Fact Check : नागा साधुओं के वीडियो का CAA से कोई संबंध नहीं, कुंभ का है वायरल वीडियो

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में ‘नागा साधुओं के सीएए के सपोर्ट में रैली’ निकालने का दावा झूठा निकला। वायरल वीडियो 2019 में प्रयागराज में हुए कुंभ मेले का है। इसका नागरिकता संशोधन कानून से कोई संबंध नहीं है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर देशभर में प्रदर्शनों के बीच अब नागा साधुओं का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में हजारों की तादाद में नागाओं को देखा जा सकता है। सोशल मीडिया में इस वीडियो को वायरल करते हुए कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि प्रयागराज में नागा साधुओं ने नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में एक रैली निकाली। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट का दावा फर्जी साबित हुआ। वायरल वीडियो 2019 के कुंभ मेला का है। इसका CAA से कोई संबंध नहीं है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर राजेंद्र ठाकुर ने 2 जनवरी 2020 को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ”प्रयागराज में हजारों की संख्या में नागा साधु भी आये CAA के समर्थन में…”

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्‍यान से देखा। वीडियो देखकर हमें अंदाजा लग गया कि वायरल वीडियो कुंभ मेले के दौरान का है। इसका सच जानने के लिए हमने Yandex टूल का इस्‍तेमाल किया। वीडियो से कुछ तस्‍वीरों को काटकर हमने Yandex में अपलोड करके सर्च करना शुरू किया। हमें फेसबुक पर ओरिजनल वीडियो मिला। फेसबुक यूजर सुरेश कुमार ने 11 मार्च 2019 को इस वीडियो को अपलोड करते हुए बताया कि यह कुंभ मेले के नागा साधु हैं।

इसके बाद हमने Youtube पर प्रयागराज में कुंभ मेला 2019 टाइप करके सर्च किया। कई पेजों को स्‍कैन करने के बाद हमें जय हिन्‍दू राष्‍ट्र नाम के एक Youtube चैनल पर यह वीडियो मिला। इसे 5 मार्च 2019 को अपलोड किया गया था। इसमें बताया गया कि प्रयागराज कुंभ मेला 2019 में महाकाल की बारात निकाली गई थी। वीडियो उसी दौरान का है।

अब विश्‍वास न्‍यूज ने यह जानने की कोशिश की कि 2019 में कुंभ मेला कहां लगा था। गूगल सर्च के दौरान हमें पता चला कि 15 जनवरी से लेकर 4 मार्च 2019 तक प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन किया गया था।

पड़ताल के दौरान विश्‍वास न्‍यूज ने प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें बताया कि प्रयागराज में नागा साधुओं ने कोई रैली नहीं निकाली है। वायरल पोस्‍ट के दावे का हमारे जिले से कोई संबंध नहीं है।

अंत में हमने फेसबुक यूजर राजेंद्र ठाकुर की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता चला कि इस अकाउंट को नवंबर 2012 को बनाया गया। यूजर हिमाचल प्रदेश का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में ‘नागा साधुओं के सीएए के सपोर्ट में रैली’ निकालने का दावा झूठा निकला। वायरल वीडियो 2019 में प्रयागराज में हुए कुंभ मेले का है। इसका नागरिकता संशोधन कानून से कोई संबंध नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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