Fact Check: माथे पर ‘जय श्री राम’ लिखी ईंटे लेकर पैदल अयोध्या पहुंचने वाले भक्तों का यह वीडियो पुराना है, भ्रामक दावे के साथ हो रहा वायरल

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास होने के पहले से सोशल मीडिया पर मंदिर निर्माण से जुड़ी कई तस्वीरें और वीडियो गलत दावे के साथ फैलाई जा रही हैं। पांच अगस्त को मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन होने के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दो श्रद्धालुओं को माथे पर ईंट लेकर यात्रा करते हुए देखा जा सकता है।

दावा किया जा रहा है कि मंदिर निर्माण के शिलान्यास की तारीख तय होने के बाद सुदूर तमिलनाडु से दो श्रद्धालु माथे पर ‘जय श्रीराम’ लिखी ईंटे लेकर पैदल ही अयोध्या के लिए चल पड़े हैं। विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। राम मंदिर निर्माण के लिए माथे पर ईंट लेकर चल रहे श्रद्धालुओं का यह वीडियो अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले का है, जिसे हाल का बताकर वायरल किया जा रहा है। साथ ही भक्तों का यह छोटा समूह तमिलनाडु से नहीं बल्कि कर्नाटक के एक गांव से अयोध्या की यात्रा पर निकला था।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Yogi Army’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”राम काज करिबे को आतुर सुदूर तमिलनाडु से सिर पर जय श्रीराम लिखी ईंटें लेकर ये रामभक्त अयोध्या की ओर पैदल ही कूच कर गए हैं। प्रभु श्रीराम के इन भक्तों की भक्ति को नमन कीजिए।”

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को हाल का मानते हुए समान दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

InVID टूल की मदद से मिले वीडियो के की-फ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किए जाने पर हमें यह वीडियो ‘NYOOOZ UP- Uttarakhand l उत्तर प्रदेश- उत्तराखंड’ नाम के यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किया हुआ मिला। इस वीडियो में उन दोनों भक्तों को देखा जा सकता है, जो वायरल वीडियो में माथे पर ईंट रखे हुए नजर आ रहे हैं।

21 अक्टूबर 2019 को अपलोड किए गए इस वीडियो बुलेटिन के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘कर्नाटक बेंगलुरु के मझगांव से आए सैकड़ों राम भक्त अयोध्या पहुंचे। खास बात यह रही कि यह अपने आराध्य श्री राम से मिलने 2000 किलोमीटर की दूरी पैदल नंगे पाव पूरी करते हुए अयोध्या पहुंचे हैं। यह राम भक्त सर पर राम नाम लिखे ईंट को लेकर आए हैं, जो कारसेवक पुरम में राम मंदिर निर्माण के लिए इस ईंट को भेंट कर रहे हैं। 66 दिन पहले यह राम भक्त कर्नाटक से अयोध्या के लिए पैदल चले हैं। आज जब यह अयोध्या पहुंचे तो बेहद उत्साहित नजर आए।’

इसके बाद हमने न्यूज सर्च की मदद ली। सर्च में हमें patrika.com की वेबसाइट पर 15 अक्टूबर को ‘राम मंदिर निर्माण के लिए बेंगलुरु से अयोध्या तक पैदल यात्रा’ शीर्षक से प्रकाशित खबर मिली।

patrika.com की वेबसाइट पर 15 अक्टूबर 2019 को प्रकाशित खबर

खबर में दी गई जानकारी वीडियो में किए गए दावे से मेल खाती है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मंदिर को लेकर चाहे जो फैसला आए, लेकिन श्री राम भक्तों की दिली इच्छा यही है कि जन्मभूमि में मंदिर ही बने। कुछ ऐसी ही इच्छा लेकर कर्नाटक के हुडी ग्राम बेंगलुरु से दो राम भक्त पदयात्रा पर निकले हैं। राम भक्तों की पैदल यात्रा आज कौशांबी पहुंची। दो महीने में यात्रा 1750 किलोमीटर पूरी हुई है और लगभग दो सौ किलोमीटर की यात्रा बाकी है। कर्नाटक के बेंगलुरु जनपद के हुडी ग्राम से 16 अगस्त को एच एस मंजूनाथ व मंजयएस छबीदी अपने सिर पर सीमेंट की पांच किलो वजनी ईंट रखकर अयोध्या के लिए पदयात्रा पर निकले हैं। इनके साथ आधा दर्जन सहयोगी भी हैं।’

विश्वास न्यूज ने इस खबर को लेकर पत्रिका के तत्कालीन रिपोर्टर शिवनंदन साहू से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, ‘यह अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसला आने के पहले की खबर है। मैंने भक्तों के जत्थे में शामिल श्रद्धालुओं से बात कर इस रिपोर्ट को फाइल की थी।’

यानी यह वीडियो अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले का है और वीडियो में नजर आ रहे श्रद्धालु तमिलनाडु से नहीं बल्कि कर्नाटक के एक गांव से पैदल अयोध्या की यात्रा पर निकले थे।

https://www.instagram.com/p/CDvjP-eHw6P/

वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले पेज को करीब 12 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं। यह पेज फेसबुक पर अप्रैल 2017 से सक्रिय है।

निष्कर्ष: सिर पर जय श्रीराम लिखी ईंटें लेकर पैदल अयोध्या आने वाले भक्तों का वायरल हो रहा वीडियो पुराना है, जिसे भ्रामक दावे के साथ हाल का बताकर शेयर किया जा रहा है। वायरल हो रहे वीडियो में भक्तों के तमिलनाडु से अयोध्या आने का दावा किया गया है, जो गलत है। भक्तों का जत्था पैदल चलकर कर्नाटक के एक गांव से अयोध्या पहुंचा था।

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