Fact Check : पीएम मोदी की उन्नाव रैली के वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर किया जा रहा वायरल

विश्वास न्यूज ने पीएम मोदी के वायरल वीडियो की जांच की और पाया वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। पीएम मोदी के जिस वीडियो को वायरल किया जा रहा है, वह एडिटेड है। असली वीडियो में भीड़ को देखा जा सकता है।

Fact Check : पीएम मोदी की उन्नाव रैली के वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर किया जा रहा वायरल

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। यूपी समेत देश के पांच राज्‍यों में विधानसभा चुनाव चरम पर है। इसी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में पीएम मोदी को अभिवादन स्वरूप हाथ हिलाते हुए देखा जा सकता है। इंटरनेट पर इस वीडियो को शेयर करते हुए कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि पीएम मोदी खाली मैदान में हाथ हिला रहे थे।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की विस्‍तार से जांच की। पता चला कि पीएम मोदी का वायरल वीडियो 20 फरवरी का है। उस दिन उन्‍होंने उन्नाव जिले में एक जनसभा कर बीजेपी के लिए वोट मांगे थे। इसी से जुडे़ एक वीडियो को एडिट करके सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। असली वीडियो में भीड़ को देखा जा सकता है। लेकिन वायरल वीडियो में लोगों को हटा दिया गया है।

क्या है वायरल पोस्ट?

फेसबुक यूजर Tanvir alam Idrisi ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “मोदी जी किसको देखकर हाथ हिला रहे हद है नौटंकी बाजी की भी उन्नाव यूपी।”

यूजर द्वारा शेयर की गई पोस्ट के कंटेंट को हूबहू लिखा गया है। पोस्ट के आकाईव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है। एक अन्य फेसबुक यूजर Abdul Jabbar ने भी ऐसे ही मिलते-जुलते दावे को अपने अकाउंट पर शेयर किया है।

पड़ताल –

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें पीएम मोदी का असली वीडियो न्यूज एजेंसी ANI के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर 20 फरवरी 2022 को अपलोड मिला। 28 सेकेंड के इस वीडियो में साफ तौर मैदान में मौजूद भीड़ को देखा जा सकता है। कैप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, उन्नाव में पीएम नरेंद्र मोदी का स्वागत करने के लिए हेलीपैड के पास छतों और इमारतों पर लोग उमड़ पड़े थे। इससे बाद ये साफ होता है कि ओरिजनल वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके उसमें भीड़ को ब्‍लर किया है।

पड़ताल के दौरान हमें भाजपा के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर उन्नाव से जुड़ी रैली के कई अन्य वीडियो भी मिली। वीडियो में साफ तौर पर भारी भीड़ को देखा जा सकता है।

अधिक जानकारी के लिए हमने इस जनसभा को कवर करने वाले दैनिक जागरण के उन्नाव के चीफ रिपोर्टर अंकित मिश्रा से संपर्क किया। हमने वायरल वीडियो को वॉट्सऐप के जरिए उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। पीएम मोदी जब हैलीपेड से उन्नाव में उतरे थे, तो वहां पर भीड़ ही भीड़ मौजूद थी। लोग अपनी छातों पर गलियों में उन्हें देखने के लिए उमड़ पड़े थे। लोग पीएम मोदी के स्वागत में नारे लगा रहे थे और उनकी एक झलक देखने के लिए उमड़ पड़े थे।

विश्वास न्यूज ने जांच के आखिरी चरण में उस प्रोफाइल की पृष्ठभूमि की जांच की, जिसने वायरल पोस्ट को साझा किया था। जांच से हमें पता चला कि Tanvir alam Idrisi एक विचारधारा से प्रभावित हैं। यूजर के फेसबुक पर सात हजार से ज्यादा फॉलोअर्स मौजूद हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने पीएम मोदी के वायरल वीडियो की जांच की और पाया वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। पीएम मोदी के जिस वीडियो को वायरल किया जा रहा है, वह एडिटेड है। असली वीडियो में भीड़ को देखा जा सकता है।

False
Symbols that define nature of fake news
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