Fact Check : जोधपुर हिंसा में घायल पुलिसकर्मी के वीडियो को गलत दावों के साथ किया गया वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ। वायरल वीडियो में दिख रहे पुलिसकर्मी के सिर पर लगी चोट नकली नहीं है। जोधपुर में हुए बवाल के दौरान पुलिसकर्मी के सिर पर पत्थर लगी थी।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। राजस्थान के जोधपुर में ईद की नमाज के दौरान हुए बवाल के बाद सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर 22 सेकेंड का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में अखबार की एक कटिंग के साथ एक पुलिस वाले को अपने सिर पर खून से सना हुआ रूमाल बांधते हुए देखा जा सकता हैं। यूजर वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि पुलिस वाला खून से सना रूमाल खुद बांधता है और सिर पर चोट लगने का नाटक कर रहा है।

विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ। हिंसा के दौरान पुलिस वाले के सिर पर चोट लगी थी और आरोपियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज मेहरौना घाट ने 6 मई को वायरल वीडियो अपने अकाउंट से शेयर करते हुए लिखा : “जिस पुलिस वाले के लगी उसको गौर से देखना अखबार में फ़ोटो आया खून से सना रुमाल पुलिस वाला खुद बांधता है, और अखबार फ़ोटो लगाता है कि पथराव में आमजन और पुलिस घायल। सोशल मीडिया में तेज़ी से वायरल हो रही है ये वीडियो । जिस पुलिस वाले को चोट लगी है, उसकी असलियत वीडियो में कैद हो गई…अब सवाल ये पैदा होता है की क्या इसकी जांच हो पाएगी? क्या इस पर झूठ फैलाने के जुर्म में सख्त कार्रवाई होगी? अखबार भी पूरी तरह से इस फर्जीवाड़ा में शामिल दिखाई दे रहा है ।”

सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर कई अन्य यूजर्स ने भी इसे शेयर किया है। फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट के कंटेंट को ज्यों का त्यों लिखा गया है। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज़ ने वायरल वीडियो के साथ किए जा रहे दावे की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले वीडियो को इनविड टूल में अपलोड करके वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उसे गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद से सर्च किया। सर्च के दौरान हमें ईटीवी राजस्थान के बेवसाइट पर 6 मई को एक रिपोर्ट प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, “सरदारपुरा थाने के एएसआई धन्नाराम के सिर में पथराव से चोट आई थी। जिससे खून बहने लगा था। बहते खून को पोंछने के लिए एएसआई ने रूमाल निकाल कर सिर पर बांध लिया। इस दौरान खून उसके हाथ में लग गया।”

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने कीवर्ड की सहायता से गूगल ओपन सर्च किया। जहां हमें जोधपुर पुलिस के अधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर 6 मई को अपलोड एक ट्वीट मिली। जिसमें वायरल वीडियो को भ्रामक बताया गया और आरोपियों पर एफआईआर दर्ज करने की पुष्टि की गई। यहां देखें ट्वीट।

अधिक जानकारी के लिए विश्वास न्यूज ने सरदारपुरा थाने के एएसआई धन्नाराम से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि ड्यूटी के दौरान उन्हें तीन पत्थर लगे, जिनमें से एक पत्थर उनकी बाईं आंख के ऊपर लग गया था। जिसके कारण खून बहने लगा। जिसके बाद उनके सहयोगी ने रूमाल देकर उसे बांधने को कहा, क्योंकि खून बहने के कारण उनके चेहरे पर खून आ गया था। इसलिए उन्होंने पहले रूमाल से खून पोछा फिर बाद में रूमाल सिर पर बांधा। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि अफवाह फैलाने वाले कई ट्विटर अकाउंट सहित लोकल समाचार पत्र पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
 
पुष्टि के लिए हमने दैनिक जागरण के जोधपुर रिपोर्टर रंजन दवे से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि यह घटना सत्य है कि पुलिस वाले को चोट लगी है, लेकिन कुछ भ्रामक खबरें आ रही है। जिसमें इसे फेक बताया गया है, जबकि हकीकत में पुलिस के सिपाही के स‍िर और हाथ में चोट लगी थी।

पड़ताल के दौरान हमने जोधपुर के संस्‍करणों को खंगालना शुरू किया। दैनिक भास्‍कर के 3 मई के जोधपुर संस्‍करण में हमें पुलिसवाले की वह तस्‍वीर और कटिंग नजर आई, जिसे वायरल वीडियो में जोड़कर वायरल किया जा रहा है। इसे आप नीचे देख सकते हैं।

पड़ताल के अंत में विश्वास न्यूज ने फर्जी वीडियो शेयर करने वाले फेसबुक पेज की सोशल स्कैनिंग की। फेसबुक पेज मेहरौना घाट को 13 हजार लोग फॉलो करते हैं। फेसबुक पेज को सऊदी अरब से संचालित किया जा रहा है, तथा यह पेज 2016 से फेसबुक पर एक्टिव है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ। वायरल वीडियो में दिख रहे पुलिसकर्मी के सिर पर लगी चोट नकली नहीं है। जोधपुर में हुए बवाल के दौरान पुलिसकर्मी के सिर पर पत्थर लगी थी।

False
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