नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र विश्वविद्यालय के हॉस्टल में 25 छात्र बम बनाते हुए पकड़े गए। 58 कमरों को सील कर दिया गया है।
विश्वास टीम ने जब इस वीडियो की पड़ताल की तो हमें पता चला कि यह वीडियो कुछ महीने पहले अमरावती के अंबा देवी मंदिर में आतंकी पकड़ाए के नाम पर वायरल हो चुका है। दरअसल जिस वीडियो को महाराष्ट्र विश्वविद्यालय के हॉस्टल का बताया जा रहा है, वह अंबादेवी मंदिर में 27 जुलाई को हुए एक मॉक ड्रिल का है।
रिजवान काजी नाम के एक फेसबुक यूजर ने अंबा देवी मंदिर का एक वीडियो फर्जी दावे के साथ अपलोड किया। काजी का दावा है, ”RSS आतकंवादी का नया अड्डा महाराष्ट्र विश्वविद्यालय हॉस्टल 25छात्र बम बनाते पकड़े 58 कमरे सील मीडिया खामोश क्योंकि एक भी मुसलमान नहीं है सभी आर एस एस संगठन के आतंकवादी है।”
इस वीडियो को 2 सितंबर को सुबह 9:16 बजे अपलोड किया गया।
विश्वास टीम ने सबसे पहले वायरल हो रहे वीडियो को ध्यान से देखा। वीडियो किसी मंदिर के आसपास का नजर आ रहा था। हमें एक गेट के ऊपर श्री अंबा देवी लिखा हुआ नजर आया।
इसके अलावा इस वीडियो को देखकर लगा कि यह किसी मॉक ड्रिल का है। इसके बाद विश्वास टीम ने InVID टूल में वीडियो को अपलोड करके कई स्क्रीनशॉट निकाले। इसके बाद इन स्क्रीनशॉट को हमने गूगल रिवर्स इमेज में सर्च करना शुरू किया। हमें विदर्भ न्यूज 365 नाम के यूट्यूब चैनल पर मिला। इस वीडियो को 27 जुलाई 2019 को अपलोड किया गया था। वीडियो में बताया गया था कि अंबादेवी मंदिर में एक मॉकड्रिल हुई थी।
अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल सर्च में ‘अंबा देवी में आतंकवादी’ कीवर्ड हिंदी में टाइप करके सर्च किया। 31 जुलाई 2019 को सुनीत पटेल नाम के एक यूट्यूब चैनल पर इस वीडियो को अपलोड किया गया था। इसमें आप लोगों को मराठी में बोलते हुए सुन सकते हैं। यह वही वीडियो है जो गलत दावों के साथ वायरल हो रहा है।
इसके बाद विश्वास टीम ने अमरावती के कमिश्नर संजय डी. बविस्कर से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि अंबा देवी में सिर्फ एक मॉक ड्रिल हुई थी। असली आतंकी पकड़ने वाली बात सिर्फ अफवाह है। त्योहारी सीजन में ऐसी मॉक ड्रिल सामान्य बात है।
विश्वास टीम को अब यह जानना था कि महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी आखिर है कहां? यूजीसी की वेबसाइट पर हमें नॉर्थ महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी और महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस मिली। लेकिन सिर्फ महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी के नाम से कोई यूनिवर्सिटी नहीं मिली।
विश्वास टीम ने अंत में उस फेसबुक अकाउंट की सोशल स्कैनिंग की, जिसने मॉक ड्रील के वीडियो को महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के नाम पर वायरल किया। रिजवान काजी नाम का यह यूजर मुंबई में रहता है। इसके अकाउंट पर अधिकांश कंटेंट वह होता है, जो पहले से ही कहीं न कहीं वायरल है।
निष्कर्ष : विश्वास टीम की पड़ताल में पता चला कि महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के नाम पर फर्जी वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो अमरावती में स्थित अंबा देवी मंदिर में हुई एक मॉक ड्रील का है। 27 जुलाई की सुबह यहां एक मॉकड्रिल हुई थी। उसी मॉक ड्रील के वीडियो को फर्जी दावे के साथ सोशल मीडिया में फैलाया जा रहा है।
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