नई दिल्ली (विश्वास न्यूज) सोशल मीडिया पर आजकल एक 8 सेकंड का वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है, जिसमें एक रिपोर्टर के पूछने पर कि वो बैठक में क्यों नहीं आए। गौतम गंभीर बोलते हैं-“बैठक ज़रूरी है या मेरा काम। 5 महीने में मैंने अपने काम…”वीडियो को इस क्लेम के साथ वायरल किया जा रहा है कि गौतम गंभीर ने प्रदूषण पर बुलाई गयी बैठक में न जाने को लेकर कहा कि उनका निजी काम ज़्यादा ज़रूरी है। हमने अपनी पड़ताल में पाया कि असल में आठ सेकंड की ये क्लिप अधूरी है। पूरा वीडियो देखने पर पता चलता है कि गौतम गंभीर अपने निजी काम की नहीं, बल्कि अपने क्षेत्र के लिए एमपी के तौर पर किये गए काम की बात कर रहे थे। ये पोस्ट भ्रामक है।
CLAIM
8 सेकंड के वायरल वीडियो में एक रिपोर्टर को बोलते सुना जा सकता है, “लेकिन आप बैठक में नहीं आये, बुलाया गया था आपको” जिसपर गौतम गंभीर को बोलते सुना जा सकता है। “बैठक ज़रूरी है या मेरा काम ज़रूरी है। 5 महीने में मैंने अपने काम… “पोस्ट के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर बुलाई बैठक में आप नही आये,बैठक से जरूरी मेरा काम है:- गौतम गंभीर। चुनाव लड़ सांसद क्यों बने तुम ? केजरीवाल पर आरोप लगाने के लिए बस!”
FACT CHECK
आपको बता दें कि 15 नवंबर को गौतम गंभीर को दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण पर बुलाई गई एक बैठक का न्योता दिया गया था, जहाँ गौतम नही पहुंचे थे। इसी बैठक के बाद अब इस वीडियो को इस दावे के साथ वायरल किया जा रहा है कि गौतम गंभीर ने खुद यह बात कही है कि उनके लिए उनका निजी काम प्रदूषण पर बुलाई गयी बैठक से ज्यादा ज़रूरी है।
हमने अपनी पड़ताल शुरू करने के लिए इस वीडियो को ठीक से देखा। वीडियो में रिपोर्टर ने न्यूज़ एजेंसी ANI का माइक पकड़ा है।
हमने जांच के लिए ANI की फीड को जांचने का फैसला किया। ढूंढ़ने पर ANI के यूट्यूब चैनल पर हमें 18 नवंबर को अपलोड किया गया 2 मिनट 26 सेकंड का एक वीडियो मिला जिसका टाइटल था “प्रदूषण पर जमनी तौर पर काम करना बैठकों को अटेंड करने से अधिक महत्वपूर्ण है: गौतम गंभीर।” वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा था, “भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने 15 नवंबर को दिल्ली में वायु प्रदूषण पर शहरी विकास की संसदीय स्थायी समिति की बैठक के दौरान अपनी अनुपस्थिति पर स्पष्टीकरण दिया, पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज ने कहा कि वह कॉमेंट्री के लिए अनुबंधित थे और इस बारे में समिति को सूचित किया था।”
पूरा वीडियो सुनने पर समझ आता है कि गौतम गंभीर ने कहा, “15 तारीख की बैठक के लिए हमारे पास 11 तारीख को न्योता आया था, जिसपर हमने उसी दिन रिप्लाई कर दिया था कि बीसीसीआई के साथ हुए कॉन्ट्रैक्ट के चलते हम कमेंट्री के लिए प्रतिबद्ध हैं और बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे।” उन्हें ये भी कहते सुना जा सकता है, “पिछले पांच महीने का मेरा काम देखिए, पिछले 5 महीने में EDMC ने 90 करोड़ के व्हीकल ख़रीदे, 70 स्प्रिंगलिंग मशीनें खरीदीं, वैक्यूम क्लीनर्स ख़रीदे। इसके अलावा गाज़ीपुर लैंडफिल का काम भी इन्ही पांच महीनों में शुरू हुआ है। ‘रिपोर्टर: लेकिन आप बैठक में नहीं आये।’ गंभीर: बैठक ज़रूरी है या मेरा काम ज़रूरी है? 5 महीने में मैंने अपने काम आपको गिनवा दिए हैं।”
हमने ज़्यादा पुष्टि के लिए गौतम गंभीर की पीआर मैनेजर प्रिया से भी बात की। उन्होंने कहा, “आप पुष्टि के लिए ANI का पूरा वीडियो देखिये। साफ़ है कि ‘मेरे काम’ से गौतम गंभीर का मतलब एमपी के नाते किये गए उनके काम से था, न कि उनके निजी काम से।”
इस पोस्ट को कई लोग सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। इन्ही में से एक है Sunny Upadhyay नाम का एक फेसबुक प्रोफाइल। इनके प्रोफाइल के अनुसार, ये दिल्ली के रहने वाले हैं। इस यूजर के फेसबुक पर 4,998 फ्रेंड्स हैं।
निष्कर्ष: हमने अपनी पड़ताल में पाया कि असल में आठ सेकंड की ये क्लिप अधूरी है। पूरा वीडियो देखने पर पता चलता है कि गौतम गंभीर अपने निजी काम की नहीं, बल्कि अपने क्षेत्र के लिए एमपी के तौर पर किये गए काम की बात कर रहे थे। ये पोस्ट भ्रामक है।
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