Fact Check : अयोध्‍या के राम मंदिर के नाम पर वायरल हुआ कर्नाटक का वीडियो

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में राम मंदिर अयोध्‍या के नाम से वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। कर्नाटक के एक मंदिर के वीडियो को कुछ लोग अयोध्‍या का बताकर वायरल कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक बंदर को खंभे पर बैठकर उसे हिलाते हुए देखा जा सकता है, जिस पर कई सारी घंटियां लगी हुई हैं। वीडियो में घंटियों की आवाज भी सुनी जा सकती है। फेसबुक यूजर्स इस वीडियो को अयोध्‍या के राम मंदिर का बताकर वायरल कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। वायरल वीडियो का अयोध्‍या से कोई संबंध नहीं है। यह कर्नाटक के एक मंदिर का पुराना वीडियो है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज अनुज ने 30 जुलाई को एक वीडियो को शेयर किया। वीडियो को अयोध्‍या का बताते हुए अंग्रेजी में लिखा गया कि ‘It is daily seen at the Aarti time Ayodhya Ram Mandir…’

इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की सच्‍चाई जानने के लिए ऑनलाइन टूल की मदद से पड़ताल शुरू की। सबसे पहले वायरल वीडियो को हमने InVID टूल में अपलोड करके कई ग्रैब निकाले। फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च करना शुरू किया। वायरल वीडियो हमें कई यूट्यूब चैनलों पर मिला।

हमें यह जानना था कि आखिर यह वीडियो कहां का है। हमने टाइम लाइन टूल का इस्‍तेमाल करते हुए वीडियो को फिर से खोजना शुरू किया। सबसे पुराना वीडियो हमें MANJUNATH G नाम के एक यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को यहां 10 सितंबर 2018 को अपलोड किया गया था। वीडियो को कर्नाटक के देवरायनदुर्गा टेंपल का बताया गया। पूरा वीडियो नीचे देखें।

जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने फिर से एक बार गूगल की मदद ली। गूगल सर्च के दौरान हमें देवरायनदुर्गा टेंपल की कुछ फोटो मिलीं। इसमें से एक तस्‍वीर में वही खंभा देखा जा सकता है, जिसकी घंटियों को बंदर हिला रहा था।

जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने दैनिक जागरण, अयोध्‍या के ब्‍यूरो चीफ रामशरण अवस्‍थी से संपर्क किया। उनके साथ अयोध्‍या के नाम पर वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्‍होंने हमें इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस वायरल वीडियो का अयोध्या से कोई संबंध नहीं है। अयोध्या में इस समय राम मंदिर की नींव तैयार की जा रही है। मंदिर तैयार होने में अभी लगभग ढाई वर्ष का समय और लगेगा।

पड़ताल के अंत में हमने फेसबुक पेज अनुज की सोशल स्‍कैनिंग की। यूजर वायरल कंटेंट को ज्‍यादा शेयर करता है। इस पेज को 31 दिसंबर 2011 को बनाया गया।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में राम मंदिर अयोध्‍या के नाम से वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। कर्नाटक के एक मंदिर के वीडियो को कुछ लोग अयोध्‍या का बताकर वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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