्‍होंने वीडियो के बारे में बताते हुए कहा कि यह वीडियो 10 जून को रांची के बाजार में हुई हिंसा का है।

अब बारी थी भ्रामक पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच करने की। फेसबुक यूजर करण पटेल की सोशल स्कैनिंग करने पर पता चला कि यूजर के करीब पांच हजार दोस्‍त हैं। भोपाल में रहने वाले इस यूजर को 12 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। असली वीडियो झारखंड के रांची का है। जिसे अब यूपी के नाम पर वायरल किया जा रहा है।

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