Fact Check : कर्नाटक में रामनवमी पर निकाले गए जुलूस का वीडियो अब उज्‍जैन के नाम से वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि उज्‍जैन के नाम पर वायरल वीडियो फेक है। दरअसल कर्नाटक में रामनवमी पर निकाले गए जुलूस के एक वीडियो को एडिट करके अब उसे उज्‍जैन के नाम पर वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो का उज्‍जैन से कोई संबंध नहीं है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया में एक वीडियो को वायरल करते हुए कुछ लोग सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। इस वीडियो में बड़ी संख्‍या में लोगों को एक धर्म विशेष के धार्मिक स्‍थल के सामने जुलूस निकालते हुए देखा जा सकता है। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह वीडियो उज्‍जैन का है। विश्‍वास न्‍यूज ने जब इस वीडियो की जांच की तो हमें पता चला कि कर्नाटक के गुलबर्गा (अब कलबुर्गी) के पुराने वीडियो को एडिट करके फर्जी पोस्‍ट वायरल की जा रही है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Ravi Reddiwar ने 26 अगस्‍त को एक वीडियो को अपलोड करते हुए उस उज्‍जैन का बताते हुए दावा कि उज्जैन (मध्य प्रदेश) की मुहर्रम के जुलूस में “पाकिस्तान ज़िंदाबाद” के नारे लगाए थे। ठीक उसी मस्जिद के सामने दूसरे दिन हिंदुओं ने अपनी एकता और ताक़त का प्रदर्शन कर दिया। उज्जैन पर सारा देश आज गर्व कर रहा है!

फेसबुक पोस्‍ट का कंटेंट यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इस पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखा जा सकता है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं।

यह वीडियो यूट्यूब, वॉट्सऐप से लेकर फेसबुक तक पर फर्जी दावे के साथ वायरल है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने उज्‍जैन के नाम पर वायरल वीडियो का सच जानने के लिए सबसे पहले InVID टूल का इस्‍तेमाल किया। वायरल वीडियो को इस पर अपलोड करके कई ग्रैब्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज टूल में सर्च करना शुरू किया। हमें ओरिजनल वीडियो NCB Creation नाम के एक यूट्यूब चैनल पर मिला। इसे 26 मार्च 2018 को अपलोड करते हुए कर्नाटक का बताया गया। पूरा वीडियो आप यहां देख सकते हैं। इस वीडियो में हमें कहीं भी वह ऑडियो नहीं सुनाई दिया, जो वायरल वीडियो में था। मतलब साफ है कि वायरल वीडियो को एडिट किया गया है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने उज्‍जैन के पुलिस अधीक्षक सत्‍येंद्र कुमार शुक्‍ला से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि यह वीडियो उज्‍जैन का नहीं है। फेक वीडियो फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो और गुलबर्गा के वीडियो को स्‍कैन किया। हमें पता चला कि दोनों वीडियो एक ही हैं। दुकानों के बोर्ड, आसपास की बिल्डिंग के अलावा धार्मिक स्‍थान दोनों वीडियो में एक ही जैसे हैं। मतलब साफ है कि वायरल वीडियो दरअसल कर्नाटक का पुराना वीडियो है।

अब हमें यह जानना था कि उज्‍जैन के नाम पर वायरल वीडियो में पाकिस्‍तान के खिलाफ नारेबाजी का ऑडियो कहां से जोड़ा गया है। हमने इसके लिए यूट्यूब की मदद ली। यहां पर नारेबाजी की लाइनों को टाइप करके सर्च किया तो हमें मिलते-जुलते आवाज के नारे कई वीडियो में मिले। इसमें बताया गया कि महाराष्‍ट्र के ठाणे में एक जुलूस के दौरान ऐसी नारेबाजी की गई थी। यह वीडियो आप यहां देख सकते हैं। हालांकि, विश्‍वास न्‍यूज स्‍वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि नहीं करता है। लेकिन यह तय है कि वायरल वीडियो में मौजूद ऑडियो इंटरनेट पर 2018 से उपलब्‍ध है।

पड़ताल के अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर Ravi Reddiwar ने अपना अकाउंट अक्‍टूबर 2009 में बनाया था। इसके 2700 फ्रेंड हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि उज्‍जैन के नाम पर वायरल वीडियो फेक है। दरअसल कर्नाटक में रामनवमी पर निकाले गए जुलूस के एक वीडियो को एडिट करके अब उसे उज्‍जैन के नाम पर वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो का उज्‍जैन से कोई संबंध नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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