राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के युवा दिनों के दावे से वायरल हो रहा कोलाज भ्रामक है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संघर्ष के दिनों के दावे से वायरल हो रही तस्वीर उनकी नहीं, बल्कि सफाई कर्मचारी सुकुमार टुडु की है। वहीं, जिस तस्वीर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बताकर शेयर किया जा रहा है, वह ऑल्टर्ड तस्वीर है। ऑटो के साथ नजर आ रहे तस्वीर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की नहीं, बल्कि बाबा कांबले की है। हालांकि, कोलाज में शामिल तस्वीर योगी आदित्यनाथ की ही है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा की चुनावी गतिविधियों के बीच सोशल मीडिया यूजर्स चार तस्वीरों का एक कोलाज शेयर कर रहे हैं, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीरें देश की राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के युवा दिनों की तस्वीरें हैं। तस्वीर में जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कथित तौर पर झाड़ू लगाते हुए देखा जा सकता है, वहीं एकनाथ शिंदे ऑटो ड्राइवर के तौर पर नजर आ रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में वायरल कोलाज को भ्रामक पाया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संघर्ष के दिनों के दावे से वायरल हो रही तस्वीर उनकी नहीं, बल्कि सफाई कर्मचारी सुकुमार टुडु की है। वहीं, जिस तस्वीर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बताकर शेयर किया जा रहा है, वह ऑल्टर्ड तस्वीर है। ऑटो के साथ नजर आ रहे तस्वीर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की नहीं, बल्कि बाबा कांबले की है। हालांकि, कोलाज में शामिल तस्वीर योगी आदित्यनाथ की ही है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Vikas Garg’ ने कोलाज को शेयर करते हुए लिखा है, “*चार तस्वीरों को देखिये* *आश्चर्य होता है ??!!*
*कर्मो और भाग्य का खेल भी गजब की है* *1 ● प्रधानमंत्री* *2 ● राष्ट्रपति* *3 ● मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश* *4 ● मुख्यमंत्री महाराष्ट्र*”
विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस वीडियो को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।
वायरल कोलाज में चार तस्वीरों को शेयर किया गया है, जिसकी हमने बारी-बारी से जांच की और पाया कि इस कोलाज में केवल एक ही तस्वीर को सही संदर्भ में साझा किया गया है।
रिवर्स इमेज सर्च में हमें न्यूज 18 में 23 जुलाई को छपी एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, फोटो में दिख रही महिला का नाम सुकुमार टुडु है। वह एक सफाई कर्मचारी हैं। वह उपरबेदा गांव में रहती हैं, जहां द्रौपदी मुर्मू का जन्म हुआ था। इस बारे में द्रौपदी मुर्मू के भाई तारिणीसेन का कहना है, “यह फोटो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की नहीं है।”
रिवर्स इमेज सर्च में हमें यह तस्वीर ‘ओल्ड इंडियन फोटोज’ की वेबसाइट पर लगी मिली। लेकिन इसमें नजर आ रहे व्यक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं हैं। एपी इमेजेज की वेबसाइट पर भी हमें यह फोटो मिली। इसमें भी पीएम मोदी का चेहरा नहीं है।
इसकी सत्यता जांचने के लिए अहमदाबाद के आरटीआई कार्यकर्ता पराग पटेल ने आरटीआई दायर की थी। इसके जवाब में बताया गया था कि यह पीएम मोदी की तस्वीर नहीं है। यह एडिटेड है। इस बारे में हमने पराग पटेल से बात की। उनका कहना है, “मैंने इस इमेज की सच्चाई जानने के लिए आरटीआई दाखिल की थी। इसके जवाब में बताया गया था कि यह फोटो एडिटेड है।”
विश्वास न्यूज ने इस तस्वीर की पहले भी फैक्ट चेक रिपोर्ट की है, जिसे यहां पढ़ा जा सकता है।
रिवर्स इमेज सर्च में हमें यह तस्वीर 5 जून 2022 को अमर उजाला में छपी फोटो गैलरी में मिली और दी गई जानकारी के मुताबिक, “यह फोटो योगी आदित्यनाथ के संन्यास ग्रहण करने के बाद की है।”
यानी यह तस्वीर सही है और वास्तविक तौर पर योगी आदित्यनाथ की ही है।
रिवर्स इमेज सर्च में हमें यह तस्वीर फेसबुक पेज ‘महाराष्ट्र रिक्शा पंचायत पुणे’ पर मिली। 22 जुलाई को अपलोड इस फोटो के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, तस्वीर बाबा कांबले की है, जो महाराष्ट्र रिक्शा पंचायत के संस्थापक हैं। यह तस्वीर 1997 की है।
विश्वास न्यूज ने इस तस्वीर की पहले भी फैक्ट चेक रिपोर्ट की है, जिसे यहां पढ़ा जा सकता है। यह कोलाज अलग-अलग मौकों पर चुनावी संदर्भ में वायरल होता रहा है। इससे पहले यह तस्वीर 2022 में समान दावे के साथ वायरल हुई थी, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
वायरल कोलाज को भ्रामक दावे के दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की फेसबुक प्रोफाइल से विचारधारा विशेष से प्रेरित सामग्री शेयर की जाती है। सोशल मीडिया पर वायल दावों की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स के अलावा राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय व अर्थव्यवस्था और बिजनेस से संबंधित अन्य एक्सप्लेनर रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज के एक्सप्लेनर सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के युवा दिनों के दावे से वायरल हो रहा कोलाज भ्रामक है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संघर्ष के दिनों के दावे से वायरल हो रही तस्वीर उनकी नहीं, बल्कि सफाई कर्मचारी सुकुमार टुडु की है। वहीं, जिस तस्वीर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बताकर शेयर किया जा रहा है, वह ऑल्टर्ड तस्वीर है। ऑटो के साथ नजर आ रहे तस्वीर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की नहीं, बल्कि बाबा कांबले की है। हालांकि, कोलाज में शामिल तस्वीर योगी आदित्यनाथ की ही है।
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