Fact Check : दिल्ली के पूर्व कांग्रेस विधायक आसिफ खान के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ मध्य प्रदेश का बताकर किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो नवंबर 2022 में दिल्ली में पूर्व कांग्रेस विधायक आसिफ खान और एक पुलिस अधिकारी के बीच हुए टकराव का है, जिस अब गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है। पूर्व कांग्रेस विधायक आसिफ खान ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे नहीं लगाए थे। वो चुनावी नियमों का उल्लंघन कर रहे थे, जिसे पुलिसकर्मी ने रोकने की कोशिश की थी। इस पर वे उस पुलिसकर्मी के साथ बदसलूकी करने लगे थे। पुलिस के साथ अभद्र व्यवहार करने पर उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी।

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। मध्य प्रदेश में जल्द ही विधानसभा के चुनाव होने वाले है। चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में एक कांग्रेस नेता पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहा था। तभी वहां पर एक पुलिसवाला उन्हें रोकने के लिए आया, तो कांग्रेस नेता ने पुलिसवाले को जान से मारने की धमकी दे डाली। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। यह घटना नवंबर 2022 में दिल्ली में पूर्व कांग्रेस विधायक आसिफ खान और एक पुलिस अधिकारी के बीच हुए टकराव का है, जिसे अब गलत दावों को साथ शेयर किया जा रहा है। पूर्व कांग्रेस विधायक आसिफ खान ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे नहीं लगाए थे। वो पीएम मोदी को लेकर आपतिजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे, जिसे पुलिसकर्मी ने रोकने की कोशिश की थी। इस पर वो उस पुलिसकर्मी के साथ बदसलूकी करने लगे थे। पुलिस के साथ अभद्र व्यवहार करने पर उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी।

क्या हो रहा है वायरल ?

ट्विटर यूजर ‘हर्ष व्यास’ ने वायरल वीडियो को 26 जून 2023 को शेयर करते हुए लिखा है, “मध्यप्रदेश के एक कांग्रेसी नेता को पाकिस्तान जिंदाबाद नारा लगाने से रोकने वाले पुलिस कर्मियों की हालत खराब कर दी ये लोग बेचारे को जान से मारने की धमकी देने लगे सोचो अगर देश में और राज्य में अगर गलती से भी कांग्रेस आ गई तो पूरे देश में हाहाकार मच जायेगा।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखे।

https://twitter.com/Harsh2147/status/1673052128468930560

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 26 नवंबर 2022 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में दिल्ली पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर के साथ गाली-गलौज और मारपीट का मामला सामने आया है। आरोपित की पहचान कांग्रेस से दिल्ली नगर निगम पार्षद प्रत्याशी आरिबा खान के पिता के अलावा पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान के रूप में हुई है। इस मामले में अब आसिफ मोहम्मद खान को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पीड़ित एसआई अक्षय की शिकायत पर आरोपित के खिलाफ शाहीन बाग थाने में मामला दर्ज किया गया था और फिर गिरफ्तारी भी हो गई थी।

हमें रिपोर्ट में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं मिला कि आसिफ खान ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे। पड़ताल के दौरान हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट ‘एबीपी न्यूज’ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिली। वीडियो रिपोर्ट को 26 नवंबर 2022 को अपलोड किया गया है। यहां पर भी रिपोर्ट में यही बताया गया है कि पूर्व कांग्रेस विधायक आसिफ खान को पुलिसकर्मियों के साथ बदसलूकी करने पर गिरफ्तार किया गया।

हमें इस घटना से जुड़ी कई अन्य न्यूज रिपोर्ट भी मिली, लेकिन किसी भी रिपोर्ट में हमें पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जाने का जिक्र नहीं मिला।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए इस घटना को कवर करने वाले ईटीवी के पत्रकार अरविंद द्विवेदी से हमने संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल दावा गलत है। यह वीडियो मध्य प्रदेश नहीं दिल्ली का है और आसिफ खान ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे नहीं लगाए थे। वहां पर आरिफ खान जिंदाबाद के नारे लगे थे। ये वीडियो एमसीडी चुनाव प्रचार के दौरान का है, वो चुनावी नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। वो अपने समर्थकों के सामने पीएम मोदी के बारे में अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे थे। जब पुलिसकर्मी ने इन्हें रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने पुलिसकर्मी के साथ भी बदसलूकी की। 

अंत में हमने वीडियो को गलत दावों के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को 4,234 लोग फॉलो करते हैं। यूजर की प्रोफाइल पर खुद को मध्य प्रदेश का रहने वाला बताया है। यूजर नवंबर 2019 से सोशल मीडिया पर मौजूद हैं। 

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो नवंबर 2022 में दिल्ली में पूर्व कांग्रेस विधायक आसिफ खान और एक पुलिस अधिकारी के बीच हुए टकराव का है, जिस अब गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है। पूर्व कांग्रेस विधायक आसिफ खान ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे नहीं लगाए थे। वो चुनावी नियमों का उल्लंघन कर रहे थे, जिसे पुलिसकर्मी ने रोकने की कोशिश की थी। इस पर वे उस पुलिसकर्मी के साथ बदसलूकी करने लगे थे। पुलिस के साथ अभद्र व्यवहार करने पर उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी।

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