नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कश्मीर के नाम से एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ पुलिसवाले एक घर में जबरन घुसे और तोड़फोड़ करते हुए नज़र आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो कश्मीर का है। विश्वास की पड़ताल में यह दावा गलत साबित होता है। वीडियो कश्मीर का नहीं, बल्कि पाकिस्तान के फैसलाबाद का 2013 का है।
फेसबुक यूजर Naseem Ashraf की तरफ से 27 अगस्त को एक वीडियो शेयर किया जाता है, वीडियो में कुछ पुलिसवाले एक घर की दीवार फांदते के साथ-साथ घर के दरवाज़ों को तोड़ते हुए और एक महिला को धक्का देते हुए नज़र आ रहे हैं। पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, ”मीडिया ये दिखाने में लगा है कि कश्मीर में लोग अमन से हैं”।
इस वीडियो को अबतक 1 लाख से ज़्यादा लोगों ने देखा है। वहीं 10,960 लोग शेयर कर चुके हैं।
सबसे पहले हमने वीडियो के inVID टूल के ज़रिये फ्रेम्स निकाले और सर्च किया। सर्च में हमारे हाथ बहुत से लिंक्स लगे और इन्ही में से एक लिंक लगा dunyanews.tv का। इस खबर को 12 जून 2013 को अपडेट किया गया था। इस खबर में उसी तस्वीर को देखा जा सकता है जो वीडियो में है। खबर की सुर्खी है।”At least five police personnel have been suspended for torturing women in Faisalabad”.जिसका हिंदी में अर्थ है, ”फैसलाबाद में महिला को टॉर्चर करने के जुर्म में तक़रीबन 5 पुलिसवालों को किया गया सस्पेंड”
खबर के मुताबिक़, ”फैसलाबाद में बिजली की कटौती को लेकर हड़ताल हो हुई थी और पुलिसवालों ने हड़ताल कर रहे लोगों में से एक के घर में घुसकर महिलाओ को टॉर्चर किया था। जिसके बाद ऐसा करने वाले पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 5 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया।”
गूगल पर ‘pakistan Faisalabad five cops suspended for torturing women’ डाल कर हमने सर्च किया और हमारे हाथ बहुत से लिंक्स लगे। सभी लिंक में हमें यही खबर मिली।
पाकिस्तान की वेबसाइट paktribune की एक खबर लगी, जिसे 12 जून 2013 को छापा गया था। खबर की मौजूद तस्वीर वीडियो के ही एक शॉट से ली गयी है। खबर को नीचे देखा जा सकता है।
वीडियो का शॉट और खबर में लगाई गई तस्वीर एक ही है, यह इससे साबित होता है।
अपनी खबर की तस्दीक़ के लिए हमने दैनिक जागरण के जम्मू और कश्मीर के वरिष्ठ संवाददाता राहुल शर्मा से बात की। उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो कश्मीर का नहीं है। वीडियो में पुलिसवाले जो वर्दी पहने हुए नज़र आ रहे हैं, वो हमारे यहाँ कहीं नहीं पहनी जाती है। इसके अलावा उन्होंने कहा की वीडियो में पुलिसवालों को पंजाबी बोलते हुए सुना जा सकता है, जबकि कश्मीर में कश्मीरी बोली जाती है।
निष्कर्ष: विश्वास टीम की पड़ताल में कश्मीर के नाम से वायरल हो रहा वीडियो फ़र्ज़ी साबित होता होता है। दरअसल यह वीडियो 2013 का पाकिस्तान के फैसलाबाद का है, जहाँ पुलिसवालों ने हड़ताल कर रहे लोगों में से एक के घर में घुसकर तोड़फोड़ की थी। यह वीडियो पहले भी गलत हवाले के साथ वायरल हो चुका है।
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