Fact Check: पाकिस्तान में हजारा शिया समुदाय के लोगों की हत्या के खिलाफ कारगिल में हुए प्रदर्शन को PoK का बताकर किया जा रहा है वायरल

Fact Check: पाकिस्तान में हजारा शिया समुदाय के लोगों की हत्या के खिलाफ कारगिल में हुए प्रदर्शन को PoK का बताकर किया जा रहा है वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक प्रदर्शन की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि यह पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर में पाकिस्तानी सेना के उत्पीड़न और उनके द्वारा लगातार किए जा रहे मानवाधिकार के उल्लंघन के खिलाफ हुआ प्रदर्शन है।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। विरोध प्रदर्शन का यह वीडियो भारत के कारगिल में पाकिस्तान में हजारा समुदाय के लोगों की हत्या के खिलाफ हुए प्रदर्शन का था, जिसे पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर का बताकर वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

सोशल मीडिया यूजर ‘Ali Reza’ ने वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”Thousands of locals in #Pakistan occupied #Kashmir protested against the atrocities & human rights violations committed for decades on it own people by Pakistan Army. Is this the beginning of the end of Pakistan, the Garrison State?”

पड़ताल

वीडियो में अग्रिम पंक्ति में चल रहे लोगों के हाथों में काले रंग का एक बैनर देखा जा सकता है। इस बैनर पर लिखे शब्द उर्दू में हैं, जिसे समझने के लिए हमने हमारी टीम में शामिल उर्दू की फैक्ट चेकर को इसे दिखाया है। उन्होंने हमें बताया कि बैनर में लिखा हुआ है, ‘पाकिस्तान के सूबे बलोचिस्तान के शहर कोइटा मछ में हुई शिया हजारा बिरादरी की नस्लकशी के खिलाफ अहतजाजी मुजाहिरा यानी विरोध प्रदर्शन।’

प्रदर्शन कर रही भीड़ के हाथों में मौजूद बैनर

इस प्रदर्शन का आयोजन करने वाल संस्था का नाम भी बैनर पर लिखा हुआ है, जो इस प्रकार है, ‘ज़ेरे एहतेमाम: अंजुमन जमीअतुल उलेमा इसना अशरिया करगिल लद्दाख।’

इसके बाद हमने इन की-वर्ड्स के साथ सोशल मीडिया सर्च का सहारा लिया है। सर्च में हमें ‘Daily Excelsior’ नाम के वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर 8 जनवरी को अपलोड किया हुआ एक वीडियो मिला, जिसके एक हिस्से को सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर का बताकर वायरल किया जा रहा है।

चार मिनट 25 सेकेंड के इस वीडियो में 0.02 सेकेंड के फ्रेम में उसी बैनर को देखा जा सकता है, जो वायरल वीडियो में 0.00 सेकेंड से लेकर 0.04 सेकेंड के फ्रेम में है। इसके अलावा वायरल वीडियो में 0.15 सेकेंड के फ्रेम में लोगों की भीड़ के बीच एक गाड़ी को देखा जा सकता है, जिसके ऊपर स्पीकर्स लगे हुए हैं। यही फ्रेम हमें यू-ट्यूब वीडियो में 2.49 सेकेंड पर देखा जा सकता है।

‘Thousands protest against killing of Hazara Shias in Pakistan’ कीवर्ड से सर्च करने पर हमें dailyexcelsior.com की वेबसाइट पर 9 जनवरी को प्रकाशित न्यूज रिपोर्ट मिली, जिसमें इस घटना का विवरण है।

dailyexcelsior.com की वेबसाइट पर 9 जनवरी को प्रकाशित रिपोर्ट

रिपोर्ट के मुताबिक, कारगिल में आठ जनवरी को हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान में 11 हजारा शिया समुदाय के लोगों की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का आयोजन अंजुमन जमीयत उल्लमा इस्ना अशरिया कारगिल (AJUIAK) के नेतृत्व में किया गया। यही नाम प्रदर्शनकारियों के हाथों में मौजूद बैनर पर भी लिखा हुआ है।

हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के जम्मू के प्रभारी रिपोर्टर राहुल शर्मा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि वायरल हो रहा वीडियो पाकिस्तान में हजारा समुदाय के लोगों की हत्या के खिलाफ कारगिल में हुए विरोध प्रदर्शन का है। उन्होंने इस विरोध प्रदर्शन की अन्य तस्वीरों को भी साझा किया, जिसे वायरल वीडियो के कीफ्रेम में देखा जा सकता है।

यानी वायरल हो रहा वीडियो वास्तव में कारगिल में हुए विरोध प्रदर्शन का है, जिसे पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर के नाम पर वायरल किया जा रहा है।

वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में खुद को शिया मुस्लिम बता रखा है। उनकी प्रोफाइल को करीब 600 से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो वास्तव में भारत के कारगिल में हुए विरोध प्रदर्शन का है।

False
Symbols that define nature of fake news
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