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Fact Check: हैदराबाद के गांधी अस्पताल का वीडियो गलत दावे के साथ वायरल, फर्श पर COVID-19 मरीज नहीं, सफाई कर्मचारी बैठे हैं

हैदराबाद के गांधी अस्पताल का वीडियो गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अस्पताल के फर्श पर वहां काम करने वाले सफाई कर्मचारी पीपीई किट पहन कर बैठे हुए थे, जिसे कोरोना वायरस संक्रमित मरीज बताकर वायरल किया गया।

  • By: Abhishek Parashar
  • Published: Jul 7, 2020 at 12:52 PM
  • Updated: Jul 7, 2020 at 01:00 PM

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मामले के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पीपीई किट पहने दो लोगों को फर्श पर बैठे हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो हैदराबाद के गांधी अस्पताल का है और पीपीई किट में नजर आ रहे व्यक्ति वास्तव में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज हैं।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। पीपीई किट पहने अस्पताल के फर्श पर बैठे लोग अस्पताल के कर्मचारी थे, न कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Hyderabad Today’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”HYDERABAD #Governement HOSPITAL..just don’t have words to say anything Ye halat hogaye #COVID19 patients ki. Bas Allah rahem kare”

हिंदी में इसे ऐसे पढ़ा जा सकता है, ”हैदराबाद का सरकारी अस्पताल। कहने के लिए कुछ नहीं बचा। ये हालत हो गई COVID-19 मरीजों की। बस अल्लाह रहम करे।”

पड़ताल

वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स ईमेज किए जाने पर हमें अंग्रेजी वेबसाइट ‘द न्यूज मिनट’ की वेबसाइट पर चार जुलाई को प्रकाशित रिपोर्ट का लिंक मिला, जिसमें इस वीडियो के की-फ्रेम का इस्तेमाल किया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल के फर्श पर पीपीई पहनकर बैठे हुए व्यक्ति अस्पताल में सफाई का काम करने वाले कर्मचारी थे। रिपोर्ट में गांधी अस्पताल के प्रवक्ता का भी बयान शामिल है। बयान के मुताबिक, ‘वीडियो में नजर आ रहे दो व्यक्ति सफाई कर्मचारी थे, जो 12 घंटे की शिफ्ट में काम करने के बाद फर्श पर बैठकर आराम कर रहे थे।’

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘दोनों कर्मचारी शिफ्ट खत्म होने के बाद घर जाने के लिए ट्रांसपोर्ट का इंतजार कर रहे थे और इसी दौरान वह बैठकर आराम करने लगे। उन्होंने पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) किट पहन रखा था, जबकि मरीज केवल मास्क पहनते हैं।’

‘न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ की वेबसाइट पर पांच जुलाई को प्रकाशित रिपोर्ट में भी इस घटना का जिक्र है। रिपोर्ट के मुताबिक, पीपीई किट पहने फर्श पर आराम कर रही कर्मचारी महिला थी।

न्यू इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट

इसके बाद हमने न्यूज चैनल Tv9 में हैदराबाद के रिपोर्टर नूर मोहम्मद से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, ‘वायरल वीडियो सही है, लेकिन इसके साथ किया गया दावा गलत है। वीडियो में अस्पताल के फर्श पर बैठे नजर आ रहे व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज नहीं, बल्कि अस्पताल के लिए काम करने वाले सफाई कर्मचारी हैं।’

गौरतलब है कि इससे पहले हैदराबाद के ही एक अन्य अस्पताल उस्मानिया हॉस्पिटल का वीडियो गलत दावे के साथ वायरल हुआ था, जिसकी पड़ताल विश्वास न्यूज ने की थी। विश्वास न्यूज की पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है

वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक पेज को करीब 300 लोग फॉलो करते हैं। इस पेज पर हैदराबाद से जुड़ी खबरों को प्रमुखता से शेयर किया जाता है।

निष्कर्ष: हैदराबाद के गांधी अस्पताल का वीडियो गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अस्पताल के फर्श पर वहां काम करने वाले सफाई कर्मचारी पीपीई किट पहन कर बैठे हुए थे, जिसे कोरोना वायरस संक्रमित मरीज बताकर वायरल किया गया।

  • Claim Review : हैदराबाद के गांधी अस्पताल में कोरोना मरीजों की दुर्दशा
  • Claimed By : FB User-Hyderabad Today
  • Fact Check : झूठ
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