Fact Check: प्लास्टिक बीड्स के उत्पादन के वीडियो को प्लास्टिक चावल बता कर किया जा रहा है वायरल

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। इस मशीन द्वारा प्लास्टिक के दाने बनाये जा रहे थे, जिन्हे नाजुक वस्तुओं की पैकेजिंग में इस्तेमाल किया जाता है, न की प्लास्टिक के चावल।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक मशीन से छोटे छोटे दाने बनते हुए नज़र आ रहे हैं। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि यहाँ प्लास्टिक के चावल बनाये जा रहे हैं। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। इस मशीन द्वारा प्लास्टिक के दाने बनाये जा रहे थे, जिन्हे नाजुक वस्तुओं की पैकेजिंग में इस्तेमाल किया जाता है।

क्या हो रहा है वायरल?

फेसबुक यूजर ‎’‎Mohammad Mubarak‎’ ने वायरल वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, “Here is the proof of plastic rice, be aware, be careful” जिसका अनुवाद होता है “ये है प्लास्टिक चावल का सबूत, सावधान रहें, सुरक्षित रहें”

इस पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

हमने इस तस्वीर के मूल स्रोत को ढूंढ़ने के लिए इस वीडियो के स्क्रीनशॉट्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल कर ढूंढा। हमें यह वीडियो xinhuanet.com की एक खबर में मिला। खबर के मुताबिक यह वीडियो प्लास्टिक ग्रैन्यूल्स बनाने की प्रक्रिया का है। रिपोर्ट के मुताबिक, “वीडियो में इस्तेमाल होने वाले उपकरण प्लास्टिक उद्योग में बहुत आम हैं और प्लास्टिक के दाने बनाता है। यहाँ प्लास्टिक से छोटे छोटे छर्रे बनाये जाते हैं जो पैकेजिंग में काम आते हैं।

हमने इस विषय में प्लास्टिब्लेंड्स इंडिया लिमिटेड के प्रोडक्शन इंजीनियर रमेश जैन से बात की। उन्होंने हमें बताया “वीडियो में दिख रही मशीन को प्लास्टिक इंडस्ट्री में रिसाइकिल्ड प्लास्टिक से ग्रैन्यूल्स बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह प्रोसेस चीन समेत कई हाई प्लास्टिक प्रोडक्शन देशों में प्रचिलित है।” उन्होंने हमारे साथ इस मशीन का प्रोटोटाइप डिज़ाइन भी शेयर किया।

fssai.gov.in के मिथ बस्टर सेक्शन में भी इस विषय में स्पष्टीकरण देते हुए लिखा गया है ” CLARIFICATION REGARDING PRESENCE OF PLASTIC RICE IN MARKET: It is the natural phenomenon of rice to burn since it is a complex carbohydrate and since rice is 80% starch, it has cohesive and adhesive properties and when the rice is cooked and transformed into a ball, the air gets entrapped & becomes bouncy like a ball. Thus, it should be ruled out that the rice contains plastic.[अनुवाद] बाजार में प्लास्टिक चावल की उपस्थिति के संबंध में स्पष्टीकरण: चावल का जलना स्वाभाविक है क्योंकि यह एक जटिल कार्बोहाइड्रेट है और चूंकि चावल 80% स्टार्च है, इसमें चिपकने वाला गुण होता है और जब चावल को पकाया जाता है और फूल जाता है, क्यूंकि उनमें हवा भर जाती है। ऐसा प्लास्टिक के साथ नहीं हो सकता। इस प्रकार, इस बात से इंकार किया जाना चाहिए कि चावल में प्लास्टिक होता है।”

फेसबुक यूजर ‎Mohammad Mubarak की सोशल स्कैनिंग से पता चला कि वे कश्मीर से हैं और फेसबुक पर उनके 4.9K फ़ॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। इस मशीन द्वारा प्लास्टिक के दाने बनाये जा रहे थे, जिन्हे नाजुक वस्तुओं की पैकेजिंग में इस्तेमाल किया जाता है, न की प्लास्टिक के चावल।

False
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