उन्नाव पुलिस के मस्जिद को गिराए जाने का दावा गलत है। सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराए जाने के अभियान के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ साझा किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो बुलडोजर की मदद से कई ढांचें को ध्वस्त करते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव में पुलिस ने एक अभियान के तहत मस्जिद को गिरा दिया।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। उन्नाव पुलिस ने लखनऊ-कानपुर राजमार्ग पर स्थित सिंचाई विभाग की जमीन कब्जा कर अवैध तरीके से किए गए निर्माण को ध्वस्त कर दिया। सरकारी भूमि पर कब्जा करने वाले भू-माफिया के खिलाफ चलाए गए अभियान के वीडियो को मस्जिद को गिराए जाने के दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर ‘Rajeev Tewary’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”उन्नाव वाला बकरा जो बद्रीनाथ को बदरुदीन की जगह बता रहा था उसकी मस्जिद और आसपास के घर उड़ा दिए, एफआईआर दर्ज की और कागज दिखाने को बोला गया अवैध बनी थी मस्जिद और घर. योगी जी वाह योगी जी..।”
सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
‘उत्तर प्रदेश उन्नाव पुलिस अतिक्रमण’ कीवर्ड से न्यूज सर्च करने पर हमें कई न्यूज रिपोर्ट्स मिली, जिसमें उन्नाव में पुलिस की तरफ से अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए चलाए गए अभियान की जानकारी दी गई है।
न्यूज18 डॉट कॉम की वेबसाइट पर 27 जुलाई 2021 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ”लखनऊ-कानपुर हाईवे पर सिंचाई विभाग की बेशकीमती जमीन पर कब्जा कर भू-माफिया ने प्लाटिंग कर उन्हें बेच दिया. इसकी शिकायत पर सीएम कार्यलय से जांच हुई तो पूरा घपला निकलकर सामने आ गया. जिसके बाद सीडीओ, एडीएम और एएसपी कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और कुछ देर बाद ही 8 जेसीबी मशीनें व दो पोकलैंड मशीन भी पहुंच गई. सिंचाई विभाग की जमीन पर खड़ी इमारतें व दुकानों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। जिससे मौके पर हड़कंप मच गया. जिला प्रशासन के अधिकरियों की मौजूदगी में 8 घंटे तक कारवाई जारी रही. कार्रवाई के जद में आए मकान मालिकों में अफरातफरी मच गई. करीब 20 करोड़ की जमीन को जिला प्रशासन ने खाली कराया है. उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री महेंद्र सिंह कार्रवाई शुरू होने से लेकर आखिरी तक नजर बनाए रहे. मंत्री महेंद्र सिंह ने कार्रवाई को लेकर लिखा “उन्नाव में भूमाफियाओं पर बड़ी कार्यवाही, चला योगी का बुलडोजर.”
रिपोर्ट के मुताबिक, ”सोमवार सुबह सीडीओ, एडीएम, एएसपी कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और कुछ देर बाद ही 8 जेसीबी मशीनें व दो पोक लैंड मशीन भी पहुंच गई. सिंचाई विभाग की जमीन पर खड़ी इमारतें व दुकानों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया. जिससे हड़कंप मच गया है. जिला प्रशासन के अधिकरियों की मौजूदगी में 8 घंटे तक कारवाई जारी रही, कार्रवाई के जद में आए मकान मालिकों में अफरा तफरी मच गई. करीब 20 करोड़ की जमीन को जिला प्रशासन ने खाली कराया है.”
इस रिपोर्ट में लगाई गई तस्वीर वायरल वीडियो में नजर आ रहे ढांचें से हूबहू मिलती है। हमें उत्तर प्रदेश के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 26 जुलाई को किया गया ट्वीट भी मिला, जिसमें इस अतिक्रमण को हटाए जाने के अभियान का वीडियो साझा किया गया है।
इसी वीडियो के एक अंश को सोशल मीडिया पर मस्जिद को गिराए जाने के दावे के साथ साझा किया जा रहा है। अब तक की जांच से यह साफ है कि वायरल हो रहा वीडियो सरकारी जमीन पर हुए अतिक्रमण को मुक्त कराने के अभियान से संबंधित है और इस दौरान किसी धार्मिक ढांचे को नहीं गिराया गया। किसी भी न्यूज रिपोर्ट में हमें मस्जिद को गिराए जाने की जानकारी नहीं मिली। वास्तव में वीडियो में गुंबद की तरह नजर आ रहे ढांचें को मस्जिद गिराए जाने के दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक अतिक्रमण को हटाए जाने की कार्रवाई सीडीओ, एडीएम और एएसपी की निगरानी में हुई थी। विश्वास न्यूज ने इसे लेकर उन्नाव के एएसपी शशि शेखर सिंह से बात की। विश्वास न्यूज से बातचीत में उन्होंने बताया, ‘मस्जिद को गिराए जाने की बात पूरी तरह से गलत और अफवाह है। जो ढांचा वीडियो में नजर आ रहा है, वह अतिक्रमण वाली जमीन पर बनाई गई सोसाएटी का गेट था। हमारा पूरा अभियान सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर बनाए गए निर्माण पर केंद्रित था और इस दौरान किसी भी मस्जिद को नहीं गिराया गया।’
सिंह ने कहा, ‘पुलिस को इस बात की जानकारी है कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर इस अभियान के वीडियो को सांप्रदायिक तनाव फैलाने की मंशा के साथ गलत दावे के साथ साझा कर रहे हैं। हम ऐसे लोगों की पहचान कर रहे हैं और जल्द ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’
वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में खुद को धनबाद का रहने वाला बताया है।
निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश के उन्नाव में पुलिस के मस्जिद को गिराए जाने के दावे के साथ वायरल हो रहा पोस्ट भ्रामक है। उन्नाव पुलिस ने सिंचाई विभाग की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराए जाने का अभियान चलाया था और इस दौरान किसी भी मस्जिद को नहीं गिराया गया।
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