Fact Check : सऊदी अरब में अपहरण के वीडियो को बदायूं का बताकर किया गया वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में बदायूं के नाम पर अपहरण का वीडियो सऊदी अरब का निकला। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित होती है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफॉर्म्‍स पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। 24 सेकेंड के इस वीडियो में कुछ लोगों को पंप के कर्मचारी को अपहरण करते हुए देखा जा सकता है। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि वायरल वीडियो यूपी के बदायूं का है। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की तो वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। हमारी जांच में पता चला कि अपहरण की घटना सऊदी अरब में हुई थी। उसी घटना के वीडियो क्लिप को कुछ लोग यूपी के बदायूं के नाम पर वायरल कर रहे हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर हेमंत कुमार ने 11 अक्‍टूबर को एक वीडियो अपलोड करते हुए दावा किया : ‘डीजल की ऐसी मंहगाई की, पेट्रोल डालने वाले कर्मचारी को ही ले गए क्योंकि उसकी जेब में दिन भर का पेट्रोल का कैश था। उत्तर प्रदेश के बदायूं की घटना…’

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। यह वीडियो ट्वीट, वॉट्सऐप और फेसबुक पर ज्‍यादा वायरल है। पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले गूगल सर्च टूल का इस्‍तेमाल किया। यहां संबंधित कीवर्ड टाइप करके हमने यह जानने का प्रयास किया कि क्‍या बदायूं में ऐसी कोई घटना घटी है क्‍या। सर्च के दौरान हमें एक भी ऐसी खबर नहीं मिली, जो वायरल पोस्‍ट के दावों पर सच्‍चाई की मुहर लगा सकते है।

जांच को आगे बढ़ाते हुए InVID टूल की मदद ली गई। इसमें वायरल वीडियो को अपलोड करके कई ग्रैब्‍स निकाले गए। इन्‍हें अलग-अलग रिवर्स इमेज टूल्‍स में अपलोड करके खोजा गया तो हमें कई जगह असली वीडियो मिला। हमें अरबटाइम्‍स ऑनलाइन डॉट कॉम पर एक खबर मिली। यहां वायरल वीडियो का इस्‍तेमाल करते हुए इस घटना को सऊदी अरब की बताया गया। खबर में यह भी बताया गया कि इस घटना के बाद आरोपियों को पकड़ा भी जा चुका है। पूरी खबर यहां पढ़ें।

गल्‍फ न्‍यूज की वेबसाइट पर 2 अक्‍टूबर को पब्लिश एक खबर में बताया गया कि गैस स्‍टेशन के कर्मचारी को अपहरण करने के जुर्म में तीन सऊदी नागरिकों को अरेस्‍ट किया गया। खबर में यह भी बताया गया कि अपहरण की वीडियो क्लिप वायरल हो गई थी।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने दैनिक जागरण के बदायूं के जिला संवाददाता कमलेश कुमार से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को वॉट्सऐप के माध्‍यम से शेयर किया। उन्‍होंने वीडियो देखकर बताया कि यह बदायूं का नहीं है। ऐसी कोई भी घटना उनके जिले में नहीं घटी है। वायरल पोस्‍ट में किया गया दावा फर्जी है।

अब बारी थी विदेश की घटना को फर्जी दावे के साथ यूपी का बताकर वायरल करने वाले यूजर की जांच करने की। फेसबुक यूजर हेमंत कुमार की सोशल स्‍कैनिंग से पता चला कि यूजर वाराणसी का रहने वाला है। राजनीति में सक्रिय यह यूजर एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में बदायूं के नाम पर अपहरण का वीडियो सऊदी अरब का निकला। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित होती है।

False
Symbols that define nature of fake news
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