Fact Check: पुणे में सड़कों पर कोरोना संक्रमित मरीजों के खुलेआम घूमने का दावा गलत, मॉक ड्रिल का वीडियो गलत दावे के साथ वायरल
महाराष्ट्र के पुणे में कोरोना संक्रमित मरीजों के खुलेआम सड़कों पर घूमने के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो वास्तव में एक मॉकड्रिल का वीडियो है। पुणे नगर निगम ने कोरोना संक्रमण की स्थिति और उससे निपटने के तैयारियों का जायजा लेने के लिए इस मॉकड्रिल का आयोजन किया था।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Jun 26, 2020 at 01:24 PM
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। कोरोना वायरस के बढ़ते मामले और उससे निपटने की तैयारियों के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ मरीजों को एंबुलेंस में डालकर अस्पताल ले जाते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो को पुणे का बताते हुए दावा किया जा रहा है कि वहां अब सड़कों पर खुलेआम कोरोना संक्रमित मरीज घूमने लगे हैं और उन्हें देखने वाला कोई नहीं है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। जिस वीडियो को पुणे में कोरोना संक्रमित मरीजों के खुलेआम सड़कों पर घूमने के दावे के साथ वायरल किया जा रहा है, वह वास्तव में एक मॉकड्रिल था, जिसका आयोजन कोरोना संक्रमण की स्थिति और उससे निपटने के तैयारियों का जायजा लेने के लिए किया गया था।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर ‘Waghmare Dnyaneshwae’ ने वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए मराठी में लिखा है, ”#पुण्यातील रस्त्यांवर #कोरोनाचे रुग्ण सार्वजानिक ठिकाणी सापडण्यास सुरवात झाली आहे
भयानक परिस्थिती आहे सर्वांनीच आपली व आपल्या कुटुंबाची काळजी घ्या ….
सुरक्षित रहा …🙏🙏🙏”
हिंदी में इसे ऐसे पढ़ा जा सकता है, ”पुणे शहर की गलियों में कोरोना संक्रमित मरीज घूमने लगे हैं। स्थिति बेहद खराब है। अपने परिवार और खुद का ख्याल रखें। सुरक्षित रहें।”
सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
वीडियो को पुणे का बताकर वायरल किया जा रहा था, इसलिए हमने सोशल मीडिया सर्च की मदद से इस वीडियो की सच्चाई का पता लगाने की कोशिश की। ट्विटर पर हमें पुणे के मेयर मुरलीधर मोहोल का वेरिफाइड हैंडल मिला। 23 जून को उन्होंने समान वीडियो को शेयर करते हुए मराठी में लिखा है, ‘पुण्यात आज डेक्कन परिसरात कोरोना संसर्गाच्या पार्श्वभूमीवर मॉक ड्रिल करण्यात आले होते. सर्व यंत्रणांची सतर्कता तपासण्यासाठी हे मॉक ड्रिल करण्यात येत असते. मात्र या व्हिडीओचा वापर करुन वेगळ्या अर्थाने समाजमाध्यमांमध्ये पसरवला जात आहे. कृपया आपण सर्वांनी याची नोंद घ्यावी !’
हिंदी में इसे ऐसे पढ़ा जा सकता है, ‘डेक्कन एरिया में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए आज (23 जून) पुणे में मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। सिस्टम की सतर्कता को जांचने के लिए इस मॉकड्रिल का आयोजन यह देखने के लिए किया गया था, लेकिन इस वीडियो का इस्तेमाल सोशल मीडिया पर अलग-अलग दावे के साथ किया जा रहा है। कृपया इसका ध्यान रखें।’
ट्विटर सर्च में हमें यही वीडियो ‘पुणे मिरर’ के वेरिफाइड हैंडल पर भी मिला। इसके मुताबिक, पुणे नगर निगम ने डेक्कन इलाके में तैयारियों का जायजा लेने के लिए मॉकड्रिल का आयोजन किया था।
विश्वास न्यूज ने डेक्कन के पुलिस निरीक्षक दीपक लगड से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, ‘यह वीडियो डेक्कन में हुई मॉकड्रिल का है, जिसका आयोजन 23 जून को किया गया था। इस दिन डेक्कन इलाके में दो अलग-अलग जगहों पर मॉकड्रिल का आयोजन किया गया था और वायरल हो रहा वीडियो इन्हीं में से एक है।’
इससे पहले सोशल मीडिया पर एक और मैसेज वायरल हुआ था जिसमें दावा किया गया है कि मुंबई और पुणे में 30 मई से दस दिनों के लिए मिलिट्री लॉकडाउन लागू किया जा रहा है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा महज अफवाह साबित हुआ था।
वायरल वीडियो शेयर करने वाले यूजर की फेसबुक प्रोफाइल पर विचारधारा विशेष से प्रेरित पोस्ट को देखा जा सकता है।
निष्कर्ष: महाराष्ट्र के पुणे में कोरोना संक्रमित मरीजों के खुलेआम सड़कों पर घूमने के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो वास्तव में एक मॉकड्रिल का वीडियो है। पुणे नगर निगम ने कोरोना संक्रमण की स्थिति और उससे निपटने के तैयारियों का जायजा लेने के लिए इस मॉकड्रिल का आयोजन किया था।
- Claim Review : पुणे में सड़कों पर खुलेआम घूम रहे कोरोना संक्रमित मरीज
- Claimed By : FB User- Waghmare Dnyaneshwae
- Fact Check : झूठ
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