विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि अनिल उपाध्याय के नाम से वायरल हो रही पोस्ट फ़र्ज़ी है। भाजपा में अनिल उपाध्याय नाम का कोई भी विधायक नहीं है। वायरल वीडियो जौनपुर के एक सरकारी स्कूल के सहायक शिक्षक शैलेंद्र दुबे की पिटाई का हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। काल्पनिक भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय के नाम पर एक बार फिर से एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोगों को एक शख्स को पीटते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो को वायरल करते हुए यूजर्स दावा कर रहे हैं कि जिस शख्स की पिटाई हो रही है, वह भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय है।
विश्वास न्यूज की जांच में पहले भी कई बार यह साबित हो चुका है कि भाजपा में इस नाम का कोई विधायक नहीं है। सोशल मीडिया में आए अनिल उपाध्याय के नाम से फर्जी पोस्ट वायरल होती रहती हैं। यदि हम अभी वायरल हो रहे वीडियो की बात कर रहे हैं तो जिस शख्स की पिटाई हो रही है, वह जौनपुर के एक सरकारी स्कूल का सहायक शिक्षक शैलेंद्र दुबे था। जनवरी 2020 में गांव के कुछ ग्रामीणों और छात्राओं के परिजनों ने स्कूल में घुसकर उसकी पिटाई की थी। इस शख्स पर आरोप है कि वह बच्चियों को छेड़ता था।
फेसबुक यूजर Nabijul Islam ने एक वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा : ”BJP विधायक अनिल उपाध्याय की इस हरकत पर क्या कहेगे मोदी जी, इन video को इतना वायरल करो की ये पूरा हिन्दुस्तान देख सके.”
इस पोस्ट को फेसबुक से लेकर WhatsApp तक पर तेजी से वायरल किया जा रहा है। इसके अलावा दूसरे सोशल मीडिया पर भी इसे अपलोड किया जा रहा है।
(फेसबुक पोस्ट का लिंक और आर्काइव लिंक)
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्यान से देखा। इसमें कुछ औरतें और एक युवक एक शख्स को लातों और चप्पलों से पीट रहे हैं। औरतों के कपड़ों और आवाज से हमें यह वीडियो यूपी या बिहार का लगा। औरतों को भोजपुरी में बोलते हुए सुना जा सकता है।
इसके बाद हमने वीडियो को InVID में अपलोड करके कई वीडियो ग्रैब निकाले और फिर इन्हें गूगल और Yandex में अपलोड करके सर्च करना शुरू किया। हमें संबंधित घटना से जुड़ी और खबरें कई जगह मिलीं।
न्यूजस्टेट डॉट कॉम की वेबसाइट पर मौजूद खबर के वीडियो में बताया गया कि जौनपुर के पवारा थानाक्षेत्र के एक स्कूल में बच्चियों के साथ छेड़छाड़ करने के कारण शिक्षक की गांव के लोगों ने पिटाई की।
सर्च के दौरान हमें abpnews की वेबसाइट पर भी एक खबर मिली। इसमें भी वही वीडियो हमें मिला, जो अभी झूठे दावे के साथ वायरल हो रहा है। खबर को 24 जनवरी 2020 को पब्लिश किया गया था। इसमें बताया गया कि ग्रामीणों और बच्चियों के परिजनों ने आरोपी शिक्षक की पिटाई करने के बाद उसे पुलिस को सौंप दिया।
इसके बाद हमने गूगल सर्च की मदद ली। हमने गूगल में ‘जौनपुर में शिक्षक की पिटाई’ टाइप करके सर्च किया। हमें नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर एक खबर मिली। इसमें भी शिक्षक की पिटाई की घटना को जौनपुर के पवारा थानाक्षेत्र का बताया गया। घटना प्राइमरी स्कूल की है। यह खबर 23 जनवरी 2020 को पब्लिश की गई। खबर के अनुसार, आरोपी सहायक शिक्षक का नाम शैलेंद्र दुबे है।
पड़ताल के अगले चरण में हम जौनपुर पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल @jaunpurpolice पर गए। वहां जब हमने हैंडल को स्कैन किया तो हमें 24 जनवरी 2020 का एक ट्वीट मिला। इसमें अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण की बाइट मिली। इसमें पुलिस अफसर को पवारा की घटना के बारे में बताया गया था। बच्ची के पिता की शिकायत के बाद शिक्षक को अरेस्ट कर लिया गया।
जौनपुर के एएसपी ग्रामीण अजय राय ने भी घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपी शिक्षक को अरेस्ट किया जा चुका है। सोशल मीडिया में क्या वायरल हो रहा है, इसका हम कुछ नहीं कर सकते हैं।
पड़ताल के दौरान हम Myneta.info वेबसाइट पर गए। इस वेबसाइट पर देशभर के विधायक और सांसदों का रिकॉर्ड मौजूद है। यहां हमने अनिल उपाध्याय नाम के विधायक और सांसद को खोजना शुरू किया तो हमें इस नाम का कोई विधायक नहीं मिला, जो फिलहाल भाजपा से जुड़ा हुआ हो।
अंत में हमने शिक्षक की पिटाई का वीडियो भाजपा विधायक के नाम से वायरल करने वाले फेसबुक यूजर Nabijul Islam के अकाउंट की सोशल स्कैनिंग की। हमें पता चला कि यूजर धनबाद का रहने वाला है। उसके अकाउंट पर एक पार्टी को निशाना बनाती हुई पोस्ट हमें ज्यादा दिखी।
निष्कर्ष: विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि अनिल उपाध्याय के नाम से वायरल हो रही पोस्ट फ़र्ज़ी है। भाजपा में अनिल उपाध्याय नाम का कोई भी विधायक नहीं है। वायरल वीडियो जौनपुर के एक सरकारी स्कूल के सहायक शिक्षक शैलेंद्र दुबे की पिटाई का हैं।
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