Fact Check : AAP के एक साल पुराने विरोध प्रदर्शन का वीडियो अब गलत दावे के साथ हुआ वायरल

Fact Check : AAP के एक साल पुराने विरोध प्रदर्शन का वीडियो अब गलत दावे के साथ हुआ वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि गिरती हुई अर्थव्‍यवस्‍था, महंगाई और ट्रैफिक के नियमों के खिलाफ जनता सड़क पर उतर आई है। हमारी पड़ताल में पता चला कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ जो दावा किया जा रहा है, वह फर्जी है। वीडियो पिछले साल 2018 का है। पड़ताल में पता चला कि दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने साथियों के साथ दिल्‍ली में आईएएस अधिकारियों की हड़ताल के खिलाफ एलजी हाउस में धरने पर बैठे हुए थे। उसी को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं ने पीएम आवास की ओर एक मार्च निकाला था, लेकिन ये मार्च संसद भवन से आगे नहीं जा पाया था। घटना 17 जून 2018 की है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट

फेसबुक यूजर Faruk Y Chhipa ने 6 सितंबर को दोपहर 4:38 बजे एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : “देश की जनता प्रधानमंत्री आवास की तरफ निकल चुकी है देश की गिरती हुई अर्थव्यवस्था, महंगाई, ट्रेफिक जैसे कड़क नियम पेट्रोल डीजल और गेस के बढ़ते दाम को लेकर देश की जनता अब मोदीजी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए निकल चुकी है!”

पड़ताल

विश्‍वास टीम ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्‍यान से देखा। हमें कुछ लोग हाथों में तख्‍ती लिए हुए नजर आए। इस पर लिखा था, “LG साहब IAS की हड़ताल खत्‍म कराओ।”

इसके बाद हमने गूगल में “LG साहब IAS की हड़ताल खत्‍म कराओ” कीवर्ड को गूगल में सर्च किया तो News Tak यूटयूब चैनल पर एक वीडियो मिला। इसमें आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता ऐसे ही पोस्‍टर और तख्तियां लिए हुए दिखे। 17 जून 2018 को अपलोड इस वीडियो में बताया गया कि हजारों आप कार्यकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आवास घेरने के लिए मंडी हाउस पर जुटे।

इसी मार्च का एक वीडियो आम आदमी पार्टी के यूट्यूब चैनल पर मिला। इसे 17 जून 2018 को अपलोड किया गया। इस वीडियो में साफतौर से आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह, कैलाश गहलोत और राघव चड्ढा को देखा जा सकता है।

ये तीनों नेता वायरल वीडियो में 15:08वें सेकंड पर भी उसी कपड़े में देखे जा सकते हैं, जो 17 जून 2018 के वीडियो में दिख रहे हैं। कैलाश गहलोत और राघव चड्ढा को गाड़ी पर बैठे हुए देखा जा सकता है, जबकि संजय सिंह उनके पीछे खड़े हुए हैं।

गूगल में जब हमने ‘आम आदमी पार्टी का मार्च’ टाइप करके सर्च किया तो हमें एनडीटीवी की वेबसाइट पर एक खबर मिली। इसमें विस्‍तार से बताया गया कि दिल्‍ली की पूरी सरकार एलजी हाउस में धरने पर बैठी थी। कार्यकर्ताओं ने पीएम हाउस तक एक मार्च निकाला था। हालांकि, दिल्‍ली पुलिस ने उन्‍हें संसद मार्ग से आगे नहीं बढ़ने दिया। यह खबर 17 जून 2018 को पब्लिश की गई थी।

पड़ताल के अगले चरण में हम ट्विटर पर गए। वहां कई कीवर्ड का इस्‍तेमाल करके हमने विरोध प्रदर्शन से जुड़े ट्वीट सर्च करने का प्रयास किया। हमें ANI का एक ट्वीट मिला। इसमें तीन तस्‍वीरों का इस्‍तेमाल करते हुए कहा गया कि मंडी हाउस में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री के धरने के समर्थन में प्रोटेस्‍ट मार्च निकाला। यह ट्वीट 17 जून 2018 को किया गया था। पूरा ट्वीट आप यहां देख सकते हैं।

इसी तरह हमें आम आदमी पार्टी के वरिष्‍ठ नेता मनीष सिसोदिया का एक ट्वीट मिला। इसे भी 17 जून 2018 को किया गया था। इसमें प्रदर्शन की कई तस्‍वीरों को अपलोड करते हुए प्रदर्शन की जानकारी दी गई थी। पूरा ट्वीट आप यहां देख सकते हैं।

आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा के अनुसार, वीडियो पिछले साल 2018 में दिल्‍ली में हुए एक प्रोटेस्‍ट मार्च का है।

अंत में विश्‍वास टीम ने Faruk Y Chhipa नाम के यूजर की सोशल स्‍कैनिंग की। इस अकाउंट से ही आम आदमी पार्टी के पुराने वीडियो को गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है। इस अकाउंट से एक खास दल के खिलाफ पोस्‍ट की जाती है।

निष्‍कर्ष : हमारी पड़ताल में पता चला कि गिरती हुई अर्थव्यवस्था, महंगाई, ट्रैफिक नियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का दावा फर्जी है। वायरल वीडियो 17 जून 2018 का है। उस वक्‍त आम आदमी पार्टी के एक विरोध प्रदर्शन का है।

False
Symbols that define nature of fake news
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